- सत्ताधारी दल के ब्लॉक अध्यक्ष ने बाकायदा खुलेआम शामिल होकर चिरमिरी के पक्ष में उठाई आवाज
- चिरमिरी को जिला बनाने आगे और भी होंगे आंदोलन एवम धरना प्रदर्शन कहते नजर आए शामिल लोग।
- विधायक के खास समर्थकों के अलावा अन्य कांग्रेसी दिखे चक्काजाम में शामिल।
- व्यापार संघ हल्दीबाड़ी और चिरमिरी जिला मुख्यालय बनाओ संघर्ष समिति के तत्वावधान में यातायात चौक पर हुआ जमकर प्रदर्शन
- चिरमिरी में जिला मुख्यालय बनाने को लेकर हुआ चक्काजाम,भाजपा जोगी कांग्रेस सहित सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी भी हुए शामिल
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 28 अगस्त 2022 (घटती-घटना)। नवीन एमसीबी जिले की घोषणा के बाद से ही नगर निगम चिरमिरी क्षेत्र में मायूसी देखी जाती रही है और लगातार चिरमिरी में जिला मुख्यालय बनाने की मांग उठती चली आ रही है और उसी तारतम्य में अब जब सितम्बर माह में जिला मुख्यालय का उद्घाटन मनेंद्रगढ़ में होने जा रहा है जिसको लेकर अब चिरमिरी वासियों के आक्रोश का बांध फुट पड़ा है और उन्होंने दिनांक 26 अगस्त को चक्काजाम आंदोलन का आगाज किया जिसे भाजपा जोगी कांग्रेस सहित सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों का भी समर्थन मिला। जिला मुख्यालय की मांग को लेकर चिरमिरी में अयोजित चक्काजाम आंदोलन लगभग सफल भी रहा और सभी चिरमिरी वासियों ने इसमें शामिल होकर अपने हक़ की लड़ाई बताते हुए इसका समर्थन भी किया। सबसे महत्वपूर्ण बात जो इस आंदोलन की रही वह यह कि इसमें अपनी ही सरकार के विरोध में कांग्रेसी भी नजर आए और निर्णय बदलने को लेकर उन्होंने उस आंदोलन में भाग लिया जो कहीं न कहीं सरकार स्वयं मुख्यमंत्री का निर्णय या घोषणा है।
शहरवासी बोले,जो चिरमिरी हित में बात करेगा, वही चिरमिरी में राज करेगा
चिरमिरी जिला मुख्यालय बनाओ संघर्ष समिति के तत्वावधान में शुक्रवार को तीन घंटे तक यातायात चौक पर चक्काजाम कर अपनी मांगें रखी गई। इस दौरान चिरमिरी में नवीन जिला मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर (एमसीबी) का मुख्यालय आवाज बुलंद की। इधर चिरमिरी में दो अगस्त से क्रमिक भूख हड़ताल जारी रखा गया है। नगर निगम चिरमिरी के यातायात चौक पर सुबह निर्धारित समय पर शहरवासी एकत्रित हुए। फिर महिला, पुरुष, युवा व बुजुर्ग बीच सड़क पर बैठकर चक्का जाम कर दिया। इस दौरान शहरवासियों ने जमकर नारे लगाए। शहरवासी एक स्वर में बोले, जो चिरमिरी हित में बात करेगा, वही चिरमिरी में राज करेगा…।
21 बिन्दुओं पर दावा प्रस्तुत कर चिरमिरी से 8540 दावा सौंपे गए थे, लेकिन दावों की जन सुनवाई नहीं
कुछ कांग्रेस के नेताओं का समर्थन मिला और शहर की महिलाओं ने सड़कों पर बैठकर विरोध जताया। संघर्ष समिति ने कहा कि चिरमिरी में जिला मुख्यालय बनाने लगभग 150 एकड़ से ज्यादा शासकीय व नगर निगम की जमीन उपलब्ध है। हमने नवीन जिला मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के लिए प्रकाशित राजपत्र सूचना के अनुसार सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग छत्तीसगढ़ शासन को 21 बिन्दुओं पर दावा प्रस्तुत कर जिला मुख्यालय बनाने और चिरमिरी से 8540 दावा सौंपे गए थे। लेकिन दावों की जन सुनवाई नहीं करना समझ से परे है। चिरमिरी-नागपुर मार्ग पर ट्रांसपोर्ट नगर प्रतीक्षा बस स्टैण्ड के सामने रिक्त पुराने आईटीआई भवन व लाइवलीवुड भवन खाली पड़ा है। सघर्ष समिति चिरमिरी के साथ स्थानीय नागरिकों ने नवीन जिला का मुख्यालय व कार्यालय बनाने के लिए भवनों की सूची मुख्यमंत्री व सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन को सौंप रखी है।
विधायक समर्थक ने सोशल मिडिया पर लिखा
एक विधायक समर्थित व्यक्ति ने लिखा चिरमिरी में भाजपा, जोगी कांग्रेस व जिला बनाओ संघर्ष समिति व व्यापार संघ चिरमिरी के कुछ सदस्यों ने संयुक्त रूप से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन व चक्का जाम किया, सबको अपने अपने मांगो को लेकर अभिव्यक्ति के साथ शांति से प्रदर्शन करने का अधिकार भी है और किसी भी संगठन के दृष्टि से सही भी लेकिन आज एक चीज देखने मे बड़ा मजा आया की इस आंदोलन में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी चिरमिरी के बड़े हैवी ब्लॉक अध्यक्ष ने भी बड़े जोर शोर से अपने साथियो के साथ इसमें भाग लिया और उनकी उपस्थिति में ही भूपेश सरकार डरता है पुलिस को आगे करता है।भूपेश बघेल हाय हाय राज्यसरकार होश में आओ,हमारी मांगे पूरी करो जैसे नारे लगाए गए, इस बात पर मेरे मन मे प्रश्न ये आता है कि ये तो स्वयं वर्तमान राज्य सरकार के प्रतिनिधि है क्या वर्तमान ब्लॉक अध्यक्ष की बात की अब पार्टी में कोई वैल्यू नही रह गयी? जिससे इनको आंदोलन में शामिल होना पड़ रहा या पार्टी में गिरते अपनी स्थिति व सम्मान को देखते हुए, आंदोलन में थोड़ी सी भीड़ बढ़ता देख लोगो मे बीच मे दिखावे का नाममात्र के लिए शामिल होना था।
शहरवासी बोले,चिरमिरी से रायपुर पैदल यात्रा कर सीएम से मिलने पहुंचे थे
चिरमिरी जिला मुख्यालय बनाओ संघर्ष समिति ने बताया कि एक वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री ने मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर को जिला बनाने की घोषणा की। उसके बाद चिरमिरी में जिला मुख्यालय बनाने को लेकर कई महीनों तक धरना प्रदर्शन हुआ। चिरमिरीवासियों ने पैदल चलकर रायपुर में मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा था। लेकिन जब जिला मुख्यालय कहीं और बनाने की बात सामने आई तो हल्दीबाड़ी मुख्य चौक पर चक्का जाम किया गया है। वहीं दूसरी ओर धरना स्थल पर भारी संख्या में पुलिस तैनात रही और कुछ महिलाओं के साथ बदसलूकी करने की बात सामने आई। धरना प्रदर्शन को उग्र होता देख पुलिस ने सख्ती दिखाई और प्रदर्शनकारियों को पुलिस वाहनों में भरकर जबरन थाना ले जाया गया।
सत्ताधारी दल कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष ने इसे अधिकार की लड़ाई बताया
चक्काजाम आंदोलन को सत्ताधारी दल कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष ने अधिकार की लड़ाई बताया और उन्होंने कहा कि चिरमिरी को तो जिला तभी बन जाना था जब बैकुंठपुर को जिला मुख्यालय बनाया गया था और अब पुनः चिरमिरी के साथ अन्याय हुआ है और चिरमिरी को जिला बनाने की वह अपनी मांग पर अडिग हैं। इस आंदोलन में शामिल होकर ब्लॉक अध्यक्ष कांग्रेस ने साबित कर दिया कि वह चिरमिरी के साथ हैं और वह दल के निर्णय के विरुद्ध जाकर आंदोलन का समर्थन कर रहें हैं।
व्यापार संघ एवम जिला बनाओ संघर्षों समिति के संयुक्त तत्वाधान में अयोजित था चक्काजाम
चिरमिरी में जिला बनाने की मांग को लेकर अयोजित चक्काजाम को व्यापार संघ एवम जिला बनाओ संघर्ष समिति के संयुक्त प्रयास से अयोजित किया गया था और जिसे भाजपा, जोगी कांग्रेस सहित कांग्रेस पार्टी का भी साथ मिला।
जिला मुख्यालय बनाओ संघर्ष समिति ने रायपुर तक किया था पैदल मार्च
चिरमिरी को जिला बनाओ संघर्ष समिति ने जिला मुख्यालय की मांग को लेकर चिरमिरी से रायपुर तक कि पैदल यात्रा भी की थी जिसका भी परिणाम कुछ नहीं मिल पाया था और उन्हें प्रदेश के मुखिया के दरबार से खाली हांथ ही लौटना पड़ा था।
सरकार के खिलाफ नारों के बीच कांग्रेसियों ने चक्काजाम आंदोलन का दिया साथ
जैसा कि बताया जा रहा है कि आंदोलन में सरकार विरोधी नारे लगाये गए और इसके बावजूद कांग्रेस पार्टी के कई पदाधिकारियों सहित कार्यकर्ताओं को आंदोलन में शामिल होते देखा गया यही नही उन्हें मांग के समर्थन में बयान भी देते देखा गया।
विधायक समर्थक नहीं शामिल हुए आंदोलन में
चिरमिरी को जिला बनाने की मांग को लेकर अयोजित चक्काजाम कार्यक्रम में विधायक समर्थक कांग्रेसियों को शामिल होते नहीं देखा गया,विधायक समर्थक कांग्रेसियों ने पूरे आयोजन से दूरी बनाए रखी और आंदोलन का बहोत ज्यादा विरोध भी नहीं किया जो सुनने को मिला।
पुलिस भी चक्काजाम प्रदर्शन रोक नहीं पाई
चिरमिरी को जिला बनाने की मांग को लेकर अयोजित चक्काजाम आंदोलन को पुलिस ने काफी प्रयास कर रोकने का प्रयास किया लेकिन जब सत्ताधारी दल कांग्रेस के लोग ही आंदोलन में शामिल दिखे तब पुलिस भी मजबूर दिखी और आंदोलन को होने देने का ही प्रयास अपनी तरफ से किया।
मनेंद्रगढ़ विधायक की ट्विन सिटी की घोषणा से सहमत नहीं चिरमिरी वासी
जब मुख्यमंत्री ने एमसीबी नवीन जिले की घोषणा की तभी से चिरमिरी वासी जिला मुख्यालय की मांग को लेकर अडिग हैं वहीं चिरमिरी वासियों को विधायक की उस घोषणा पर भी विश्वास करते नहीं देखा जा रहा है जिसमे उन्होंने ट्विन सिटी बनाने की बात कही थी,कुल मिलाकर चिरमिरी वासी जान चुके हैं कि मुख्य कार्यालय मनेंद्रगढ़ में ही स्थापित होंगे छिटफुट कार्यालय ही चिरमिरी के हिस्से में आएंगे जिससे चिरमिरी का कोई भला नहीं होने वाला।
चिरमिरी अपने अस्तित्व के लिए लड़ड़ रहा लड़ाई
चिरमिरी में जारी जिला बनाओ संघर्ष चिरमिरी के अस्तित्व के लिए है यह कहना गलत नहीं होगा क्योंकि जिला बनने के बाद ही चिरमिरी को स्थायित्व मिल सकता है वरना प्रतिदिन जारी पलायन की वजह से चिरमिरी अब अपने अस्तित्व के लिए ही एक प्रश्नचिन्ह बनता जा रहा है।
मनेंद्रगढ़ विधायक की चुनाव में बढ़ सकती है मुसीबत
चिरमिरी वासी यदि संतुष्ट नहीं होते हैं तो मनेंद्रगढ़ विधायक के लिए यह खतरे की घंटी है क्योंकि नवीन जिले से खड़गवां वासी भी संतुष्ट हैं ऐसा नहीं दिखता, वहीं चिरमिरी पूरी तरह असंतुष्ट है ऐसे में केवल मनेंद्रगढ़ के वोट बैंक के सहारे उनकी नया चुनाव में पार होती दिखाई नहीं दे रही है वहीं मनेंद्रगढ़ में भाजपा का वैसे भी जनाधार कमजोर है और उसे परंपरागत ही वोट मिलते रहें हैं ऐसे में चिरमिरी और खड़गवां क्षेत्र की नाराजगी का सीधा फायदा भाजपा को होगा जो चुनाव में सामने आ सकता है।