रायपुर@तिजहारिन माताओ-बहनो का मायका बना सीएम हॉउस

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तीजा-पोरा तिहार की दिखी धूम,ऐसे मना रहे जश्न
रायपुर,27 अगस्त 2022। सीएम हॉउस मे आज तीजा-पोरा तिहार की धूम देखने को मिल रही है. इसके लिए पूरे मुख्यमत्री निवास को पारम्परिक रूप मे सजाया गया है. तीन दिनो तक चलने वाले छत्तीसगढ़ के पारपरिक तीजा पोरा त्यौहार की शुरुआत के साथ ही बहन- बेटिया तीजा का त्यौहार मनाने के लिए अपने मायके का रुख कर रही है।
माता, बहनो- बेटियो के स्वागत के लिए आज मुख्यमत्री निवास मे भी आकर्षक साज-सज्जा की गई है। पूरे प्रदेश से माताए बहने तीजा का उत्सव मनाने के लिए मुख्यमत्री निवास मे एकत्र हो रही है। आज मुख्यमत्री भूपेश बघेल का घर तिजहारिनो का मायका बन गया है। तीज त्योहार के मौके पर मायके आने वाली बहन- बेटियो के चेहरे पर खुशी और सतोष की जो मुस्कान नजर आती है वही मुस्कान यहा हर महिला के चेहरे पर नजर आ रही है।
तीजा-पोरा तिहार के लिए पूरे मुख्यमत्री निवास की पारम्परिक रूप मे भव्य सजावट की गई है। मुख्य मडप मे प्रवेश के तीन द्वार बनाए गए है। मुख्य द्वार को पोरा पर्व के प्रतीक पारपरिक नादिया बैला से सजाया गया है। मुख्य द्वार के सामने पारम्परिक झूले- रईचुल, बैलगाड़ी, बस्तर जनजातीय आर्ट और छत्तीसगढ़ जन-जीवन से जुड़े चित्रो का प्रदर्शन किया गया है। मध्य द्वार को पोरा पर्व से जुड़े पारम्परिक बर्तनो से बनाया गया है। मध्य और तीसरे द्वार के बीच की गैलरी को रग-बिरगे मटको और रगीन टोकनी के द्वारा आकर्षक कलेवर दिया गया है। तीसरे द्वार की सजावट पर सरगुजा अचल की सस्कृति की छाप है।
फुगड़ी-कबड्डी और जलेबी
दौड़ का उत्साहफुगड़ी-कबड्डी और जलेबी दौड़ का उत्साह
तीजा-पोरा तिहार के मडप मे महिलाओ के बीच फुगड़ी जैसी प्रतियोगिताए भी हुई। इसमे महिलाओ के कई समूहो ने हिस्सा लिया। चम्मच दौड़, जलेबी दौड़, बोरा दौड़ की प्रतियोगिताओ ने प्रतिभागियो के साथ दर्शको को भी खूब हसाया।
ग्रामीण परिवेश की झलक और खूबसूरत सेल्फी जोन
मुख्य मडल के पूर्वी हिस्से मे छत्तीसगढ़ ग्रामीण परिवेश को दर्शाते एक मिट्टी का घर बना है। इसकी साज-सज्जा मे पोरा से जुड़े विभिन्न प्रतीको का इस्तेमाल किया गया है। घर के द्वार पर तुलसी चौरा और नन्दी बनाए गए है। यहा ग्रामीण जीवन मे उपयोग मे आने वाले बर्तन व अन्य वस्तुओ जैसे पोरा, कढ़ाही, सुराही, बेलन-चौकी, ढकना, बाल्टी, चूल्हा आदि के मिट्टी के छोटे प्रतीको सहित लकड़ी के नागर, बैलगाड़ी का चक्का और झाड़ू रखे है। इस घर की खिड़की मे भी सेल्फी ज़ोन बनाया गया है। घर के बगल मे मदिर बना है जहा रखे शिवलिग की मुख्यमत्री सहित वहा मौजूद महिलाओ ने पूजा-अर्चना की।
भगवान शिव और नदी बैल की पूजाभगवान शिव और नदी बैल की पूजा
त्योहार के लिए मुख्यमत्री निवास को तिजहारिन महिलाओ का मायका बना दिया गया था। मुख्यमत्री भूपेश बघेल और उनकी पत्नी मुक्तेश्वरी बघेल ने काग्रेस की महिला सासदो-विधायको और पूरे प्रदेश से आई माताओ बहनो के साथ भगवान शिव, नदी बैल और चुकिया-पोरा की पूजा की और प्रदेश की खुशहाली के लिए कामना की।
हाथो मे मेहदी, पैर मे माहुर और चेहरे पर मुस्कानहाथो मे मेहदी, पैर मे माहुर और चेहरे पर मुस्कान
मुख्यमत्री मुख्यमत्री निवास मे आई थी जीजा हरि माताओ बहनो ने यहा हाथो मे मेहदी सजाई और पैर मे माहूर लगाया। जब बेटी अपने मायके आती है तो वह कुछ इसी तरह साज श्रृगार कर तीजा के त्यौहार मे शामिल होती है। इस दौरान उनके चेहरे पर एक अलग ही मुस्कान खिली नजर आ रही थी जो इस पूरे माहौल को और भी खूबसूरत बना रही थी।


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