जाजगीर@प्लास्टिक चावल सवालो के घेरे मे सिस्टम,आखिर कौन कर रहा है साठगाठ,अधिकारी या मिलर्स

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जाजगीर,26 अगस्त 2022। जाजगीर चापा जिला के सेमरा गाव के लोग पीडीएस सिस्टम का चावल खाने मे घबरा रहे है। ग्रामीणो का आरोप है कि एपीएल और पीबीएल परिवार को बाटे गए चावल मे प्लास्टिक चावल मिला हुआ है। जो दिखने मे चावल की तरह ही है और पानी मे डालने के बाद हल्का और चिपचिपा हो जा रहा है।
बाल बना कर ऊपर से गिराने पर भी नही टूट रहा है। जिसे खाने के बाद पेट मे दर्द की समस्या भी होने लगी है। जिसके कारण अब इस चावल को खाने मे लोग डरने लगे है।
पूरा मामला जाजगीर जिले के नवागढ़ तहसील के सेमरा गाव मे सार्वजनिक वितरण प्रणाली से ग्रामीणो को बाटे गए चावल को खाने से लोग डर रहे है। कोटे की दुकान से मिले चावल मे प्लास्टिक के चावल का दाना मिलावट होने की बात से लोग सकते मे आ गए। वे अपने-अपने घर का चावल का भी मिलान करने लगे तो अधिकाश लोगो को एक जैसा चावल के दाने दिखाई दिए।
इस पर उनका शक और गहरा हो गया। ग्रामीणो का कहना है कि इससे पहले राशन दुकान से इस तरह का चावल का वितरण कभी नही हुआ है. गाव मे महिला स्व सहायता समूह को राशन वितरण का काम सौपा गया है। जहा से 17 अगस्त को खरीद कर लाया गया और 3 दिन से उस चावल को धो कर बनाया जा रहा है ,इसमे प्लास्टिक का चावल मिला हुआ है, खाने मे कोई स्वाद नही है।
साथ ही बच्चो इसको खाने से पेट मे दर्द होने लगा है। फिर अब चावल को धो कर प्लास्टिक को निकालने का प्रयास किया जा रहा है। इस चावल से बाल बन जा रहा है और नीचे गिराने से फूटता नही बल्कि उचकने लगता है। इस चावल को खा पाना सभव नही है।
इस मामले नागरिक आपूर्ति निगम के प्रभारी ने बताया कि पीडीएस के चावल मे प्लास्टिक चावल मिलने का आरोप गलत है। पीडीएस का चावल राइस मिलर से लेकर पीडीएस की दुकान मे सप्लाई किया जाता है।
उन्होने बताया कि गर्भवती महिलाओ और कुपोषित बच्चो को सुपोषित आहार देने के लिए आगन बाड़ी और मध्यान्ह भोजन मे चावल मे फोटीर्फाइड चावल मिला कर दिया जाता है ,जिसमे प्रचुर मात्रा मे मिनरल्स प्राप्त होता है। सेमरा गाव मे ग्रामीणो को किस तरह का चावल वितरण किया उसका जाच कराया जायेगा और उस चावल की वापस लेकर हितग्राहियो को बदले मे चावल दिया जायेगा।
राज्य सरकार और केद्र सरकार द्वारा गरीब वर्ग के साथ मिडिल क्लास के लोगो को कम कीमत मे चावल देने की योजना सचालित कर रही है। लेकिन पीडीएस के माध्यम से आने वाले चावल की गुणवाा पर हितग्राही सवाल उठने लगे है और अधिकारियो पर मिलर्स के साथ साठ गाठ कर खराब चावल को खपाने का आरोप लगा रहे है। सेमरा गाव मे सदिग्ध प्लास्टिक का चावल हितग्राहियो तक कैसे पहुचा इस पर जाच होना आवश्यक है।


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