बैकुण्ठपुर@वरिष्ठ जन विरासत में सब कुछ छोड़ कर जाते हैं परंतु उनका अनुभव व सिखाया सदैव साथ रहता है :अंबिका सिंहदेव

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बैकुण्ठपुर 26 अगस्त 2022 (घटती-घटना)। वरिष्ठ नागरिक दिवस पर आयोजित वर्चुलर कार्यक्रम को संसदीय सचिव एवं बैकुंठपुर विधायक अंबिका सिंहदेव ने संम्बोधित करते हुए कहा की एक कम सक्रिय बुजुर्ग घर के सभी सदस्यों को भावनात्मक सुरक्षा देकर एक कड़ी में पिरोए रखने में सहायक होता है, वृद्धों के साथ सम्मानजनक व्यवहार न करना पूर्णतः अनैतिक है। इसीलिए हमें उनका महत्व समझते हुए उनका सम्मान करना चाहिए और उनकी सेवा करनी चाहिए। उनकी उपस्थिति तथा मार्गदर्शन परिवार और समाज दोनों के लिए कल्याणकारी है। यदि आज हम उनका सम्मान करेंगे, तभी हम अपनी आने बाली पीढ़ी से सम्मान पाने के अधिकारी होंगे। हमारे अपने वरिष्ठ जन विरासत में सब कुछ छोड़ कर जाते हैं परंतु उनका अनुभव व सिखाया अपने साथ रहता है आगे कहा कि बड़ों बुजुर्गों के अनुभव ही युवाओं और बच्चो को आगे लेके जाते है और बुजुर्गों को आगे आकर अपने अमूल्य अनुभवों से समाज को मुख्य धारा से जोडना है।
विदित हो कि जन जागृति मनेंद्रगढ़ द्वारा अंतरराष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस पर गूगल मीट की माध्यम से एक परिचर्चा एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें अध्यक्षता निर्दोष जैन लक्ष्य धनबाद काव्य प्रेमी एवं मार्गदर्शन ने की। वहीं मुख्य अतिथि श्रीमती अंबिका सिंहदेव संसदीय सचिव एवं विधायक बैकुंठपुर विधानसभा क्षेत्र व मनेन्द्रगढ के वरिष्ठ साहित्यकार बीरेन्द श्रीवास्तव संयोजक वनमाली सृजन पीठ मनेंद्रगढ़ रहे। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर डॉ अर्चना श्रेया बैंगलोर एवम एस. के. रूप प्रबंध निदेशक दैनिक सम्यक क्रांति बैकुंठपुर व सरदार जितेंद्र सिंह सोढी वरिष्ठ साहित्यकार साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड बिलासपुर रहे। संचालन अंबिकापुर से तुलसी विश्वास सरस्वती वंदना, एकता गुप्ता उन्नाव लखनऊ से स्वागत गीत, डॉ अर्चना श्रेया ने किया। अतिथियों द्वारा उद्बोधन पश्चात उपस्थित कवियों ने अपनी अपनी प्रस्तुति दी। संचालन में झारखंड के कवि तुलसी विश्वास ने अपनी प्रतिभा का जलवा बखेर दिया। लखनऊ के कवि शायर खालिद हुसैन सिद्दीकी, मुंबई से छगनलाल मुथा, मध्यप्रदेश देवास से दिलीप कुमार शर्मा, भोपाल से वरिष्ठ साहित्यिकार उषा सक्सेना, विरेंद्र कुमार, जितेंद्र सिंह, टी विजय गोपाल, रमेश तिवारी, बैकुंठपुर छत्तीसगढ़ से स्वतंत्र महोबिया, गौरव अग्रवाल नारायण दत्त पांडे, एस. के. रूप, संतोष जैन, अलीशा शेख साथ ही डॉ अर्चना श्रेया बैंगलोर, क्षमा पाण्डेय जौनपुर से, एकता गुप्ता लखनऊ धनबाद से निर्दोष जैन लक्ष्य ने अपनी कविता” बड़ा ही कठिन है बुढ़ापे का रोग और चिट्ठी लिख दी तेरे नाम” सुनाया सभी कवियों ने खूब वाहवाही लूटी। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि अंबिका सिंहदेव, संसदीय सचिव एवम विधायक वैकुंठपुर अंत तक लगभग साढ़े तीन घंटे इस कार्यक्रम में उपस्थित रही यह बहुत ही शानदार कवि सम्मेलन सम्पन्न हुआ। आभार प्रदर्शन का उत्तरदायित्व संस्था के सचिव संतोष कुमार जैन द्वारा निर्वहन किया गया। इस परिचर्चा में उपस्थित विद्वानों ने वरिष्ठ नागरिकों की समस्याओं से संबंधित विभिन्न प्रकार के विचार व्यक्त किए तथा उनके निराकरण के उपाय सुझाए।


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