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बैकुण्ठपुर@चोरी का साइलेंसर कहां बेचा जाता था क्या वहां पहुंच पाएगी पुलिस?

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  • मारुती इको कार साइलेंसर चोरी से वाहन मालिक परेशान,पुलिस ने मामले में संलिप्त पांच आरोपियों को किया गिरफ्तार।
  • चोरों ने सरगुजा से 76 एवं बिलासपुर से 17 मारुती इको कार साइलेंसर चोरी की घटना को दिया था अंजाम।
  • सरगुजा एवं बिलासपुर से 93 साइलेसर हुई थी चोरी जिसकी कीमत थी लगभग 46 लाख 50 हजार।
  • सरगुजा महानिरीक्षक ने मामले को सुलझाने वाले पुलिसकर्मियों को 25 हजार नगद पुरस्कार देने की घोषणा।
  • मारुती इको कार के साइलेंसर चोरी करने वाले गिरोह के सरगना तक पहुची पुलिस?
  • इको कार साइलेंसर चोरी करने वाले गिरोह के सरगना तक पहुंचना पुलिस की चुनौती।


-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 25 अगस्त 2022 (घटती-घटना)। मारुती इको कार के साइलेसर की चोरी को लेकर वाहन मालिक काफी परेशान थे सरगुजा व बिलासपुर संभाग से तकरीबन 93 इको कार के साइलेंसर चोरी की घटना सामने आई थी, जिसकी कीमत लगभग 46 लाख 50 हजार बताई जा रही थी, जो चोरों ने पकड़े जाने पर कबूल भी किया, पुलिस ने इको मारुति कार साइलेसर की चोरी करने वाले गिरोह के 5 आरोपियों को पकड़ा है पुलिस ने आरोपियों से साइलेंसर व साइलेंसर चोरी में इस्तमाल औजार के साथ पांच आरोपियों को किया गिफ्तार, महा निरीक्षक में इस मामले को सुलझाने वाले पुलिसकर्मियों को 25 हजार नगद पुरस्कार देने की घोषणा। पर अभी तक पहली सफलता मिली है, पर माना जा रहा है कि इस वारदात में बहुत बड़ा गिरोह काम कर रहा है और अभी यह चोरी थमने वाली नहीं, आखिर इस गिरोह के सरगना तक कब पहुंचेगी पुलिस?
विवरण इस प्रकार है कि, कोरिया जिले में विगत कुछ माह से मारूती इको कार के साइलेंसर चोरी की घटना लगातार बढ रही थी जिसे पकड़ने के लिए पुलिस महानिरीक्षक, सरगुजा रेंज अजय कुमार यादव द्वारा निर्देश दिया गया था, जिस पर पुलिस अधीक्षक, कोरिया त्रिलोक बंसल द्वारा कार्ययोजना तैयार कर सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया गया था, इसी तारतम्य में थाना मनेन्द्रगढ़ में एक ही रात में चार इको कार के साइलेंसर चोरी करने की सूचना प्राप्त हुई। पुलिस अधीक्षक, कोरिया त्रिलोक बंसल की कार्ययोजना अनुसार तुरन्त ही मनेन्द्रगढ़ से सभी दिशाओं में टीम रवाना की गई। रात्रि एक टीम द्वारा सिद्ध बाबा घाट के नीचे तीन व्यक्ति बैठे मिले जिन्हें थाना तलब कर पुछताछ करने पर उन्होंने अपना नाम नीरल किन्ही, अंजीत खाखा, आशीष किन्डो बताया। उनके पास बैग की तालाशी लेने पर उनके बैग में 04 नग मारुती इको कार का साइलेंसर का टुकड़ा मिला, विस्तृत पूछताछ करने पर उन्होने सब्जी मंडी, मौहारपारा, चनवारीडांड से कुल 04 नग साइलेंसर काट कर चोरी करना कबूला तथा उसमें से 02 नग साइलेंसर को सिद्ध बाबा घाटी मे छुपाना बताया, जिसे आरोपीयों की निशानदेही पर बरामद कर कब्जा पुलिस लिया गया। चूंकि जिले में अन्य स्थानों में भी इको गाडी का साइलेंसर चोरी हुई थी, इसलिए पुलिस अधीक्षक त्रिलोक बंसल द्वारा एसडीओपी मनेन्द्रगढ़ के नेतृत्व में टीम गठित कर पूछताछ की गई, पूछताछ दौरान आरोपियो ने बताया कि उन्होनें अम्बिाकपुर, सूरजपुर, बलरामपुर में भी अपने साथीयों के साथ 76 गाडीयों के साइलेंसर चोरी करने की बात कबूल की है, यह इसे एक निर्धारित तरीके से रायगढ़ भेजने की बता बताई। सम्पूर्ण कार्यवाही में कमलाकांत शुक्ला थाना प्रभारी चिरमिरी, सचिन सिंह थाना प्रभारी मनेन्द्रगढ़, सहायक उप निरीक्षक आरएन गुप्ता, प्रधान आरक्षक इस्तेवाक खान, आरक्षक जितेन्द्र ठाकुर, प्रमोद यादव, राकेश शर्मा, शस्नू यादव, हाफिज कुरैशी, सोनल पाण्डेय, विनित सोनी, ओमप्रकाश सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
अपराधियों की कार्ययोजना
आरोपी निरल, आशीष, अंजीत, थामस, प्रकाश, एवं 04 अन्य साथी सभी अम्बिकापुर मे रह कर मजदूरी का काम करते थे, आरोपी प्रकाश एवं अन्य 02 किसी काम से रायपुर गये, वहां उन्होने मारुती इको गाडी के साइलेंसर के बारे में जानकारी प्राप्त की, उन्हें पता लगा कि उपरोक्त साइलेंसर में कुछ कीमति पदार्थ (प्लेटिनियम, पैलेडियम और रेडियम का इस्ट) होता है जो काफी महंगा बिकता है, उन्होंने चोरी के पूर्व रायगढ़ के कबाडी से संपर्क किया और प्रति साइलेंसर 4,000 की दर से सौदा तय किया। चूंकि आरोपी सरगुजा संभाग के सूरजपुर, अम्बिकापुर, बलरामपुर जिलों के निवासी थे, अतः सभी को संपूर्ण क्षेत्र की अच्छी जानकारी थी। निरल, अंजीत, थामस, आशीष एवं अन्य का काम रैकी करना व साइलेंसर चोरी करना था, सभी दोपहर में जिन स्थानों में चोरी करना होता था, पहुंच जाते थे, करीबन 8.00 से 11.00 बजे तक रैकी का काम करते थे, उसके बाद देर रात्रि साइलेंसर चोरी कर सुनसान स्थानों पर साइलेंसर के टुकडे कर कीमति धातु को काट कर बैग में भर कर अम्बिकापुर पहुंचते थे और वहां प्रकाश के रूम में पहुंचते थे फिर साइलेंसर के टुकडो को पार्सल बनाकर बस के माध्यम से रायगढ़ भेजते थे जहां रायगड में स्थित इनके साथी पार्सल रिसिव करते थे, जहां से पार्सल आगे जाता था।
साइलेसर चोरी के 66 प्रकरण में अपराध थे पंजीबद्ध
अभी तक पूरे संभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोरिया जिले मे 10, बलरामपुर जिले में 19, सरगुजा जिले में 08, सूरजपुर जिले में 12 एवं बिलासपुर जिले में 17 सहित कुल 66 प्रकरण में अपराध पंजीबद्ध होने की जानकारी प्राप्त हुई है। अन्य चोरी के मामलो मे रिपोर्ट की जानकारी नहीं है, गैंग बड़े स्तर का है, ग्रामीण इलाको मे भी चोरी करने की बात सामने आई है, चूंकि गैंग के चोरी का दायरा बडा था, इसलिए अन्य जगहों में रिपोर्ट नहीं हुई होंगी, पकडे गये आरोपियों के आलावा अन्य आरोपीयों की गिरफ्तारी के लिए भी टीमें रवाना की गई है।
चोरी में शामिल आरोपी
निरल किण्डो पिता रगबर किण्डों उम्र 19 वर्ष सा0 दवना दमसरा थाना भैयाथान जिला सूरजपुर, आशीष किण्डो पिता रगबर किण्डों उम्र 27 वर्ष सा0 दवना दमसरा थाना भैयाथान जिला सूरजपुर, अंजीत खाखा पिता ठेम्पू उम्र 28 वर्ष सा0 दर्रीडीह थाना लुण्ड्रा जिला सरगुजा, थामस किण्डो पिता शिवनाथ किण्डो उम्र 32 वर्ष सा. बरपारा थाना भटगांव जिला सूरजपुर छग, प्रकाश मसीह पिता शंकरलाल मसीह उम्र 21 वर्ष सा0 बरकोल थाना धवलपुर जिला सरगुजा।
प्लेटेनियम की वजह से चोरी हो रही है साइलेंसर
आपको बता दें कि पुरे छत्तीसगढ़ कई अन्य राज्यों की सीमाओं से लगा हुआ है, इसलिए मामले में अंतरराज्यीय चोर गिरोह के सक्रिय होने का अंदेशा लगाया जा रहा है, वहीं कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर सहित सरगुजा सम्भाग के विभिन्न थाना क्षेत्रों में इको वाहन मालिको के वाहन से साइलेसर चोरी की घटना सामने आई थी, पुलिस का माना है प्लेटेनियम की वजह से साइलेंसर की चोरी के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है और पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है।
आखिर क्या है ऐसा साइलेंसर में जानिए
बताया जा रहा है कि ईको के साइलेंसर की कीमत करीब 85 हजार रुपये की मानी जाती है, इस साइलेंसर में कैटेलिटिक कन्वर्टर मौजूद होता है, कैटेलिटिक कन्वर्टर, प्लेटिनम ग्रुप ऑफ मेटल्स (पिजीएम) से बनता है. प्लेटिनम, पैलेडियम और रोडियम के संयुक्त तौर पर प्लेटिनम ग्रुप ऑफ मेटल्स यानी (पिजीएम) कहते है, ऐसा कहा जाता है कि इसकी कीमत सोने से भी ज्यादा होती है, ईको के साइलेंसर से निकलने वाली इन धातुओं की डस्ट को हैवी इंडस्ट्री में बेचा जाता है, जहां प्रति 10 ग्राम डस्ट 3 से 6 हजार रुपये तक मिलते है।
इको वाहन के मालिक वाले साइलेंसर चोरी की घटना से थे परेशान
इको वाहन मालिक साइलेंसर चोरी होने की घटना से इतने परेशान थे की अपने वाहन को हर तरह से सुरक्षा में रखने का प्रयास कर रहे थे फिर भी उनकी वाहनों से साइलेंसर की चोरी होने की घटना आम हो रही थी, वाहन मालिक इस चिंता में थे कि आखिर वाहन रखे तो रखें कहां, जिन वाहन मालिकों के पास वाहन बाहर रखने की मजबूरी थी वह वाहन मालिक अपने वाहन की रखवाली में रात गुजारते थे इतने लंबे समय से साइलेंसर चोरी की घटना हो रही थी।
पुलिस के लिए कुछ सवाल
वाहन से साइलेंसर चोरी करने वाले साइलेंसर को कहां बेचते थे?
इस गिरोह का सरगना कौन है और कबतक पुलिस वह पहुचेगी?
इतने मात्रा में साइलेंसरकी खरीदी कौन करता था?
85 हजार का साइलेंसर 4 से 5 हजार में चोरी कर क्यों बेचा जाता था?


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