- विधायक नंबर एक व विधायक नंबर दो में जिला कार्यालय की उपलब्धि बताने के लिए अंदर खाने में चल रही तनातनी।
- आखिर जिला बनाने से लेकर जिला कार्यालय बनाने तक का सेहरा किस विधायक के सर बंधेगा।
- 2023 का चुनाव जिले विभाजन के फैसले के परिणाम को करेगा तय,आखिर विभाजन सही या गलत?
- मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर 24 घंटे के भीतर जिले के दो विधायकों की प्रशासन के साथ एक ही हाल में अलग अलग बैठकें क्यों?
- मनेन्द्रगढ़ शहर में बर्चस्व को लेकर राजनैतिक जंग जारी है,दोनों विधायकों के बीच श्रेय लेने की मची होड़।
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 23 अगस्त 2022 (घटती-घटना)। कोरिया जिले से अलग होकर नवीन एमसीबी जिला 6 सितम्बर 2022 को अस्तित्व में आ जाएगा जैसा कि तय किया जा चुका है और जिसे लेकर प्रशासनिक तैयारियां भी जारी हो चुकी हैं,6 सितम्बर को प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मनेंद्रगढ़ पहुंचकर जिला कार्यालय का उद्घाटन करेंगे और उस दिन से ही नवीन जिला एमसीबी अस्तित्व में आ जायेगा। मनेंद्रगढ़ में मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर और जिला कार्यालय के उद्घाटन को लेकर प्रशासनिक तैयारियां जहां जारी हैं वहीं अब नवीन जिले में शामिल होने जा रहे दो विधानसभाओं के विधायक भी जिला गठन का श्रेय लेने अलग अलग दिखाई दे रहें हैं और प्रशासनिक तैयारियों में भी अलग अलग शिरकत कर रहें हैं, कुल मिलाकर मामला श्रेय लेने से जुड़ा हुआ है और सोशल मीडिया पर इसको कहा भी जा रहा है कि जिला गठन का श्रेय लेने दो विधायक अब आमने सामने हैं और प्रशासनिक तैयारियों में अलग अलग जाकर अपनी राय भी रख रहें हैं और तैयारियों की समीक्षा भी कर रहें हैं।
विधायक नम्बर 2 ने संभावित जिला कार्यालयों का किया दौरा,विधायक नम्बर 1 भी अलग से पहुंचे निरीक्षण करने
नवीन एमसीबी जिला कार्यालय के लिए संभावित भवनों को लेकर सबसे पहले विधानसभा क्रमांक 2 के विधायक ने दौरा किया अधिकारियों के साथ तैयारियों का जायजा लिया और जरूरी निर्देश भी दिये वहीं उक्त दिवस विधानसभा क्रमांक 1 के विधायक चूंकि बाहर थे वह भी दूसरे दिन पहुंचे और अधिकारियों के साथ पुनः जिला मुख्यालय के संभावित भवनों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिये। दोनों विधायक अलग अलग जाकर निरीक्षण कर रहें हैं और निर्देश जारी कर रहें हैं जिसको देखकर सोशल मीडिया में लोगों ने इसे श्रेय की होड़ बताते हुए पोस्ट भी डाले हैं।
अलग अलग जाकर अधिकारियों की बैठक ले रहें हैं दोनों विधायक
जिला गठन का श्रेय लेने दोनों विधायक अधिकारियों के साथ अलग अलग बैठक कर रहें हैं जैसा कि देखा जा रहा है, एक ही दल के चुने हुए प्रदेश सरकार के दो विधायकों को अलग अलग जाकर अधिकारियों के साथ बैठक करने जिला मुख्यालय के उद्घाटन कि तैयारियों का अलग अलग निरीक्षण व निर्देश जारी करने को लेकर यही कहा जा रहा है कि इस उपलब्धि को दोनों विधायक संयुक्त उपलब्धि बताने की जगह अपनी अपनी उपलब्धि बताना चाहते हैं और दोनों उस प्रयास में जुटे हुए हैं, क्योंकि यदि ऐसा नहीं होता तो दोनों एक साथ अधिकारियों की बैठकों में जाते वहीं साथ साथ पूरी तैयारियों की समीक्षा भी करते। जिला मुख्यालय के मुख्य कार्यालयों की स्थापना जिस जगह होगी उसका सेहरा अपने सिर बांधने दोनों विधायक जद्दोजहद में लगे हुए हैं, नवीन जिले का मुख्यालय जहां स्थापित हो रहा है उस जगह को लेकर किस विधायक का सबसे ज्यादा योगदान रहा है दोनों यह साबित करने में जुटे हुए हैं, ऐसी जनचर्चा जारी है।
जिले के अन्य कार्यालयों की स्थापना कहां कहां होगी यह भी दोनों विधायकों के प्रयासों में है
नवीन जिले के अन्य प्रमुख कार्यालय जो अन्यत्र शहर से जा सकते हैं जिसमें से कुछ के चिरमिरी जाने की भी खबर है को लेकर भी विधायकों को अलग अलग प्रयास करते देखा जा रहा है,विधानसभा क्रमांक 1 के विधायक कुछ कार्यालयों को अपने ही विधानसभा में रखना चाहेंगे वहीं विधानसभा क्रमांक 2 के विधायक की मजबूरी है कि कुछ प्रमुख कार्यालय चिरमिरी जाये जिससे उनके पास चिरमिरी वासियों के सामने कहने के लिए कुछ रहे वहीं विधानसभा क्रमांक 1 के विधायक जानते हैं कि मनेंद्रगढ़ में यदि अधिकांश कार्यालय खोले जाएंगे तभी उनके विधानसभा के लोगों को फायदा है चिरमिरी कार्यालयों के जाने से फिर वही बात रह जायेगी जो बैकुंठपुर की दूरी को लेकर थी,इसलिए भी दोनों विधायक अलग अलग तैयारियों का जायजा ले रहें हैं और अपनी बात प्रसासन के समक्ष रख रहें हैं जैसा कि बताया भी जा रहा है।
खड़गवां को क्या मिलेगा, उठ रही है मांग
नवीन एमसीबी जिला गठन अब तय हो गया है, मनेंद्रगढ़ को दो प्रमुख कार्यालय मिलने जा रहा है यह भी तय हो गया लेकिन चिरमिरी में भी कुछ कार्यालय खोले जाएंगे यह विधायक मनेंद्रगढ़ का प्रयास जारी है और शायद उन्हें सफलता भी मिलने जा रही है,वहीं अब खड़गवां को क्या मिलेगा यह मांग उठने लगी है,खड़गवां मनेंद्रगढ़ विधानसभा में शामिल है और अब कांग्रेस के ही लोगों को खड़गवां के लिए मांग करते देखा जा रहा है,मनेंद्रगढ़ विधायक के समक्ष बड़ी दुविधा है क्योंकि चाहकर भी वह प्रमुख कार्यालयों को चिरमिरी तो नहीं ला सके,वहीं छिटफुट कार्यालयों के लिए वह चिरमिरी के लिए परेशान हैं वहीं अब खड़गवां से मांग उठने के बाद उनकी चिंता बढ़नी लाजमी है।
जिला गठन का फायदा होगा का नुकसान,आगामी विधानसभा चुनाव के परिणामों से होगा तय
नवीन एमसीबी जिला गठन से सत्ताधारी दल को फायदा होगा या नुकसान यह आगामी विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद ही तय होगा वहीं मनेंद्रगढ़ विधानसभा की स्थिति अनुसार यदि आंकलन किया जाए तो पुराने चुनाव परिणाम बताते हैं कि मनेंद्रगढ़ शहर कांग्रेस का गढ़ रहा है वहीं चिरमिरी से चुनाव परिणामों पर असर पड़ता है,अब ऐसे में चिरमिरी और खड़गवां यदि नाराज होता है कार्यालयों को लेकर तो वर्तमान विधायक के लिए दिक्कत तय है वहीं भरतपुर सोनहत विधानसभा के परिपेक्ष्य में यदि बात की जाए तो कुछ क्षेत्रों को छोड़कर अन्य के लिए क्या बैकुंठपुर क्या मनेंद्रगढ़ वाली ही स्थिति रहने वाली है।