- अमृतधारा नहीं पहुंचे संगठन के जिम्मेदार पदाधिकारी और कार्यकर्ता क्या थी वजह?
- चुनाव करीब आ रहे हैं नेताओं को याद आने लगे अपने जमीनी कार्यकर्ता।
- कांग्रेस संगठन और जनप्रतिनिधि के बीच का तालमेल नहीं होना बना चर्चा का विषय।
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 18 अगस्त 2022 (घटती-घटना)। बीते दिवस प्रकृति की अनमोल धरोहर अमृतधारा के सौम्य और शांत वातावरण के बीच मनेंद्रगढ़ विधायक के द्वारा अपने रूठे कार्यकताओं को मनाने कि गरज से बकरा भात का भव्य कार्यक्रम बीते दिवस को आयोजित किया गया था, जिस में ज़्यादातर मनेंद्रगढ़ विधानसभा के संगठन के कार्यकर्ताओं और समर्थकों को बुलाया गया था, सूत्रों की माने तो निर्धारित समय से काफी लेट प्रारंभ हुए कार्यक्रम में पहुंचे कार्यकर्ताओं में आक्रोश कम होता नही दिख रहा है बेहद कम संख्या में संगठन के लोग पहुंचे थे, विधायक और उनके समर्थकों की आम जमीनी कार्यकताओं को जोड़ने कि यह कवायद भी असफल मानी जा रही है, कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में पिछले चार साल के किए गए क्रिया कलाप से विधायक को लेकर असंतोष व्याप्त है बहर हाल स्थिति जो भी हो विधान सभा चुनाव करीब है मनेन्द्र गढ़ विधान सभा क्षेत्र में रूठे कार्यकर्ताओं को मनाना अब आसान नहीं दिख रहा है, जिले के एकमात्र नगर निगम के ब्लॉक अध्यक्ष सुभाष कश्यप और उनके पूरे समर्थकों का उस कार्यक्रम में नहीं जाना कहीं ना कहीं कांग्रेस पार्टी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है, सनद रहे कि नगर निगम चिरमिरी क्षेत्र में सुभाष कश्यप बड़ा जनाधार माना जाता है और पिछले दिनों में हुए विधानसभा चुनाव में वे और उनके समर्थकों ने जी तोड़ मेहनत कर कांग्रेश को मनेंद्रगढ़ से विधायक दिया था।
पिछले चुनाव में रहे कट्टर समर्थक,अभी हो गए कट्टर विरोधी,नहीं पहुंचे विधायक के बकरा भात कार्यक्रम में
उल्लेखनीय रहे कि मनेंद्रगढ़ विधानसभा में जिले के प्रभावशाली क्षेत्र चिरमिरी मनेन्द्रगढ़ झगरा खांड आते है जो अपने आप में राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी प्रभावशाली माने जाते हैं चिरमिरी और झगड़ा खंड ट्रेड यूनियन की राजनीति हावी है वही मनेन्द्रगढ़ शहर में व्यापारियों का बड़ा दबदबा रहा है ग्रामीण अंचल खंडगवा से भी तीन विधायक और एक सांसद रहे है वहां के भी लोग भी बड़ी राजनीतिक सूझबूझ रखते हैं, ऐसी स्थिति में सभी स्थानों पर विधायक का कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के बीच काफी विरोध देखा जा रहा है चिरमिरी की यदि बात करें तो ब्लॉक अध्यक्ष सुभाष कश्यप, पूर्व महापौर डमरू रेड्डी, मो. इमाम, बबिता सिंह के अपने-अपने गुट हैं, जो सभी पिछले चुनाव में विधायक विनय जायसवाल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चुनाव प्रचार किया था, लेकिन यह सभी इन दिनों विधायक जी की गतिविधियों का कहीं नहीं खुलकर विरोध कर रहे हैं या फिर दबी जुबान चुनाव में निपटने की बात कर रहे हैं सुभाष कश्यप ने विधानसभा में टिकट नहीं मिलने की स्थिति में तो निर्दलीय चुनाव लड़ने की भी मंशा कहीं न कहीं व्यक्त की है, वही डमरु रेड्डी भी अपने समर्थकों के साथ आए दिन सोशल मीडिया सहित प्रिंट मीडिया में अपनी ही सरकार के विरुद्ध बयानबाजी करते रहते है, प्रकाश तिवारी और उनके समर्थक भी चुनाव के बाद से ही नाराज चल रहे हैं महापौर पद के प्रबल दावेदार बबिता सिंह भी डॉक्टर साहब के धनबल के आगे घुटने टेकने पड़े, जो पद उनका था विधायक जी ने अपनी पत्नी को सौंप दिया इस तरह से बबीता सिंह का गुट काफी नाराज चल रहा है, निष्ठावान कार्यकर्ताओं का भी समूह चुनाव के पूर्व तक ही उनके साथ है दबी जुबान उनके बीच से भी यह बात आती है कि चुनाव का हम भी इंतजार कर रहे हैं, इस तरह से अब हम मनेंद्रगढ़ शहर की बात करें तो राजू केसरवानी का समूह विधायक जी का प्रारंभिक दिनों से ही विरोध कर रहा है और आए दिन इन दोनों गुटों की विवादों वाली स्थिति आम जनता के बीच सुनाई देती रहती है, वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश सिंह भी अपने युवा कांग्रेस संगठन चुनाव में अपने पुत्र के लिए कवायद देखे गए हैं, संगठन चुनाव में विधायक जी और रमेश सिंह का सीधा टकरा रहा है सर्वजनिक स्थानों पर उनके टकराव की चर्चा अभी मनेंद्रगढ़ शहर में जोरो पर है, विधायक समर्थक एक रेता ठेकेदार को लेकर प्रभा पटेल भी काफ़ी नाराज देखी जा रही है भले ही सार्वजनिक स्थानों पर विधायक जी के साथ मंच साझा कर रही हो पर विधायक और नगर पालिका अध्यक्ष के बीच तनातनी काफी दिनों से चर्चा का विषय बनी हुई है, खंडगवा में कांग्रेसी नेता श्रीवास्तव भी विधानसभा टिकट के दावेदार माने जा रहे हैं और इस बार ग्रामीण अंचल की जनता को इस बात के लिए अभी से तैयार कर रहे हैं कि आप सब कोशिश करिए इस बार खडगवा से ही पुनः विधायक बनाना है, इस बात की बिगुल फूंक कर विधायक विनय जयसवाल के लिए खड़गवा और पूरा ग्रामीण अंचल भी धसकता दिख रहा है विदित हो कि खंडगवा ग्रामीण अंचल से विधायक जी और उनके परिवार का पुराना नाता रहा है उनके पिता रमेश जयसवाल पिछले 50 सालों से अपना व्यापारिक काम करते आ रहे हैं विधायक बनने के बाद उनके पिता का ग्रामीणों के साथ किया गया व्यवहार भी भूलाने योग्य नहीं है छोटे छोटे बुनियादी कार्यों के लिए की गई उगाही भी चर्चा का विषय बनी हुई है।
चार साल बाद फिर याद आए विधायक विनय जायसवाल को अपने जमीनी कार्यकर्ता
ज्ञात हो कि मनेंद्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र मे जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं नेताओं और उनके चेले चपाटो के द्वारा लोगों को फिर से जोड़ने के विभिन्न दाव पेंच लड़ाते देखा जा सकता है उसी क्रम में मनेंद्रगढ़ विधानसभा के विधायक डॉक्टर विनय जयसवाल जी चिरनिंद्रा से जाग चुके है पुनः फिर से क्षेत्र का विकास अस्तित्व स्थायित्व सहित रोजगार उपलब्ध कराने वाली बाते बताने लगे है स्मरण रहे कि इन्ही रटी रटाई बातों को आधार बनाकर पिछले बार भी वे चुनाव जीते थे किंतु 4 साल बीत गए धरातल का उनका कोई भी प्रयास सफल होता नहीं दिखा,, फोन नहीं उठाने के लिए चर्चित विधायक विनय जयसवाल इन तीनों अपने कार्यकर्ताओं को खुद फोन करने लगे हैं और यदि करता फोन नहीं उठाता है तो घर पहुंच जाते हैं कभी कार में तो कभी स्कूटी में, उनका नया किरदार देखकर क्षेत्र की जनता बड़ी आश्चर्यचकित है।
अमृतधारा में अपने चहेतों के साथ पिछले मंगलवार को पहुंचे थे विधायक और महापौर
पिछले एक पखवाड़े से विधायक कार्यालय में पदस्थ कर्मचारियों के द्वारा पूरे मनेंद्रगढ़ विधानसभा के जमीनी कार्यकर्ताओं की सूची मोबाइल नंबर सहित बनाई जा रही थी जिसमें कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी कि एक भी अपना जमीनी कार्यकर्ता नहीं छूटे सब से बात करो जो नाराज है उससे विधायक से बात कराओ,जो ज्यादा प्रभावशाली है विधायक जी को लेकर उनके घर जाना है उसकी जिम्मेदारी भी विधायक समर्थकों ने तय कर रखी थी लगातार 15 दिनों से चल रही मेहनत भी रंग नही लाई कार्यक्रम में प्रभावशाली लोगों का नदारद रहना निश्चित कांग्रेस पार्टी के लिए नुकसान सिद्ध हो सकता है।