बैकुण्ठपुर@देवरहा सेवा समिति ने की ‘हर घर तिरंगा अभियान’ की शुरुआत, निशुल्क तिरंगा किया वितरण

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देवरहा सेवा समिति के अध्यक्ष शैलेष की आमजनों से अपील तिरंगा लेने सीधा करे संपर्क।
अभियान के शुरुआत में प्रथम दिवस 300 तिरंगा निशुल्क का किया वितरण। 

बैकुण्ठपुर 10 अगस्त 2022 (घटती-घटना)। देवराहा सेवा समिति द्वारा ‘हर घर तिरंगा अभियान’ को खास बनाने अनूठा प्रयास किया गया। आपको बता दे कि सावन मास के अंतिम सावन सोमवार के पावन अवसर पर पूज्य तुलसी पूरी जी महाराज के नेतृत्व में परम पूज्य पंडित सुरेशानंद जी शास्त्री द्वारा प्रेमा बाग मंदिर परिसर में पार्थिव शिवलिंग का निर्माण और पूजन का भव्य आयोजन किया गया और साथ ही इस धार्मिक आयोजन के साथ लोगों में देश प्रेम की भावना जागृत करने के लिए देवरहा समिति द्वारा हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत की गई, जो आगामी 17 अगस्त तक जारी रहेगी।
उक्त अभियान के शुरुआत में प्रथम दिवस 300 तिरंगा निशुल्क वितरण किया गया। जिसके उपरांत आगामी 17 अगस्त तक प्रतिदिन निशुल्क तिरंगा वितरण कार्य के लिए एक पिकप और रिक्शा शहर व ग्रामीण अंचलों में चलाने का फैसला समिति ने लिया है। जिससे कि शहरवासियों को आसानी से तिरंगा उपलब्ध हो सके। देवरहा सेवा समिति के अध्यक्ष शैलेष शिवहरे ने आमजनों से यह भी अपील की हैं तिरंगा लेने हेतु वह उनसे सीधा संपर्क कर सकते हैं या समिति के सदस्यों से भी सम्पर्क कर तिरंगा ले सकते हैं। देवरहा सेवा समिति के अध्यक्ष शैलेष शिवहरे ने बताया कि ‘हर घर तिरंगा अभियान’ के तहत 13 से 15 अगस्त तक देश भर में 20 करोड़ घरों पर राष्ट्रीय झंडा तिरंगा फहराने का लक्ष्य है। इससे निश्चित रूप से लोगों में देशभक्ति की भावना का संचार होगा, क्योंकि तिरंगा देश की आन, बान और शान है। इसकी खातिर हमारे वीर प्राण देते हैं। हर घर तिरंगा अभियान हमें उन वीरों की भी याद दिलाएगा, जिन्होंने स्वतंत्र भारत के लिए एक ध्वज का सपना देखा था।
अतुल्य भारत का निर्माण
शैलेष ने बताया कि हम सभी का कर्तव्य है कि आज के अतुल्य भारत के निर्माण में नींव की ईंटे बनने वालों के संघर्षों को याद करें एवं उनसे सबक लेकर आगे बढ़ें। उम्मीद है कि हर घर तिरंगा अभियान भारत के नागरिकों के बीच देशभक्ति और राष्ट्रवाद को बढ़ाने में मदद करेगा। यह एक राष्ट्र के रूप में हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाने का भी एक अच्छा तरीका है। परिणामस्वरूप हमारा हमारे राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान बढ़ेगा। साथ ही यह अभियान भारतीय नागरिकों को राष्ट्र के प्रति उनकी जिम्मेदारियों की याद दिलाएगा। लिहाजा आजादी के अमृत महोत्सव का यह अनूठा अभियान मजहबी संकीर्णताओं और आपसी वैमनस्य को मिटाकर संपूर्ण भारतीयों को राष्ट्रीयता के सूत्र से जोड़ने में कारगर सिद्ध होगा। एक नए कीर्तिमान के साथ भारत विश्व पटल पर अपनी एकता की उद्घोषणा करेगा।
गृह मंत्रालय ने भारतीय ध्वज संहिता 2002 में संशोधन कर पालिएस्टर के बने राष्ट्रीय ध्वज या मशीन से बने राष्ट्रीय ध्वज को फहराने की अनुमति दी
आपको बता दे कि गृह मंत्रालय ने भारतीय ध्वज संहिता, 2002 में संशोधन किया है। अब पालिएस्टर के बने राष्ट्रीय ध्वज या मशीन से बने राष्ट्रीय ध्वज को फहराने की अनुमति दी गई। इसके साथ ही दिन और रात में भी राष्ट्रीय ध्वज फहराया जा सकेगा। पहले प्रविधान था कि तिरंगा केवल सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच ही फहराया जा सकता था। अब किसी भी दिन सार्वजनिक, निजी संगठनों या शैक्षणिक संस्थान द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराया जा सकता है, बशर्ते वे राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा और सम्मान को नियंत्रित करने वाले नियमों का पालन कर रहे हों। वास्तव में किसी देश का आधिकारिक झंडा उस पूरे देश का प्रतीक होता है। यह प्रतीक एक ही छवि में देश के अतीत, वर्तमान और भविष्य को दर्शाता है। जिस तरह एक झंडा किसी देश का प्रतिनिधित्व करता है, उसी तरह हमारा राष्ट्रीय झंडा तिरंगा भारत देश का प्रतिनिधित्व करता है। हमारे लिए हमारे राष्ट्रीय झंडे के बहुत मायने हैं। यह हमें गौरवान्वित महसूस कराता है। हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा देश के सम्मान एवं गौरव का पवित्र प्रतीक है। इसके तीन रंग हमें स्वतंत्रता के लिए वीरों के त्याग और संघर्ष की याद दिलाते हैं, विश्वशांति का पाठ पढ़ाते हैं और आजादी के संग्राम में अपना सबकुछ न्योछावर कर देने वाले सेनानियों के बलिदान का मान रखते हुए देश को निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर रखने और समृद्ध भारत के निर्माण के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करते हैं।


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