नई दिल्ली@कोई पेट्रोल-डीजल भी मुफ्त कर सकता है

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दोस्तो का कर्ज माफ करने से होता है धोखा
कर्ज माफ नही होते तो देश घाटे मे नही जाता
रायशुमारी हो कि टैक्स का पैसा कहा खर्च हो
नई दिल्ली, 10 अगस्त 2022।
प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को एक बार फिर ‘रेवड़ी कल्चर’ को लेकर हमलावर दिखे. उन्होने किसी नाम लिए बगैर ही ‘मुफ्त’ की राजनीति को लेकर तज कसा और इसे पेट्रोल-डीजल तक से जोड़ दिया. पीएम मोदी पानीपत मे इथेनॉल के एक प्लाट के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे. उन्होने कहा कि अगर राजनीति मे ही स्वार्थ होगा, तो कोई भी आकर पेट्रोल-डीजल भी मुफ्त देने की घोषणा कर सकता है. ऐसे कदम हमारे बच्चो से उनका हक छीनेगे, देश को आत्मनिर्भर बनने से रोकेगे. प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी यही नही रुके, और उन्होने आगे भी अपना हमला जारी रखा. उन्होने कहा कि ऐसी स्वार्थ भरी नीतियो से देश के ईमानदार टैक्स पेयर का बोझ भी बढ़ता ही जाएगा. उन्होने इशारो ही इशारो मे इसे राजनीति मे सफल होने का शॉर्ट-कट करार दिया और बोले, ‘शॉर्ट-कट अपनाने से शॉर्ट-सर्किट अवश्य होता है. शॉर्ट-कट पर चलने के बजाय हमारी सरकार समस्याओ के स्थाई समाधान मे जुटी है. पराली की दिक्कतो के बारे मे भी बरसो से कितना कुछ कहा गया. लेकिन शॉर्ट-कट वाले इसका समाधान नही दे पाए.
दोस्तो का कर्ज माफ करने से होता है धोखा
प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी के इस बयान पर आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमत्री अरविद केजरीवाल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होने बोला-अभी थोड़ी देर पहले मैने सुना यह कहा गया है कि अगर जनता को फ्री सुविधा दी जाएगी तो इससे देश को नुकसान होगा. इससे देश को जो टैक्स देते है उनके साथ धोखा होगा.मुझे लगता है कि टैक्सपेयर के साथ धोखा तब होता है जब उनसे टैक्स लेकर और उसके पैसे से अपने चद दोस्तो के बैको के कर्ज माफ किए जाते है. तो टैक्सपेयर देखते है सोचते है कि पैसा तो मुझसे लिया था. यह कह कर लिया था कि सुविधाए बनाएगे. पर मेरे पैसे से अपने दोस्तो के कर्ज माफ कर दिया.
अरविद केजरीवाल ने कहा-टैक्सपेयर के साथ धोखा इससे नही होता है कि उनके बच्चो को अच्छी शिक्षा नि:शुल्क शिक्षा देते है. टैक्सपेयर के साथ धोखा इससे नही होता है कि देश के लोगो का अच्छा और नि:शुल्क इलाज कराते है. टैक्सपेयर के साथ धोखा तब होता है जब हम अपने दोस्तो के 10 लाख करोड़ो रुपए के कर्ज माफ कर दिए जाते है।
जीएसटी लगाने को लेकर साधा निशाना
अरविद केजरीवाल ने आटे, दूध और दही जैसी रोजमर्रा की जरुरतो पर त्रस्भ् लगाने को लेकर भी केन्द्र सरकार को आड़े हाथो लिया. उन्होने कहा कि पूरे देश के अदर खाने के चीजो पर जीएसटी लगा दिया. दूध पर जीएसटी लगा दिया. दही पर जीएसटी लगा दिया. अपने दोस्तो के टैक्स माफ कर दिए. उन्हे टैक्स मे रियायत दे दी तो एक आम आदमी सोचता है कि हमसे तो धोखा हो गया. अगर अपने दोस्तो के 10 लाख करोड़ो रुपए के कर्ज माफ नही किए जाते तो देश आज घाटे की स्थिति मे नही होता. माग है कि देश के अदर रायशुमारी हो कि क्या सरकारी पैसा एक परिवार के लिए इस्तेमाल होना चाहिए. क्या सरकारी पैसा कुछ चद दोस्तो के लिए इस्तेमाल होना चाहिए. या सरकारी सुविधाए इस देश के लिए अच्छी सुविधाए,अच्छी सड़क, अच्छी शिक्षा स्वास्थ्य के लिए होनी चाहिए.


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