बैकुण्ठपुर@क्या शहर से गुजरने वाले मंत्री,विधायक व कलेक्टर साहब को नहीं दिखती सड़क चौड़ीकरण ना होने से उत्पन्न परेशानियां?

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  • सड़क चौड़ीकरण में अडंगा,शहर का व्यापार चौपट,जिम्मेदार कौन?
  • व्यापारी समेत आम जन हो रहे परेशान,हर दिन लगता है जाम चिंता करने वाले अपने में मशगुल।

-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 07 अगस्त 2022 (घटती-घटना)।
24 वर्ष पूर्व 1998 में सरगुजा से अलग कर बनाया गया कोरिया जिला का मुख्यालय बैकुंठपुर अपनी गरिमानुरूप विकसित नही किया जा सका है, ऐसा नही कि इस शहर को सजाने सवारनें का प्रयास नही हुआ प्रयास तो बहुत हुआ लेकिन शहर के चंद लोगो ने खुद के स्वार्थ के कारण इसे विकसित होने से रोक दिया। जिला मुख्यालय को सर्वप्रथम चौड़ीकरण की सख्त जरूरत थी लेकिन यह कहने में कतई संकोच नही है कि चौड़ीकरण के कार्य में जबरन अड़ंगा लगाकर कुछ व्यापारियों ने शहर और यहां के निवासियों के साथ ही व्यापार पर ही ग्रहण लगा दिया। इसकी सजा अब आम नागरिक समेत व्यापारी वर्ग भी भुगत रहा है। तो वहीं शहर का प्रत्येक नागरिक चौड़ीकरण में बाधा बने लोगो के खिलाफ आक्रोषित है।

मुख्यमंत्री व मंत्रियों के शहर आगमन पर प्रशासन सड़क खाली करवा देता जिस वजह से नहीं दिखती सड़कों पर चौडीकरण ना होने से उत्पन समस्या पर वास्तविकता तो रोज दिखती जब लोगों को सड़क चौड़ीकरण ना होने की वजह से जाम से दो-चार होना पड़ता है। सवाल यह भी है कि जीते हुए विधायक भी इस शहर से तालुकात रखते हैं इसी सड़क से रोज गुजरते हैं पर नहीं दिखती तो उन्हें सड़क चौड़ीकरण ना होने से उत्पन्न होने वाली परेशानी, कुछ ऐसा ही हाल जिले के कलेक्टर, जिले के एसपी भी इसी सड़क पर रोज निकलते हैं पर इन्हें भी क्या नहीं दिखती सड़क चौड़ीकरण ना होने वाली परेशानियां।
जनप्रतिनिधियों ने भी दिया था चौड़ड़ीकरण के लिए निष्पक्ष समर्थन
जिला मुख्यालय बैकुंठपुर में सड़क चौड़ीकरण एक कहानी की तरह बन गई है,पिछले वर्ष शहर के कुछ सक्रिय युवाओं ने रोज लग रही जाम से हो रही परेषानियों को देखते हुये सड़क चौड़ीकरण के लिये के लिये आवाज बुलंद किया था हस्ताक्षर अभियान से लेकर जनप्रतिनिधियों से भी सहयोग मांगा गया था। शहर के भी आम जन समेत लगभग व्यापारियों ने अपना समर्थन देते हुये सड़क चौड़ीकरण की मांग प्रषासन से की थी, युवाओं ने तात्कालिक कोरिया कलेक्टर से भेंटकर लोगो की आवाज को उन तक पहुंचाया भी लेकिन चौड़ीकरण के कार्य आज तक नही हो सका। तात्कालिक कोरिया कलेक्टर ने चौड़ीकरण हेतु एक टीम का गठन किया था उस टीम ने निर्धारित बिंदुओ को ध्यान में रखते हुये अपनी रिपोर्ट भी प्रषासन तक पहुंचा दी लेकिन कुछ दिनों बादप्रशासनिक मुखिया बदलते ही चौड़ीकरण की दिषा में बढ रहा काम एकदम ठप्प पड़ गया है।
हर नागरिक और व्यापारी चाहता है चौड़ड़ीकरण
शहर का चौड़ीकरण आज सबसे ज्यादा जरूरत बन चुका है,मुख्यालय में आज एकमात्र सड़क है जहां से सभी यात्री बसें और बिलासपुर मार्ग से आने-जाने वाली ट्रकें चलती हैं,दिन भर सैकड़ो की तादात में वाहनों का आना जाना होता है। जिससे कि प्रमुख सड़क में जाम की स्थिति तो निर्मित होती ही है दुर्घटना का खतरा भी बना रहता है। शहर का हर नागरिक चाहता है कि उनका भी शहर सुंदर हो सड़के चौड़ी हों जिससे कि आवागमन में बाधा न हो। तो वहीं कुछेक स्वाथी व्यापारियों को छोड़कर लगभग 90 प्रतिषत व्यापारियों की आवाज है कि शहर से गुजरे सड़क का चौड़ीकरण नितांत आवष्यक है। व्यापारियों का कहना है कि आज उनके दुकान के सामने चारपहिया वाहन तो क्या एक बाईक भी खड़ा नही किया जा सकता। जिससे कि व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
अधिकारियों व नेताओं को दिग्भ्रमित करनें का आरोप
शहर के निवासियों का कहना है कि यहां व्यापार संघ के नाम पर एक संगठन तैयार किया गया है जिसका काम सिर्फ और सिर्फ शहर का विकास रोकना है खुद के स्वार्थ में व्यापार संघ से जुड़े चंद लोग प्रषासन के समक्ष उलजलूल सवाल खड़ा करते हैं। व्यापार संघ के तथाकथित पदाधिकारी लोग नेताओं और प्रषासन के समक्ष जाकर खुद का व्यापारियों का हितैषी बतलाते हैं और चौड़ीकरण पर बाधा कर रहे हैं। जबकि ऐसे लोग न तो व्यापारियों की मदद करते हैं और न ही उन्हे व्यापारियों की समस्याओं से लेनादेना है। व्यापार संघ के पदाधिकारियों के द्वारा प्रषासनिक अधिकारियों के समक्ष जाकर तरह-तरह से दिग्भ्रमित किया जाता है। जिससे कि आज चौडीकरण का कार्य नही हो सका है। व्यापार संघ के बहाने चौड़ीकरण पर बाधक बनना कहीं से सही नही है क्योंकि आज चौड़ीकरण का कार्य इस शहर की सबसे ज्यादा जरूरत है। लेकिन चंद लोगों के समूह के नाम से खुद को व्यापार संघ का सर्वेसर्वा बताकर चौड़ीकरण न होने देना लोगो के लिये मुसीबत बन चुका है। बताया जाता है कि व्यापार संघ के नाम पर चौड़ीकरण पर अड़ंगा लगाया जाता है लेकिन इससे शहर के अधिकांश व्यापारी सहमत नही है,व्यापारी वर्ग का भी मानना है कि सड़क का चौड़ीकरण सबसे ज्यादा जरूरी है।
जनसंख्या बढी,वाहनें बढी लेकिन नहीं बढीं सड़ड़क की चौड़ड़ाई
बैकुंठपुर को जिला बने आज कई वर्ष गुजर गये उस हिसाब से धीरे-धीरे यहां की जनसंख्या भी काफी बढ गई है। पहले की अपेक्षा जिला मुख्यालय में कई शैक्षणिक संस्थाने भी खुल गई हैं,षहर का भी विस्तार हुआ है,बड़ी संख्या में अब घर भी बन गये हैं जिसक बाद यहां बहुत बड़ी संख्या में लोगो की भीड़ नजर आने लगी है। दुपहिया सहित चारपहिया वाहन भी बढ गए हैं,तों वही मुख्यालय में बड़ी संख्या में आटो वाहन भी बढे हैं जिससे कि शहर से गुजरा सड़क अब काफी सकरा हो चुका है। साप्ताहिक बाजार गुरूवार और रविवार के दिन भी बड़ी संख्या में लोग यहां आते हैं लेकिन सड़क चौड़ीकरण न होने का खामियाजा सभी को भुगतना पड़ रहा है।
त्यौहारों पर भीड़ के कारण होती है मारामारी
जब भी त्यौहार का समय आता है तो उससे संबंधी सामानों की दुकानें शहर के मुख्य चौक समेत प्रमुख सड़क के अगल-बगल ही लगाई जाती हैं ऐसे में इसी मार्ग से वाहनों की आवाजाही और लोगों की भीड़ के कारण त्यौहार के समय आवागमन में काफी परेषानी होती है। भीड़ और वाहनों की आवाजाही के कारण दुर्घटनांए भी होती है,इस समय लोगों को सड़क चौड़ीकरण सबसे ज्यादा आवष्यक महसूस होता है।
पशु चिकित्सालय से फव्वारा चौक तक जाम की स्थिति
जिला मुख्यालय बैकुंठपुर में सबसे ज्यादा सड़क चौड़ीकरण की जरूरत जिला पशु चिकित्सालय से लेकर फव्वारा चौक तक है क्योंकि शहर का मेन मार्केट लगभग यहीं तक सीमित होकर रह गया है,चंद व्यापारियों की गलत सोच और दूसरे अन्य व्यापारियों को आगे न बढने देने की गंदी नीति के कारण भी इस शहर का व्यापार भी कुछ खास असरकारक नही है। इस कारण व्यापार एक क्षेत्र तक सीमित होकर रह गया है। इस कारण इस क्षेत्र में ज्यादातर जाम की स्थिति बनती है। तो वहीं स्थानीय नागरिकों का कहना है कि चौडीकरण न होने से आलम यह है कि यदि उन्हे परिवार समेत चारपहिया वाहन से बाजार जाना है तो यह संभव ही नही है।
व्यापार हुआ चौपट,बाईपास भी एक प्रमुख कारण
मुख्यालय का व्यापार चौपट होने के पीछे एक बहुत बड़ा कारण खरवत से निकला बाईपास भी है। बताया जाता है कि शहर में यदि चौड़ीकरण होता तो उसकी जद में कई मठाधीशो की दुकानें आ रही थी ऐसे में उनके दुकान का कुछ हिस्सा भी प्रभावित हो रहा था तो इससे बचने के लिए मठाधीषों के द्वारा षडयंत्र रचा गया और तात्कालिक जनप्रतिनिधि व अधिकारियों को बरगलाकर बाईपास बनवा दिया गया। आज बाईपास शुरू हो जाने के बाद पटना और चरचा क्षेत्र के लोगभी बैकुंठपुर न आकर सूरजपुर और मनेंद्रगढ तक खरीदी हेतु जाते हैं जिससे कि शहर का व्यापार काफी प्रभावित हुआ है।
कई बार जाम में फंसी है एंबुलेंस,मठाधीषों को नही पड़ड़ा फर्क
चौड़ीकरण न होने का खामियाजा आम नागरिक समेत मरीजों को भी भुगतना पड़ रहा है। फिर भी यह सब शहर के कुछ तथाकथित मठाधीषों व खुद को व्यापारियों का स्वयंभू हितैषी बतलाने वाले लोगो को कभी दिखलाई नही दिया । खुद के स्वार्थ में ऐसे लोगो ने अपनी आंखे मुंद रखी है। जबकि उनकी दुकानों के सामने कई बार मरीजों को लेकर जा रही एंबुलेंस जाम में फंस चुकी है। किसी गंभीर हादसे के बाद ही चौड़ीकरण हो सकेगा ऐसा स्थानीय नागरिकों का मानना है।
पड़ोसी जिला मुख्यालय बना शान
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि कोरिया जिला निर्माण के कई वर्ष के बाद पड़ोस में सूरजपुर जिला बनाया गया और आज वहां मुख्यालय का दृष्य काफी सुंदर दिखलाई देता है। शहर प्रवेष करनें से लेकर अंत तक सड़क चौड़ीकरण होने से वहां जाम की स्थिति नही बनती।स्थानीय लोग सूरजपुर जिला मुख्यालय की शान देखकर खुद को काफी ठगा महसूस करते हैं सभी का मानना है कि इस शहर के चंद व्यापारियों ने अपनी मुटठी से शहर के व्यापार को आजाद नही होने दिया जिसका खामियाजा सभी को और खासकर छोटे व्यापारियों को भुगतना पड़ रहा है।
जिला प्रशासन से बढ़ी उम्मीद
शहर में सड़क चौड़ीकरण की मांग एक बार फिर से जोर पकड़ेगी ऐसा प्रतीत होता है। हर नागरिक की जरूरत अब सड़क चौड़ीकरण बन चुकी है। शहर के युवाओं समेत जनप्रतिनिधियों का मानना है कि अगर इस शहर के व्यापार को बचाना है तो चौड़ीकरण अति अनिवार्य है। एक बार फिर से जल्द ही चौ¸ड़ीकरण की मांग तेज होने की उम्मीद है तो वहीं स्थानीय जनों का कहना है कि जिला प्रषासन यदि चाह ले तो सड़क चौड़ीकरण होना कोई बड़ी बात नही है। प्रषासन में प्रमुख पद पर बैठे अधिकारी और जिम्मेदार जनप्रतिनिधि यदि चाह लें तो सड़क चौड़ीकरण हो सकेगा जिसका लाभ लोगों को अवष्य ही मिलेगा।


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