नई दिल्ली, 05 अगस्त 2022। राज्यसभा के सभापति एम वेकैया नायडू ने शुक्रवार को सदन मे स्पष्ट किया कि सासदो को सत्र के दौरान या अन्यथा किसी आपराधिक मामले मे गिरफ्तार होने से कोई छूट नही है। नायडू ने कहा कि ससद सदस्य किसी आम नागरिक से अलग नही है। इसका मतलब है कि ससद सदस्य को सत्र के दौरान या अन्यथा किसी आपराधिक मामले मे गिरफ्तार होने से कोई छूट नही है। नायडू की टिप्पणी सदन के काग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा सदन मे इस मुद्दे को उठाए जाने के एक दिन बाद आई है कि उन्हे प्रवर्तन निदेशालय द्वारा सत्र के दौरान बुलाया गया था। पिछले कुछ दिनो मे जो कुछ हुआ उस पर नायडू ने कहा, मै एक बात स्पष्ट करना चाहता हू कि सदस्यो के बीच एक गलत धारणा है कि उन्हे सत्र के दौरान एजेसियो द्वारा कार्रवाई करने का विशेषाधिकार है।
नायडू ने बताया किस मामले मे मिलता है विशेषाधिकार
नायडू ने कहा, मैने इस पर गभीरता से विचार किया है। मैने सभी मिसालो की जाच की और मुझे अपने द्वारा दिया गया खुद का फैसला याद आया। सविधान के अनुच्छेद 105 के तहत ससद सदस्यो को कुछ विशेषाधिकार प्राप्त है।
ताकि वे बिना किसी बाधा के अपने ससदीय कर्तव्यो का पालन कर सके। एक विशेषाधिकार यह है कि किसी ससद सदस्य को दीवानी मामले मे सत्र या समिति की बैठक शुरू होने से 40 दिन पहले और उसके बाद 40 दिनो मे गिरफ्तार नही किया जा सकता है। नायडू ने कहा कि यह विशेषाधिकार पहले से ही नागरिक प्रक्रिया सहिता, 1908 की धारा 135ए के तहत शामिल है।
सभापति ने डॉ. जाकिर हुसैन द्वारा 1966 मे दिए गए एक निर्णय की ओर सदन का ध्यान आकर्षित किया जिसमे उल्लेख किया गया है कि ससद के सदस्य कुछ विशेषाधिकार प्राप्त करते है ताकि वे अपने कर्तव्यो का पालन कर सके। ऐसा ही एक विशेषाधिकार ससद का सत्र चलने के दौरान गिरफ्तारी से मुक्ति है। गिरफ्तारी से मुक्ति का यह विशेषाधिकार केवल दीवानी मामलो तक ही सीमित है और इसे आपराधिक कार्यवाही मे प्रशासन मे हस्तक्षेप करने की अनुमति नही दी गई है।
ससद सदस्य को किसी भी जाच एजेसी के सामने पेश होने से बचना नही चाहिए
नायडू ने आगे कहा कि सदस्यो को यह भी याद होगा कि मैने पहले अवलोकन किया था और कहा था किसी भी ससद सदस्य को किसी भी जाच एजेसी के सामने पेश होने से बचना नही चाहिए। सासदो के रूप मे कानून और कानूनी प्रक्रियाओ का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। यह सभी पर लागू होता है। आप केवल सूचित कर सकते है कि सदन चल रहा है, आगे की तारीख की माग सकते है, लेकिन आप प्रवर्तन एजेसियो या कानून लागू करने वाली एजेसियो के सम्मन या नोटिस से बच नही सकते है।
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