अम्बिकापुर, 02 अगस्त 2022(घटती-घटना)। वर्षा से प्रभावित लखनपुर और उदयपुर क्षेत्र में खेत सूखे पड़े हैं किसान परेशान और सूखा प्रभावित क्षेत्र घोषित न किए जाने की आशंका से चिंतित और आक्रोशित हैं।
इंटरनेट मीडिया में सूखा प्रभावित क्षेत्रों की सूची में लखनपुर और उदयपुर का नाम न देख प्रभावित ग्रामीणों ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री एवं क्षेत्रीय विधायक टीएस सिंह देव को वस्तुस्थिति से अवगत कराया था। स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंह देव एवं जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया उन्होंने ग्रामीणों से चर्चा कर वस्तुस्थिति की जानकारी ली जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंह देव ने बताया उदयपुर और लखनपुर के सिंचाई परियोजनाओं में एफ एल टी के माध्यम से 5त्न से भी कम जलभराव इस वर्ष हुआ है । इसी आधार पर अन्य क्षेत्रों को सूखा प्रभावित माना गया है ऐसे में लखनपुर और उदयपुर क्षेत्र को सूखा घोषित किया जाना आवश्यक है लखनपुर ब्लाक के देवी टिकरा,सलका, पतराटोली,पर्री,मुकुंदपुर जैसे घुनघुट्टा माइनर कैनाल से लगे ग्रामों को छोड़कर किसी भी गांव में धान की और उपाय नहीं हुई है ज्यादातर खेत सूखे पड़े हैं जिन किसानों ने अपनी व्यवस्था से रोपा लगाया उनके खेतों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ चुकी है लखनपुर विकासखंड के ग्राम लहपट,निमहा,राजपुरी जैसे गांव में बहरा खेतों में भी धान की रोपाई अब तक नहीं हो सकी है उदयपुर विकासखंड के ग्राम देवगढ़, खमरिया,खोन्दला में भी धान के फसल की स्थिति बेहद खराब है किसानों ने बताया ज्यादातर किसान धान की फसल की उम्मीद छोड़ बैठे हैं। खेतों में रोपा लगाना तो दूर हल चलाने की स्थिति भी नहीं बन पा रही है।जिन्होंने पहले रोपा लगा लिया है वे भी उत्पादन के बजाए पुआल के लिए फसल ले रहे हैं। किसानों ने लखनपुर और उदयपुर क्षेत्र को तत्काल सूखा प्रभावित घोषित कर राहत कार्य प्रारंभ करने की मांग की है। निरीक्षण के दौरान विक्रमादित्य सिंह देव, सिद्धार्थ सिंह ,राजनाथ सिंह ,कृपा गुप्ता ,अमित सिंह देव, रणविजय सिंह देव, ओमप्रकाश सिंह, बबन रवि, धर्मेंद्र झारिया सहित क्षेत्र के कांग्रेस जन मौजूद थे।
बारिश में डबरी बना रहे पर सूखा नहीं
उदयपुर विकासखंड के ग्राम कुंडला में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत डबरी का निर्माण किया जा रहा है। अगस्त के महीने में चल रहे निर्माण कार्य में 50त्न से अधिक श्रमिक काम पर लगे हैं। सामान्यता बारिश के दिनों में इस तरह के कार्य संभव नहीं होते। ग्रामीण जन खेतों में व्यस्त होने की वजह से रोजगार गारंटी के ग्राम में उपस्थित नहीं होते हैं मगर इस वर्ष सूखे के चलते किसान खेत छोड़ रोजगार गारंटी का काम कर रहे हैं। इसके बावजूद क्षेत्र को सूखा प्रभावित नहीं माना गया है।
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