- विभिन्न संभारतशोधनों में शामिल मतदाताओं के प्रमाणीकरण के उद्देश्य से आधार संकलन की प्रक्रिया शुरू।
- मतदाताओं द्वारा आधार संख्या दिया जाना स्वैच्छिक, खास होंगे अब मतदाता फोटो परिचय पत्र।
- मतदाताओं के पंजीकरण हेतु 01 जनवरी की जगह 04 अहर्ता तिथियां निर्धारित।
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 01 अगस्त 2022 (घटती-घटना)। कोरिया 1 अगस्त 2022 से भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता पंजीयन को सरल बनाने के उद्देश्य से प्रपत्रों को सरल व सुविधाजनक बनाकर शुभारंभ किया जा रहा है। आज से ही मतदाताओं के प्रमाणीकरण के उद्देश्य से आधार संकलन की प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है। आयोग द्वारा किये गये विभिन्न संशोधनों के विषयक आज स्वान कक्ष में राजनीतिक दलों की बैठक आहुत की गयी जिसमें जिले के प्रमुख राजनीतिक दलों ने सदस्य शामिल रहे। भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली द्वारा निर्वाचन विधि एवं नियमों में संशोधन किये गये है। इसके साथ ही आयोग द्वारा वार्षिक विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अर्हता तिथि 01 जनवरी 2023 हेतु भी विस्तृत कार्यक्रम एवं निर्देश जारी किये गये हैं।
निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता फोटो पहचान पत्र (एपिक कार्ड) को नये सुरक्षा मानकों के साथ जारी करने का निर्देश दिए गए हैं, जो 01 अगस्त 2022 से पोस्ट के माध्यम से मतदाताओं को उनके दिए गए पते पर मिलेगा।
नवीन संशोधन में पंजीकृत मतदाताओं के आधार संकलन हेतु प्रावधान
नवीन संशोधन में पंजीकृत मतदाताओं के आधार संकलन हेतु प्रावधान जोड़ा गया है। मतदाता सूची में प्रविष्टियों को प्रमाणित करने और त्रुटिरहित बनाने के लिए पंजीकृत शत-प्रतिशत मतदाताओं से संपर्क कर आधार संख्या आयोग के संभावित लक्ष्य दिनांक 01 अप्रैल 2023 के पूर्व एकत्रित की जानी है। इस हेतु नवीन फार्म 6-ख अधिसूचित किया गया है। इसका मुख्य उदे्श्य मतदाताओं की पहचान स्थापित करना और एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में एक ही व्यक्ति के नाम के पंजीकरण अथवा एक से अधिक बार उसी निर्वाचन क्षेत्र में पंजीकरण की पहचान करना है ताकि भविष्य में मतदाताओं को बेहतर चुनावी सेवाएं उपलब्ध कराई जा सके।
मतदाताओं द्वारा आधार संख्या दिया जाना स्वैच्छिक
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार आधार एकत्रीकरण का कार्य 01 अगस्त 2022 से ऑनलाईन एवं ऑफलाईन दोनों माध्यम से प्रारम्भ किया जायेगा। मतदाताओं द्वारा आधार संख्या दिया जाना स्वैच्छिक है, आधार संख्या उपलब्ध नही कराने पर निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा किसी भी परिस्थिति में मतदाता सूची में दर्ज प्रविष्टि को नही हटाया जाएगा। फॉर्म 6-ख में मतदाताओं के आधार प्राप्त करने के लिए जिले के सभी मतदान केन्द्रों पर माह सितम्बर से प्रत्येक माह एक दिन विशेष शिविर आयोजित किए जाएगे।
पूर्व पंजीकृत मतदाता स्वयं भी कर सकते हैं आधार पंजीयन
पूर्व पंजीकृत मतदाता स्वयं ऑनलाइन अथवा बीएलओ के माध्यम से फॉर्म – 6 भरकर अपना आधार पंजीयन करा सकता है, नवीन पंजीयन हेतु आवेदन में ही आधार की जानकारी साझा करने का प्रावधान किया गया है।
नागरिकों के मतदाता सूची में पंजीकरण हेतु निर्धारित प्रपत्रों में संशोधन
मतदाताओं के पंजीकरण के लिए भरे जाने वाले प्रपत्रों को सुविधा जनक बनाया गया है। निर्वाचक पंजीकरण (संशोधन) नियम – 2022 के तहत् प्रपत्र 1, 2, 2क, 3, 6, 7, 8, 11, 11क, 18 एवं 19 में संशोधन किये गये है।
- प्रपत्र 001 में प्रतिस्थापना मतदाता फोटो परिचय पत्र (एपिक) जारी करनें के लिए आवेदन को समाप्त कर प्रपत्र-8 में इसका प्रावधान किया गया है।
- एक ही विधानसभा क्षेत्र के भीतर निवास स्थानांतरण के मामलों के लिए प्रपत्र-8क को समाप्त कर, प्रपत्र-8 में ही इसके लिए प्रावधान किया गया है। आधार संकलन हेतु नया प्रपत्र – 6ख जोड़ा गया है।
- संशोधित प्रपत्र – 6 अब केवल नए मतदाताओं के पंजीकरण के लिए कर दिया गया है तथा इसमें एक निर्वाचन क्षेत्र से दूसरे निर्वाचन क्षेत्र में स्थानांतरण के लिए आवेदन के प्रावधान को हटा कर संशोधित प्रपत्र-8 में शामिल किया गया है।
- अनाथ व्यक्ति के प्रकरणों में कानूनी अभिभावक का विवरण अब रिश्तेदारों के विवरण के अंतर्गत दिये जा सकने का संशोधन भी इस प्रपत्र में किया गया है। जन्म और निवास के प्रमाण के लिए दस्तावेज निर्धारित किए गये है ताकि प्रपत्रों का त्वरित निराकरण हो सके। प्रवासी मतदाता के पंजीकरण के लिए आयोग द्वारा निर्धारित फॉर्म 6क में कोई संशोधन नही किया गया है।
- प्रपत्र – 7 में मतदाता सूची में नाम हटाने के लिए मृत्यु प्रमाण-पत्र संलग्न करने का प्रावधान किया गया है।
- आयोग के नवीनतम निर्देशों के अनुसार संशोधित फॉर्म – 8 में मतदाता के निवास स्थानांतरण, वर्तमान निर्वाचक नामावलियों की प्रविष्टियों में सुधार, प्रतिस्थापन एपिक एवं मतदाताओं का दिव्यांगजन के रूप में चिन्हांकन का प्रावधान किया गया है।
- प्राप्त आपत्तियों व सुधार करनें के लिए प्राप्त आवेदनो को सूचीबद्ध करने के लिये मौजूदा फॉर्म-11 तथा 11क के साथ ही एक नया फॉर्म-11ख प्रस्तावित किया गया है, जिसमें फॉर्म-8 में प्राप्त एक निर्वाचन क्षेत्र से दूसरे निर्वाचन क्षेत्र में स्थानांतरण कराने के लिए प्राप्त आवेदनों की सूची तैयार की जायेगी। इसी प्रकार से फॉर्म-7, 11, 11क और 11ख को छोड़कर शेष सभी मतदाता प्रपत्रों में मतदाताओं के आधार विवरण प्राप्त करनें का प्रावधान किया गया है।
आयोग द्वारा संशोधन उपरांत मतदाताओं के पंजीकरण हेतु 01 जनवरी की जगह 04 अहर्ता तिथियां निर्धारित
नए संशोधन के उपरांत अब निर्वाचक में नाम जुड़वाने के लिए अहर्ता तिथि 01 जनवरी के स्थान पर प्रत्येक वर्ष में चार बार 01 जनवरी, 01 अप्रैल, 01 जुलाई तथा 01 अक्टूबर निर्धारित की गयी है।निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों के द्वारा प्रपत्र-5 में प्ररूप प्रकाशक की सूचना जारी कर प्रत्येक वर्ष की 4 अहर्ता तिथियों के संदर्भ में दावा-आपत्ति आमांत्रित की जावेगी एवं ऐसे आवेदक, व्यक्ति, नागरिक जो 01 जनवरी के साथ-साथ इसके पश्चात् की अहर्ता तिथियों अर्थात 01 अप्रैल, 01 जुलाई, 01 अक्टूबर के संदर्भ में पंजीकरण के लिए भी पात्र हो रहे हैं, वे भी अपने आवेदन प्ररूप-6 में अग्रिम रूप से जमा कर सकेंगे। ऐसे आवेदक प्रारंभिक प्रकाशन की तिथि यानी 09 नवंबर 2022 से 08 दिसंबर 2022 तक अपना आवेदन कर सकेंगे। निर्वाचक रजिट्रीकरण अधिकारी द्वारा केवल 1 जनवरी 2023 की अर्हता तिथि से संबंधित दावा-आपत्ति का निराकरण किया जाकर मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 05 जनवरी 2023 को किया जावेगा। 01 जनवरी के पश्चात् की अहर्ता तिथियों के संबंध में प्राप्त होने वाले आवेदन डिजीटाईज करके रखे जावेंगे तथा इनका निराकरण निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा संबंधित अहर्ता तिथि के माह में किया जावेगा। अग्रिम आवेदन न कर सकने वाले युवा नागरिक मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के पश्चात भी संबंधित तिमाही में सतत् अद्यतनीकरण के दौरान आवेदन कर सकेंगे।
जेंडर न्यूट्रल का प्रावधान करते हुए पत्नी शब्द के लिए ’पति या पत्नी’ प्रतिस्थापित
आयोग द्वारा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 में संशोधन कर मतदान केन्द्रों, मतगणना के लिए, मतपत्र भण्डारण, मतदान सामग्री, सुरक्षा बलों और मतदाता कर्मिओं के आवास हेतु परिसर की आवश्यकता को देखते हुए इनके अधिग्रहण का प्रावधान तथा सेवा एवं विशेष निर्वाचकों हेतु जेंडर न्यूट्रल का प्रावधान करते हुए निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम – 1961 में संशोधन कर ’पत्नी’ शब्द के लिए ’ पति या पत्नी’ प्रतिस्थापित किया गया है। संशोधित सभी प्रपत्र एवं नियम दिनांक 01 अगस्त 2022 से प्रभावशील हो चुके हैं। 01 अगस्त 2022 से ई.आर.ओ. नेट और इससे जुडी आईटी एप्लीकेशन नेशनल वोटर्स सर्विस पोर्टल (एन.व्ही.एस.पी. पोर्टल), वोटर हेल्पलाईन एप एवं गरूड़ एप में नये आवेदन प्रपत्र और प्रक्रिया उपलब्ध होगी। अंतिम प्रकाशन के पश्चात् भी बाद की आर्हता तिथि में पात्रता रखने वाले व्यक्तियों के द्वारा आवेदन किया जा सकेगा। अर्हता तिथि 01.01.2023 के पश्चात् की आर्हता तिथियों (01 अप्रैल, 01 जुलाई एवं 01 अक्टूबर) के संबंध में निर्वाचक नामावलियों के पुनरीक्षण के दौरान एवं उसके पश्चात् प्राप्त सभी आवेदनों का निरांकरण संबंधित तिमाही के प्रथम माह को निर्धारित प्रक्रिया द्वारा निराकृत किया जाएगा। पुनरीक्षण में इस बार आयोग द्वारा किये गये संशोधन अनुसार नये प्रपत्रों में आवेदन प्राप्त किये जावेंगे। एक निर्वाचन क्षेत्र से दूसरे निर्वाचन क्षेत्र में स्थानांतरण हेतु आवेदन प्ररूप-6 के स्थान पर प्रपत्र-8 में प्राप्त किए जावेंगे एवं इसी दौरान पंजीकृत मतदाताओं से आधार संख्या संकलन प्ररूप-6ख में किया जावेगा।
इस तरह से खास होंगे अब मतदाता फोटो परिचय पत्र
वर्तमान में एपिक कार्ड़ प्रिंटिग का कार्य सी.एस.सी. के माध्यम से कराया जा रहा था। भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा नये सिक्यूरिटी फीचर्स के साथ एपिक कार्ड बनाने हेतु निर्देशित किया गया है।
नये सिक्यूरिटी फीचर्स
क्यु आर कोड, माईक्रो टेक्स्ट, गुइल्लोये पैटर्न, होलोग्राम, घोस्ट इमेज भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार एपिक कार्ड केवल डाक विभाग के माध्यम से मतदाता को उपलब्ध कराना है जिसके लिए कार्यालय ने डाक विभाग के साथ एमओयू का निष्पादन किया है।एपिक कार्ड के साथ वेलकम लेटर, वोटर गाईड, वोटर प्लेज एवं एनवलप भी प्रदाय किया जावेगा।