- शिकायतकर्ता की शिकायत पर छत्तीसगढ़ शासन गृह विभाग मंत्रालय ने पुलिस महानिदेशक को लिखा पत्र।
- प्रधान आरक्षक की शिकायत हुई थी गृह सचिव से जिस पर विभाग ने कार्यवाही कर अवगत कराने का पुलिस महानिदेशक को लिखा पत्र।
- प्रधान आरक्षक के विरुद्ध कार्यवाही कर जांच प्रतिवेदन देने का किया निर्देश जारी।
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 01 अगस्त 2022 (घटती-घटना)। जिले के एक शिकायतकर्ता के द्वारा जिले में पदस्थ प्रधान आरक्षक के विरुद्ध कार्यवाही करने हेतु छत्तीसगढ़ शासन गृह पुलिस विभाग मंत्रालय को पत्र लिखा गया था, जिस पर छत्तीसगढ़ शासन गृह पुलिस विभाग मंत्रालय ने पुलिस महानिदेशक छत्तीसगढ़ शासन अटल नगर रायपुर को शिकायतकर्ता के शिकायत पर कार्यवाही करने के लिए पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर जांच प्रतिवेदन से अवगत कराने के लिए निर्देशित किया है, जिसे देखकर ऐसा लगता है कि इस बार प्रधान आरक्षक पर कार्रवाई होना निश्चित है।
जानकारी के अनुसार कोरिया जिले के एक शिकायतकर्ता ने प्रमुख सचिव (गृह) पुलिस विभाग को शिकायत करते हुए कोरिया जिले में पदस्थ प्रधान आरक्षक बैच क्रमांक 98 नवीन दत्त तिवारी के विरुद्ध 10 बिंदुओं पर शिकायत की थी और उनके द्वारा प्रधान आरक्षक पर गंभीर आरोप लगाए गए थे जिस पर गृह विभाग ने पुलिस महानिदेशक को कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया है शिकायतकर्ता ने आरोप लगाते हुए शिकायत की थी कि प्रधान आरक्षक बैच क्रमांक 98 नवीन दत्त तिवारी वर्तमान पदस्थापना रक्षित केन्द्र बैकुन्ठपुर में नियुक्ति आदेश दिनांक से आज दिनांक (कई वर्षों) तक कोरिया जिले के चुनिन्दा थानों पटना, चरचा, खड़गवां, सोनहत में ही पदस्थ रहें है, जिसका कारण आधिकारिक मिली भगत है और आपसी सांठ-गांठ से इन क्षेत्र के मादक पदार्थों के कारोबारियों, कोयले के अवैध कारोबारीयों, कबाड़ चोरों से सांठ-गांठ कर ये काली कमाई अर्जित करते है,कोरिया जिला में पदस्थापना के दौरान वेतन के अलावा आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के कारण इनके द्वारा बैकुन्ठपुर एवं छत्तीसगढ़ के अन्य शहरों में स्वयं के नाम से और अपनी पत्नी के नाम अकुत बेनामी संपत्ति इनके द्वारा खरीदा गया है, जो कि जांच का विषय है। आलीशान मकान के अलावा घर में साजो सज्जा के कीमती सामान जैसे एलईडी,एसी, सीसीटीवी कैमरा, मारूती ब्रेजा कार तथा रॉयल इन्फिलेड बुलेट मोटर साइकिल, सोने चांदी की सोने चांदी की कीमती ज्वेलरी इत्यादि अन्य सामान आय से अधिक संपत्ति के तहत मौजूद है। शासकीय पद पर आसीन होने के उपरांत इनके द्वारा इनके वेतन से कई गुना आय से अधिक संपत्ति अवैध तरीके से अर्जित किया गया है, जबकि पुलिस विभाग मे बिना विभागीय अनुमति के जमीन, मकान, वाहन, क्रय नहीं किया जा सकता, शासकीय पद पर कोरिया जिला में पदासीन होने से अधिकारिक मिलीभगत से कोयला तस्करी, कबाड़ तस्कर व अवैध नशीले दवा कारोबारियों से अच्छी सांठ-गांठ होने से इन कारोबारियों से अच्छी मोटी रकम प्राप्त कर स्वयं एवं उच्चाधिकारियों के लिए लाभ अर्जित किया गया है।
प्रधान आरक्षक नवीन दत्त की वजह से पूरा पुलिस विभाग बदनाम
यह शिकायत में बताया गया था, जिससे कोई शिकायत प्राप्त होने पर भी उच्च अधिकारियों द्वारा उचित कार्यवाही नहीं किया जा सका है, कोरिया जिले की पुलिस मनमाना रवैया अख्तियार कर चुकी है, कुछ अधिकारी व पुलिसकर्मियों की वजह से पुलिस विभाग में उथल-पुथल की स्थिति निर्मित हो चुकी है, आम जनों की बेहतरी की बजाय, कानून व्यवस्था लागू करने की बजाय कोरिया जिले की पुलिस अवैध कारोबारियों के इशारों पर चल रही है, जिले में पदस्थ प्रधान आरक्षक नवीन दत्त तिवारी की वजह से पूरा पुलिस विभाग बदनाम हो चुका है, प्रधान आरक्षक प्रधान अधिकारियों को भी अपने वश में कर रखें हैं इसी के इशारों पर अधिकारी चलते हैं और इसी की मर्जी से जिले में स्थानांतरण भी होता है, एक प्रधान आरक्षक की वजह से जिले के बाकी पुलिसकर्मी भी परेशान हैं, बाकी पुलिसकर्मियों की शिकायत कर यह अधिकारियों के खास बनकर पुलिस व्यवस्था को चौपट करने में लगे हुए हैं और बुद्धिजीवी अधिकारी भी ना जाने इनकी बातों में आकर क्यों अपनी ही किरकिरी करा रहे हैं। प्रधान आरक्षक के खिलाफ काफी शिकायतें हैं, इसके बावजूद कार्यवाही कोई नहीं करता, उक्त प्रधान आरक्षक वर्तमान में रक्षित केंद्र में पदस्थ होने के बावजूद अधिकारी के मौखिक आदेश पर साइबर विभाग में काम कर रहें हैं प्रधान आरक्षक के इशारे पर पुरा एक थाना (थाना पटना) चलता है। इनके बिना पूछे पटना के थाना प्रभारी कुछ नहीं करते। कोरिया पुलिस के कुछ उच्चाधिकारियों के लिए जिले के कुछ पुलिस कर्मचारी यथा वर्तमान मनेंद्रगढ़ थाना प्रभारी, पटना थाना प्रभारी और उक्त वर्णित प्रधान आरक्षक इतने खास हैं कि शिकायतें होते रहेगी पर इन पर कार्यवाही नहीं होगी।
पुलिसकर्मियों का निकाला जाए सीडीआर निकाली जाए अवैध कारोबारियों से संपर्क
यदि इस समय पुलिसकर्मियों की सीडीआर निकाली जाए तो पुलिसकर्मियों के अवैध कारोबारियों से संपर्क मिल जाएंगे। प्रधान आरक्षक की छवि जिले में कितनी खराब है यह किसी से छिपी नहीं है और उसी प्रधान आरक्षक पर अधिकारी मेहरबान हैं। प्रधान आरक्षक के विरुद्ध यदि पता करवाया जाए तो कई शिकायतें ऐसी हैं जिसमें अभी तक जांच चल रही है जिसमें इनके ऊपर भूमाफियाओं को सहयोग सहित, जुआ सट्टा खिलवाने वालों तक के संदर्भ में शिकायत दर्ज है।
प्रधान आरक्षक झूठे मामलों में फंसाने से भी नहीं चूकते
शिकायतकर्ता के शिकायत के आनुसार प्रधान आरक्षक का पक्ष-विपक्ष के नेताओं से भी करीबी संबंध है और जिनके कारण भी उनके ऊपर कार्यवाही नहीं कि जाती क्योंकि उन्ही नेताओं के घर पर कुछ पुलिस अधिकारियों अस्थाई निवास है। उक्त प्रधान आरक्षक के विरुद्ध शिकायतों का अंबार है परंतु कार्यवाही शुन्य है। यदि किसी ने हिम्मत कर प्रधान आरक्षक की शिकायत उच्चाधिकारियों तक की तो अपने रसूख, पहुंच और काली कमाई का इस्तेमाल कर प्रधान आरक्षक झूठे मामलों में फंसाने से भी नहीं चूकते। समस्त शिकायतों के मद्देनजर गृह विभाग ने जांच के लिए पत्र पुलिस महानिदेशक को भेज दिया है अब इसबार क्या सही तरीके से जांच होगी और प्रधान आरक्षक पर कार्यवाही होगी यह देखने वाली बात होगी क्योंकि प्रधान आरक्षक का संपर्क बड़े अधिकारियों से है और वह ऊंची पकड़ की वजह से बचते चले आ रहें हैं।