आंगनबाड़ी भवन जर्जर कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा,क्या प्रशासन हादसे का कर रहा इंतजार?
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 01 अगस्त 2022 (घटती-घटना)। शासन द्वारा बनाए भवन इतने कम समय में जर्जर हो जाते हैं जिससे साफ जाहिर होता है कि निर्माण में सिर्फ भ्रष्टाचार ही हुआ होगा, सरकारी भवन जितने भी बने हैं सबकी मियाद काफी कम सालों में ही पूरी होती दिख रही है, सवाल यह है कि आखिर निर्माण के समय संबंधित विभाग गुणवत्ता पर क्यों ध्यान नहीं देता, जिसका खामियाजा कुछ साल बाद ही दिखने लगता है कुछ ऐसी ही स्थिति आदर्श आंगनवाड़ी केंद्र डांड़पारा का है जो भवन अब पूरी तरह जर्जर हो चुका है और इसकी छाते ऊपर से गिरने लगी है, आंगनबाड़ी के जर्जर भवन के नीचे बच्चे कैसे पड़ेंगे यह तो प्रशासन ही जाने पर हादसा कभी भी हो सकता है इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा? यह भी एक सोचने वाली बात है आखिर कब तक प्रशासन ऐसे भवनों की मॉनिटरिंग करेगा ताकि हादसे से पहले उसकी सुध ले ली जाए?
तस्वीर आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र डांड़पारा ग्राम पंचायत पिपरा आंजो खुर्द की है। भवन की स्थिति इतनी जर्जर है, कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। जिसकी जद में आंगनबाड़ी में कार्यकर्ता, सहायिका और छोटे छोटे बच्चे आ सकते हैं। कई बार विभागीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का ध्यानाकर्षण करने के बाद भी भवन की सुध लेने वाला कोई नहीं है। विडंबना यह है कि यह स्थिति आदर्श आंगनवाड़ी केंद्र की है। सूत्रों के अनुसार यह भवन छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के पूर्व मध्यप्रदेश शासन के कार्यकाल से निर्मित है। वैसे तो शासकीय भवनों के निर्माण के तौर तरीके और उन में उपयोग किए जाने वाले घटिया सामग्री एवं कमीशन खोरी की व्यथा से कोई अनजान नहीं है, परंतु यह भी एक आश्चर्य का विषय है कि यह आंगनबाड़ी भवन इतने सालों तक अपने अस्तित्व को लेकर टिका रहा। वर्तमान में भवन की दीवारें एवं छत इतनी जर्जर हो चुकी है कि उसमें उपयोग किए गए लोहे के छड़ पूरी तरह दिखाई दे रहे हैं। कांक्रीट मैटेरियल शनै शनै गिरता जा रहा है। जो किसी बड़े हादसे को न्योता देते नजर आ रहा है। यदि समय रहते विभागीय अधिकारी और जनप्रतिनिधि इस पर ध्यान नहीं देंगे तो कभी भी या भवन भयावह दुर्घटना का कारण बन सकती है।