- उत्तरी छत्तीसगढ़ में फिर भूकंप के झटके,कुछ सेकेंड ही रहा असर।
- माइनिंग सरदार व ओव्हर मैन समेंत तीन की हालत गंभीर,अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर रेफर।
- रेफ़फ रल सेंटर बना रीजनल हॉस्पिटल,मेडिकल स्टॉफ व आवश्यक दवाओं की कमी।
- भूकंप का केंद्र कोरिया जिला मुख्यालय से 23 किलोमीटर था दूर।
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर, 29 जुलाई 2022 (घटती-घटना)। उत्तरी छत्तीसगढ़ में गुरूवार-शुक्रवार की दरम्यानी रात भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 4.6 मेग्नीट्यूट मापी गई है। भूकंप का केंद्र बैकुंठपुर के पास सोनहत क्षेत्र में धरातल से 16 किलोमीटर की गहराई में था। आपको बताते चले कि, यहां 11 जुलाई को भी 4.3 तीव्रता का भूकंप आया था। यहां तीन वर्ष पूर्व भी 4.7 मेग्नीट्यूट का भूकंप आया था। भूकंप के झटके कोरिया जिले के साथ सूरजपुर एवं बलरामपुर जिले के कुछ इलाकों में भी महसूस किए गए। चूंकि भूकंप का अंतराल कुछ ही सेकेंड का था इसलिए इससे कोई नुकसान नहीं हुआ है। भूकंप की वजह से एसईसीएल बैकुंठपुर क्षेत्रान्तर्गत चरचा आरओ खदान में बीती रात्रि 01 बजे हुई दुर्घटना में लगभग दो दर्जन कोलकर्मी घायल हो गये। जिन्हें प्रबंधन द्वारा तत्काल इलाज हेतु रीज़नल हॉस्पिटल चरचा कॉलरी में भर्ती कराया गया। जिनमें से तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि देर रात आये भूकंप के कारण चरचा ईस्ट खदान में रूफ फ़ाल की घटना हुई। तीनों गंभीर रूप से घायलों को बेहतर उपचार हेतु अपोलो बिलासपुर रेफ़र किया गया है। जिसमें एक सीनियर ओव्हर मैन, माइनिंग सरदार व एक केटेगरी 4 कालरीकर्मी है। घटना की जानकारी मिलने पर प्रबंधन के अधिकारी व बड़ी संख्या में कालरीकर्मियों के परिजन में हॉस्पिटल पहुंच गए थे।
मिली जानकारी के अनुसार चरचा आरओ के ईस्ट खदान के 101 पैनल में बीती रात्रि लगभग 01 बजे कोल उत्खनन कार्य के दौरान भूकम्प आने से रूफ फ़ाल की घटना हो गयी। जिसमें कोयला खदान की छत का एक बड़ा हिस्सा भरभरा कर गिर गया। इस वजह से खदान के अंदर एयर ब्लास्ट जैसी स्थिति बन गयी और वहां काम कर रहे कोलकर्मी प्रेशर से हवा में उड़ गये। तथा वहाँ काम करने वाले लगभग दो दर्जन कोलकर्मी घायल हो गए। एयरब्लास्ट के कारण कोलकर्मियों के चेहरे व पूरे शरीर में कोल डस्ट की मोटी परत जम गई व खरोंच के साथ दाने उभर आये। खदान दुर्घटना की जानकारी मिलते ही प्रबंधन ने आनन फानन में सभी घायलों को एम्बुलेंस की सहायता से रीजनल हॉस्पिटल भिजवाया। हॉस्पिटल में तैनात डॉ एसपी वर्मा, डॉ चन्द्रेश पटेल, डॉ विविन के साथ मेडिकल स्टाफ आराधना सैमुअल, रुमिला बरवा, जागेश्वर गुप्ता व अन्य स्टॉफ ने घायलों का प्राथमिक उपचार किया। सीएमओ डॉ के. सरकार आवश्यक कार्य से बाहर होने के बावजूद मोबाइल के माध्यम से पूरी स्थिति पर नज़र बनाये रखी व आवश्यक मार्गदर्शन दिया। इस दौरान घायलों में सिर में चोट लगने से तीन लोगों की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें तत्काल अपोलो अस्पताल बिलासपुर रेफ़र किया गया। जिसमें माइनिंग सरदार इंद्रजीत पाल, सीनियर ओव्हरमैन संजीव कुमार सिंह व केटेगरी 04 कालरीकर्मी नोहरदास शामिल है। अन्य घायलों में प्रभात सिंह, बाबूलाल मेहरा, राजेश कुमार बैगा व श्यामसुंदर मेहरा शामिल है। सामान्य रूप से घायल रमेश, दिनेश, सीमांकन, विक्रम, विकास, दीपक, उमाशंकर, सम्राट घोष, बाबूलाल सेट्ठी व नंदन कुमार को प्राथमिक उपचार के बाद छोड़ दिया गया।
इसकी वजह भूकंप है या प्रबंधन की लापरवाही?
अभी तक खदान दुर्घटना के स्पष्ट कारणों का पता नही चल पाया है। इसकी वजह भूकंप है या प्रबंधन की लापरवाही? वहीं एसईसीएल प्रबंधन के अधिकारी भी इस मामले में कुछ भी बोलने से बचते रहे। फिलहाल सामान्य रूप से घायलों का उपचार जारी है। इलाज के बाद स्थिति सही होने पर कुछ लोगों को डिस्चार्ज किया जा रहा है।
रेफरल सेंटर बना रीजनल हॉस्पिटल चरचा
एसईसीएल चरचा आरओ का रीजनल हॉस्पिटल इन दिनों रेफ़रल सेंटर बन गया है। हॉस्पिटल में विशेषज्ञ चिकित्सकों व अन्य मेडिकल स्टॉफ की कमी है। यहां आवश्यक दवाओं का भी अभाव बना रहता है। इस बाबत चिकित्सालय प्रबंधन द्वारा कई बार एसईसीएल के उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। मैनेजमेंट के अधिकारियों व वेलफेयर बोर्ड के आने पर बिल्डिंग को चकाचक करा कर दिखा दिया जाता है। जबकि अंदरूनी हालत बदतर हैं। यहां एग्रीमेंट के तहत एम्बुलेंस का संचालन किया जा रहा है। संविदा में एम्बुलेंस चला रहे वाहन चालकों को महीनों वेतन नही मिलता है। नियमित रखरखाव ना होने धीरे-धीरे एम्बुलेंस की हालत भी कंडम होते जा रही है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिए बेहतर इलाज के निर्देश
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एसईसीएल बैकुंठपुर क्षेत्र के चरचा कालरी क्षेत्र में कल रात भूकंप की घटना में घायल तीन कोल कर्मचारियों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है। गत रात्रि माइनिंग क्षेत्र का निरीक्षण कर रहे तीन कर्मचारी भूकम्प के कम्पन महसूस होने पर रूफ फ़ाल व एयरब्लास्ट के कारण घायल हो गए। जिनका उपचार बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में कराया जा रहा है, अभी उनकी स्थिति पहले से बेहतर है।
एक महीने में दो बार आ चुका है भूकंप
बीती रात लगभग 01 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर से करीब 23 किलोमीटर दूर उत्तर पश्चिम क्षेत्र सोनहत में था। भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 4.6 मापी गई है। भूकंप के झटके सोनहत एवं रामगढ़ के इलाकों में महसूस किए गए। वहीं जिला मुख्यालय बैकुंठपुर सहित आसपास के लोगों को भी भूकंप का हल्का झटका महसूस हुआ। हालांकि भूकंप का अंतराल इतना कम था कि लोगों को इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ा। भूकंप से कहीं भी कोई नुकसान की खबर नहीं है। विदित हो कि गत 11 जुलाई को सुबह 8 बज कर 10 मिनट पर भी इसी इलाके में 4.3 रिक्टर तीव्रता वाला भूकम्पीय झटका महसूस किया गया था। आज उत्पन्न भूकम्पीय तरंग का एपीसेन्टर भूसतह से लगभग 16 किमी जमीन के भीतर था।
भूकंप का केंद्र कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर
उत्तरी छत्तीसगढ़ में बीती रात 00.56 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर से करीब 23 किलोमीटर दूर उत्तर पश्चिम क्षेत्र सोनहत में था। भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 4.6 मापी गई है। भूकंप के झटके सोनहत एवं रामगढ़ के इलाकों में महसूस किए गए। वहीं जिला मुख्यालय बैकुंठपुर सहित सूरजपुर एवं बलरामपुर जिले के लोगों को भूकंप का हल्का झटका महसूस हुआ। हालांकि भूकंप का अंतराल इतना कम था कि लोगों को इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ा। भूकंप से कहीं भी कोई नुकसान की खबर नहीं है। अधिकांश लोगों को इसका एहसास भी नहीं हुआ। मौसम विज्ञानी एएम भट्ट ने कहा कि यह भूकंप का झटका कुछ अंतराल के लिए था। इसका इसर सरगुजा एवं आसपास के क्षेत्रों में नहीं हुआ। 11 जुलाई को सुबह 8 बज कर 10 मिनट पर भी इसी इलाके में 4.3 रिक्टर तीव्रता वाला भूकम्पीय झटका महसूस किया गया था। आज उत्पन्न भूकम्पीय तरंग का एपीसेन्टर भूसतह से लगभग 16 किमी जमीन के भीतर था।
उत्तरी छत्तीसगढ़ में भूकंप के कई केंद्र
उत्तरी छत्तीसगढ़ का सरगुजा, कोरिया जिला भूकंप की दृष्टि से फाल्ट जोन माना जाता है। 10 अक्टूबर 2000 को कोरबा-सरगुजा के बीच सुरता में 4.5 तीव्रता का भूकंप आया था। इसका व्यापक असर हुआ था। वहीं वर्ष 2001 में अंबिकापुर क्षेत्र के गोरता में 3.6 तीव्रता का भूकंप आया था।
फाल्ट जोन में है क्षेत्र
कोरिया जिले का सोनहत क्षेत्र फाल्ट जोन में है। करीब तीन वर्ष पूर्व 01 सितंबर 2018 को भी यहां 4.7 तीव्रता का भूकंप आया था। इसका असर ज्यादा हुआ था। बैकुंठपुर में छतों के पंखे एवं घर में रखे सामान हिल गए थे। फाल्ट जोन में हमेशा भूकंप का खतरा बना रहता है।
सीएम बघेल ने भूकंप में घायलों को बेहतर इलाज के निर्देश दिए
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एसईसीएल के चरचा कालरी क्षेत्र में कल रात भूकंप की घटना में घायल दो कर्मचारियों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है। गत रात्रि माइनिंग क्षेत्र का निरीक्षण कर रहे दो कर्मचारी भूकम्प के कम्पन महसूस होने पर भागने के क्रम में घायल हो गए। जिनका उपचार बिलासपुर जिले के अपोलो अस्पताल में कराया जा रहा है, अभी उनकी स्थिति पहले से बेहतर है।