अम्बिकापुर@क्या आदिवासी देवचंद को ठगकर मालामाल हुआ संजय अग्रवाल?

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  • आदिवासी के भूमि में सामान्य वर्ग के मयंक अग्रवाल ने क्यों दिया फ र्जी चेक?
  • आदिवासी भूमि को प्लाटिंग कर धड़ल्ले से किसके शह पर बेचा जा रहा?
  • राजस्व विभाग के पटवारी व राजस्व निरीक्षक की मिली-भगत का भी आरोप लगाया देवचंद ने।
  • वेदक देवचंद की अनुपस्थिति में कैसे जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दिया गया?
  • बंधित मामले में १७० ख का प्रकरण लंबित फि र भी अवैध प्लाटिंग का धड़ल्ले से हो रहा है बिक्री।

-घटती-घटना/कमल-
अम्बिकापुर,29 जुलाई 2022(घटती-घटना)। नगर में भू-माफियाओं का हौसला इतना बढ़ा हुआ है कि आदिवासियों की भूमि का प्लाटिंग कर धड़ल्ले से खुलेआम बेचने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं जिसका जीता-जागता उदाहरण निगम क्षेत्र से लगे भगवानपुर खुर्द में स्थित देवचंद की भूमि का अवैध प्लाटिंग है।
मामले में आवेदक के द्वारा संभाग आयुक्त से लेकर कई जगहों पर शिकायत की गई पर कार्यवाही के नाम पर केवल आश्वासन ही मिला। जिसके पीछे संबंधित भूमि के खरीद- फ रोख्त में शामिल नगर के एक सेठ का नाम सामने आ रहा है जो तीन-पांच कर अपने गुर्गों के माध्यम से नियमों को ताक पर रख फर्जी चेक अपने पुत्र से दिलवाकर उक्त करोड़ों की भूमि को कौड़ी के भाव में अपने सहयोगी के नाम पर करवाकर शासकीय भाव से कई गुना बढ़े हुए दर पर अवैध प्लाटिंग कर धड़ल्ले से बेचे पड़ा है जिसकी शिकायत आवेदक के द्वारा किए जाने पर भी रजिस्ट्री धड़ल्ले से हो रहा है जो अपने-आप में सवाल ही खड़ा करता है। हालांकि इस षड़यंत्र में शामिल संजय अग्रवाल,मयंक अग्रवाल वगैरह नामी-गिरामी परिवार से तालुक रखते हैं जिनकी पैठ भी राजस्व अमले में जमकर है जो आवेदक के शिकायत को दरकिनार करवाकर अपने मंसूबों को अमलीजामा पहनाने में सफल हो जा रहे हैं जिससे आवेदक देवचंद का हौसला पस्त होता जा रहा है। यह मामला ग्राम भगवानपुर खुर्द के आदिवासी भूमि खसरा नं.१७७-०.०१० हे0 व १७८ रकबा ०.७७० हे0 जो कि भगवानपुर खुर्द निवासी राजमनी आ0 दिलबोध, देवचंद पिता दिलबोध, सुमित्रा पिता दिलबोध, शर्मिला पिता दिलबोध पुष्प कुमार मिंज पिता शिवचंद उर्मिला पिता शिवचंद शर्मीला पिता शिवचंद, शीतल पिता शिवचंद,बाजो पति शिवचंद की संयुक्त खाते की भूमि ग्राम भगवानपुर खुर्द में स्थित है। जिस आदिवासी की भूमि की बेनामी खरीद-फरोख्त एक सामान्य व्यक्ति द्वारा दिनांक ११.११.२०२१ को निशा कुजूर आ0 ज्योतिष कुजूर निवासी डी.सी.रोड अम्बिकापुर के नाम पर मयंक अग्रवाल आ0 संजय अग्रवाल निवासी स्कूल रोड महिमा गारमेंट द्वारा आदिवासियों को झांसा देकर १ करोड़ ८० लाख में सौदा तय पंजीबद्ध विक्रय पत्र तैयार कर ९७००००/- स्टाम्प वैल्यू का रकम चेक के द्वारा दिया गया।
चेक की रकम एक सामान्य जाति के मयंक अग्रवाल आ0 संजय अग्रवाल निवासी स्कूल रोड अम्बिकापुर के द्वारा हस्ताक्षर कर चेक भारतीय स्टेट बैंक गुरूद्वारा शाखा द्वारा २१/१२/२०२१ को चेक क्रं
(१) ७१८२००-२००,०००/-(दो लाख)
(२) ७१८१९५-२००,०००/-(दो लाख)
(३) ७१८१९६-२००,०००/-(दो लाख)
(४) ७१८१९९-२००,०००/-(दो लाख)
(५) ७१८२०१-२००,०००/-(दो लाख)

फ र्जी हस्ताक्षर कर चेक भूमि विक्रेता के परिवार वालों को दिया जाता है जो सारा चेक बांउस हो गया। विरोध करने पर क्रेतागण एक राय होकर स्कूल रोड स्थित महिमा गारमेंटस के संचालक संजय अग्रवाल के दुकान पर पूरे विक्रेतागण को बुलाया गया। जहां मयंक अग्रवाल के द्वारा बताया गया कि तुम लोगों की भूमि का सौदा ९,७०,०००/- में हुआ था वो पैसा आपके खाते में जा चुका है। अब कोई भी रकम शेष नहीं बची है।
इस कृत्य से दुखी हो न्यायालय के शरण में कलेक्टर के यहां देवचंद आ0 दिलबोध के द्वारा आवेदन दिया गया जिसकी जांच में एसडीएम कार्यालय व नायब तहसील में कराया गया। चूंकि बेनामी सम्पत्ति के खरीददार ऊँचे रसूखदार व मंत्री लेबल तक पहुंच होने के कारण पटवारी व आरआई को घर पर ही बैठाकर पटवारी प्रतिवेदन तैयार कर पटवारी राजीव श्रीवास के बुलावे पर मनोज सिंह आ0 देवचंद निवासी भगवानपुर का हस्ताक्षर व परिवार के अन्य सदस्यों का पंचनामा में हस्ताक्षर करवा लिया गया। इस प्रतिवेदन में मुख्य आपत्तिकर्ता (आवेदक) देवचंद को बुलाया ही नहीं गया और प्रतिवेदन एसडीएम कार्यालय में प्रस्तुत कर दिया गया। जिससे मयंक अग्रवाल आ0 संजय अग्रवाल निवासी महिमा गारमेंटस स्कूल के द्वारा अपनी पहुंच के बल पर निशा कुजूर आ0 ज्योतिष कुजूर ब्यूटीपॉर्लर संचालिका के नाम बेनामी सम्पत्ति का नामांतरण कराने में कामयाब हो गया।
मयंक अग्रवाल का यह कारवां यहीं नहीं रूकता है। नामांतरण के बाद तीन लोगों को पटवारी के द्वारा बिक्री नकल तैयार करवा कर करोड़ों रूपए की रजिस्ट्री पुनः उसी जमीन की अवैध प्लाटिंग कर सरगुजा कलेक्टर न्यायालय के जांच को अवैध जांच बताकर करवा लिया जाता है। जबकि १७०ख का मामला एसडीएम न्यायालय में विचाराधीन है।
वहीं दिनांक ०९/०६/२०२२ को निशा कुजूर के द्वारा ४५०,०००/- में (१) नितीन कुमार कुजूर आ0 कलम कुजूर निवासी ग्राम कानापारा धरमपुर थाना तह.सीतापुर जिला सरगुजा
(२) स्वप्निल तिर्की आ0 आनंद तिर्की पटेलपारा शांतिपारा कुनकरीकला थाना व तह बतौली
जिसमें गवाह (१) ऋषभ कुमार टोप्पो आ0 आमेन प्रकाश टोप्पो
नमनाकला
(२) अब्राहम लकड़ा आ0 खिस्तोराम लकड़ा
निवासी जोबटिकरा रोड सीतापुर
०९/०६/२०२२
(१) अशोक कुमार टोप्पो आ0 स्तानिसलास टोप्पो
डॉक्टर निवासी वार्ड नं0 १० पटेलपारा चर्च के पीछे नवापारा फ ुन्दुरडिहारी अम्बिकापुर को १५०,०००/- में ३६ डिसमिल की रजिस्ट्री की गई है। जिसमें
गवाह (१) संतोष एक्का आ0 पी0डी0 एक्का डॉक्टर निवासी अम्बष्ट बिल्डिंग रिंगरोड कॉर्मेेल स्कूल के पास
(२) सुशील कुमार राम आ0 विपिन बिहारी राम
सिविल लाईन पुलिस स्टेशन के पीछे मनेन्द्रगढ़ जिला कोरिया है जबकि क्रेता निशा कुजूर के द्वारा बैंक ऑफ बड़ौदा का चेक क्रमांक ०००००५/दिनांक ०९/ ११/२०२१ को१००,००० का चेक राजमनी के नाम दिया गया जो बाउंस हो गया था। फि लहाल मामला हाईप्रोफ ाईल होने के कारण दबा हुआ है जिससे आवेदक देवचंद सहमकर न्याय की मांग करने में अपनी भलाई समझ रहा है।


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