छह लोगो का परिवार एक दो कमरे के छोटे से मकान मे रहता था फिर अपनी मेहनत के दम पर किया मुकाम हासिल
प्रतापगढ़, २7 जुलाई 2022। एक ऐसा परिवार के सदस्य है जिनके यहा से चार भाई बहन आईएएस-आईपीएस अफसर बने है.चारो ने अपनी मेहनत के दम पर यह मुकाम हासिल किया है। उतर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के लालगज निवासी अनिल प्रकाश मिश्र के चार बेटे बेटियो की सफलता की। पिता अनिल मिश्रा, एक ग्रामीण बैक मे प्रबधक के रूप मे काम करते थे। पत्नी और चार बच्चो के साथ छह लोगो का परिवार एक दो कमरे के छोटे से मकान मे रहता था।
मिश्रा परिवार के लिए उस वक्त जीवन अनवरत सघर्षो का दौर था। लेकिन अनिल मिश्रा अपने बच्चो को सर्वोतम सभव शिक्षा प्रदान करने के अपने दृढ़-सकल्प से कभी विचलित नही हुए। उनकी आखो मे बच्चो के बेहतर भावी भविष्य की तस्वीरे थी। आखिरकार मिश्रा परिवार की किस्मत ऐसे बदली, जैसे किसी ने आकर जादू की छड़ी घुमा दी हो।
चार भाई-बहनो मे दो भाई योगेश और लोकेश और दो बहने क्षमा और माधवी है। परिवार के सबसे बड़े बेटे, योगेश मिश्रा वर्तमान मे यूपी के शाहजहापुर के आयुध कारखाने मे प्रशासनिक अधिकारी के रूप मे कार्यरत है। बेटियो मे से एक बेटी क्षमा, कर्नाटक मे कोडागु जिले की एसपी है। वही दूसरी बेटी माधवी जो हजारीबाग नगर निगम मे कमिश्नर थी, अब रामगढ़ जिले की उपायुक्त है और सबसे छोटे बेटे लोकेश कोडरमा के उप विकास आयुक्त है, इससे पहले वो राची सदर के एसडीएम के रूप मे कार्यरत थे।
आईएएस अधिकारी योगेश मिश्र बताते है कि हमारे परिवार मे चार लोग आईएएस और आईपीएस अफसर है जो कि देश की सेवा मे जुटे हुए है। वो गर्व करते है कि उनके छोटे भाई बहन भी अफसर बनकर देश की सेवा करते है।
आईएएस योगेश बताते है कि उनकी प्रारभिक शिक्षा लालगज मे ही हुई थी। उन्होने साल 2014 मे यूपीएससी की परीक्षा पास की और उन्हे पहली नियुक्ति कोलकाता मे मिली। इसके बाद उन्हे अपने ही गृह राज्य यूपी के अमेठी, इसके बाद मुबई और उसके बाद यूपी के शाहजहापुर मे मिली।
आईएएस अधिकारी योगेश मिश्र बताते है कि हमारे परिवार मे चार लोग आईएएस और आईपीएस अफसर है जो कि देश की सेवा मे जुटे हुए है। वो गर्व करते है कि उनके छोटे भाई बहन भी अफसर बनकर देश की सेवा करते है।
वो बताते है कि जब दूसरे लोगो को यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा मे कई बार असफलत होते देखा तो उन्होने भी इस परीक्षा को पास करने की ठान ली। एक बार राखी के त्यौहार पर जब सभी भाई बहन मिले तो उन्होने यूपीएससी की परीक्षा पास करने का वादा किया और अगली बार मे उन्होने यह परीक्षा पास दी।
आईएएस योगेश बताते है कि एमएनएनआईटी इलाहाबाद से कप्यूटर इजीनियरिग की थी, लेकिन बाद मे उन्होने सिविल सेवा के लिए तैयारी की और परीक्षा पास करके आईएएस अधिकारी बने। वो बताते है कि पिता अनिल मिश्र उनके प्ररेणास्त्रोत रहे है। उनके दिशानिर्देशो पर चलकर आज वो इस मुकाम पर पहुच पाए है।
योगेश उन दिनो को याद करते हुए बताते है, मेरी बहने हमेशा अधिकारी बनना चाहती थी, इसलिए उन्होने अपना ग्रेजुएशन करते हुए यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। दूसरी ओर, मै और मेरा भाई लोकेश इजीनियरिग के लिए देश मे सबसे प्रतिष्ठित आईआईटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी मे जुट गए। लेकिन अच्छी रैक न आने के कारण मुझे आईआईटी मे प्रवेश नही मिला और मैने एनआईटी, इलाहाबाद मे दाखिला ले लिया। हालाकि लोकेश बेहतर रैक के साथ आईआईटी मे प्रवेश पा गया।
बी.टेक. पूरा करने के बाद योगेश और लोकेश ने काम करना शुरू कर दिया, लेकिन वे दोनो अपनी नौकरी से सतुष्ट नही थे। उन्हे पता था कि उनके पास क्षमता है और उन्हे कुछ बड़ा हासिल करने के लिए आगे आना चाहिए। उनकी बहने क्षमा और माधवी सिविल सेवाओ की तैयारी कर रही थी। क्षमा यूपी की राज्य सेवाओ मे नियुक्ति पा चुकी थी और माधवी भारतीय राजस्व सेवा परीक्षा पास कर चुकी थी। लेकिन यूपीएससी मे दोनो को ही अब तक सफलता नही मिली थी।
यह परिवार के लिए और खासकर योगेश के लिए बेचैनी भरा वक्त था। वह इस बात को समझते थे कि उनकी बहने सक्षम और योग्य है लेकिन कही न कही कोई कमी रह जा रही है। इसलिए, उन्होने फैसला किया कि पहले वो खुद परीक्षा पास कर दिखाएगे और आखिरकार उनकी इस पारिवारिक मुहिम मे छोटा भाई लोकेश भी उनके साथ आ गया। योगेश ने इस परीक्षा के पुराने पेपर्स का अध्ययन किया और उन सभी विषयो को विस्तार से पढ़ा।
आईएएस योगेश ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके भाई बहन भी आईएएस और आईएएस अधिकारी है। जिसमे माधवी मिश्र 2015 बैच की आईएएस अधिकारी है। उनकी प्रारभिक शिक्षा लालगज से हुई है और वो झारखड कैडर की अफसर है। अभी उनकी नियुक्ति झारखड के रामगढ़ मे है। योगेश बताते है कि माधवी लिखने की कला मे माहिर है और वो इडियन इकॉनॉमी की अच्छी जानकार है।
इनके अलावा क्षमा मिश्र आईपीएस अधिकारी है। वो साल 2016 बैच की आईपीएस अफसर है। उनका कर्नाटक कैडर है और फिलहाल वो माडीकेरी कर्नाटक मे है। उनका हिदी मे बेहद लगाव रहा है। योगेश बताते है कि क्षमा ने जब हम दो लोगो को अफसर बनते देखा तो उसके मन मे भी अफसर बनने की इच्छा हुई और मेहनत के दम पर यह मुकाम हासिल किया।
इसके बाद आते है लोकेश मिश्र, सबसे छोटे लोकेश मिश्र साल 2016 बैच के आईएएस अफसर है। वो झारखड कैडर के अधिकारी है और इन दिनो वो झारखड के कोडरमा मे तैनात है। योगेश मिश्र जानकारी देते हुए बताते है कि बड़े भाई बहनो को देखकर लोकेश ने भी यूपीएससी की तैयारी की और वो इस परीक्षा मे सफल हुए।
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