- क्या सेवानिवृत्त अफसर को बनाया जा सकता है कार्यालय प्रमुख,आखिर क्या है नियम?
- संविदा पर रिटायर्ड अफसर को जुगाड़ड़ से बनाया जा सकता है कार्यालय प्रमुख।
- मामला जल संसाधन विभाग कोरिया का,दो अधिकारी को मिली संविदा नियुक्ति।
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 27 जुलाई 2022 (घटती-घटना)। जो कहीं संभव नहीं होता वह कोरिया में संभव हो जाता है ऐसा हम नहीं कहते ऐसा यहां पर होने वाले कई उदाहरण कहते हैं काम करने की अवधि तय है जिस अवधि के बाद हर व्यक्ति सेवानिवृत्त हो जाता हैं पर सेवानिवृत्त होने के बाद भी क्या ऐसा कोई नियम है जिसमें फिर से नियुक्ति हो जाए और कार्य की अवधि बढ़ जाए या फिर जुगाड़ से कार्यालय प्रमुख बन जाए, ऐसा कही भी देखने को नहीं मिलता है जो इस समय कोरिया में देखने को मिल रहा है और यह अपने आप में ही एक बड़ा प्रश्न है?
सरकारी खर्च में कमी करने के लिए लाई गई संविदा नियुक्ति की नीति अब अपने चहेतों को उपकृत करने का माध्यम बनती जा रही है। यही कारण है कि, अब कई सरकारी विभागों और कार्यालयों में सेवानिवृत्त कर्मचारियों-अधिकारियों को दोबारा संविदा नियुक्तियां दी जा रही हैं। जहा इन्हें संविदा नियुक्ति कुछ शर्तो के साथ फिर भी जुगाड़ से बन गए कार्यालय प्रमुख जब कि शासन ने दिया है कुछ अलग ही निर्देश। विशेषज्ञता वाले क्षेत्र में तो ये ठीक है क्योंकि विशेषज्ञ आसानी से नहीं मिलते हैं। लेकिन, सामान्य कामकाज वाले विभागों में भी ये खेल शुरू हो गया है। यहां तक कि, कई विभागों और संस्थानों में नियुकतियों में रिटायर्ड कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जा रही है। खास बात यह भी है कि, न तो पहले से संविदा पर काम करने वाले कर्मचारियों को नियमित किया जा रहा है और न बेरोजगार युवाओं को मौका दिया जा रहा है। जबकि, प्रदेश में अभी लाखो बेरोजगार हैं। कर्मचारी संगठनों ने भी इसका विरोध शुरू कर दिया है, लेकिन उनकी भी सुनवाई नहीं हो रही है।
जल संसाधन विभाग मंत्रालय महानदी भवन का आदेश क्या कहता है
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी संविदा नियुक्ति नियम, 2012 जिसमें संविदा नियुक्ति अधिकारियों के संबंध में कोई वित्तीय अधिकार / आहरण संवितरण बाबत कोई रोक नहीं लगायी गयी है। न्यायालयीन प्रकरणों स्थगन आदि कारणों से पदोन्नति बाबत् कार्यवाही पर रोक लगाये जाने व अधिकारियों के सेवानिवृत्त होने के कारण वरिष्ठ अनुभवी अधिकारियों की कमी फलस्वरूप प्रशासनिक तथा कार्य गति को दृष्टिगत रखते हुए संविदा नियुक्ति नियम, 2012 निहित प्रावधान अंतर्गत संविदा पर नियुक्ति किया गया था । जहा वित्त विभाग के जारी वित्त निर्देश 04/2014 में विभागीय अधिकारियों की संविदा नियुक्ति के संबंध में आहरण संवितरण अधिकार बाबत् कोई दिशा-निर्देश न होने के कारण छत्तीसगढ़ शासन, वित्त विभाग से मार्गदर्शन प्राप्त किया गया, जिसमें वित्त विभाग द्वारा वित्त निर्देश 04/2014 अनुसार कार्यालय प्रमुख तथा आहरण संवितरण अधिकारी का दायित्व निगम, मण्डल तथा अन्य स्वाशासी संस्थाओं के साथ विभागीय अधिकारी जो सेवानिवृत्त पश्चात् संविदा आधार पर नियुक्त है, को भी सौंपा नहीं जा सकता उक्त दायित्व किसी नियमित राजपत्रित शासकीय अधिकारी को ही सौंपा जाना है” सुझाव दिया गया है। उक्तानुसार विभागीय अधिकारी जो सेवानिवृत्त पश्चात् संविदा आधार पर नियुक्त हैं को कार्यालय प्रमुख तथा आहरण संवितरण अधिकारी का दायित्व सौंपा नहीं जा सकता है, उक्त दायित्व किसी नियमित राजपत्रित शासकीय अधिकारी को सौंपे जाने का निर्णय लिया गया।अत राज्य शासन द्वारा वर्णित स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए सेवानिवृत्त पश्चात् संविदा में पदस्थ अधिकारियों को कार्यालय प्रमुख तथा आहरण संवितरण अधिकार का दायित्व निरस्त करते हुए उक्त दायित्व किसी नियमित राजपत्रित शासकीय अधिकारी को तत्काल प्रभाव से सौंपते हुए. कड़ाई से आदेश पालन हेतु निर्देशित करता है।
ऐसे समझें स्थिति जल संसाधन कार्यालय की
कोरिया जिला मुख्यालय अंतर्गत स्तिथ जल संसाधन विभाग के कई अधिकारी कर्मचारी सेवानिवृत्त होने के बाद संविदा नियुक्ति के लिए प्रयासरत हैं। यहां अभी जिला मुख्यालय में आठ अनुविभागीय अधिकारी का पद हैं जहा तीन ही नियमित रूप से पदस्थ हैं बाकि शेष जगह जुगाड़ से प्रभारी कुर्सी में बैठे हैं या कहे कि पाँच पद रिक्त हैं। फिर भी कुछ सेवानिवृत्त इंजीनियर दोबारा संविदा नियुक्ति कर दिए गए हैं वही कुछ अभी भी प्रयास कर रहे हैं। उनकी नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। जबकि, भर्ती हो तो बेरोजगार युवाओं को यहां मौका मिल सकता है और कामकाज में भी नयापन आएगा। फिर भी एक अधिकारी कुर्सी के मोह में बिना शासन के स्पष्ट निर्देश के अनुविभागीय अधिकारी जनकपुर के कुर्सी के पद पर विराजमान हैं जब कि शासन ने हाल ही में रिटायर्ड कर्मचारियों को लेकर विशेष निर्देश दिए हैं फिर भी जिम्मेदार अंजान हैं।
बेरोजगारों को कब मिलेगा मौका?
पूर्व विधायक बैकुंठपुर भईया लाल राजवाड़े ने बताया कि, रिटायर्ड लोगों को संविदा नियुक्ति देने से बेरोजगारी और बढ़ेगी। इसलिए पदों के लिए भर्ती की जाना चाहिए, ताकि युवा बेरोजगारों को मौका मिल सके। जिन पदों पर प्रभार देकर पूर्ति की जा सकती है तो प्रभार भी दिए जा सकते हैं। संघ इसका लगातार विरोध कर रहा है। हमने इस संबंध में सीएम, सीएस आदि को शिकायत दर्ज कराई है।