-पृथ्वीलाल केशरी-
रामानुजगंज 27 जुलाई 2022(घटती घटना)। बलरामपुर रामानुजगंज जिले के वाड्रफनगर क्षेत्र में अवैध रूप से रेत उत्खनन को लेकर आरटीआई एक्टिविस्ट रामविलास जायसवाल के द्वारा बिलासपुर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर किया गया था जिस पर सुनवाई करते हुए विद्वान न्यायाधीशो ने राज्य शासन से रिपोर्ट मनाई गई है। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर मे रामबिलास जायसवाल बनाम छत्तीसगढ़ राज्य एवं अन्य लोगो के विरुद्ध याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता रामविलास जायसवाल ने बताया कि जिले में स्थित सरहदी क्षेत्रों से होकर गुजरने वाले नदियों में रघुनाथनगर के मोरन,रेण व बाकी,वाड्रफनगर में झरिया,लेदो,रामचंद्रपुर में कन्हर, सिंदूर,पांगन, में खुलेआम अवैध रेत उत्खनन किया जा रहा है। नदीयो में एक्सीवेटर एवं पोकलेन मशीन के द्वारा रेत निकाल कर उसे एक स्थान पर जमा कर उत्तर प्रदेश भेजने का कार्य किया जा रहा है। जबकि ठेकेदार को शासन के द्वारा निर्धारित नदियों से ही रेत उत्खनन करने की अनुमति प्रदान की गई है इसके बाद भी दूसरे स्थानों से रेतो का उत्खनन किया जा रहा है। उक्त गतिविधियों में संबंधित विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मिलीभगत से एक और जहां राजस्व की हानि हो रही है वही दूसरी ओर प्राकृतिक सौंदर्य का भी अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। डबल बेंच में उक्त मामले कि सुनवाई करते हुए विद्वान मुख्य न्यायधीश अरुण कुमार गोस्वामी एवं न्यायधीश पार्थ प्रतिमा साहू ने शासन को जवाब प्रस्तुत करने हेतु कहा गया हैं। शासन की ओर से महाधिवक्ता ज्ञान प्रकाश शुक्ल एवं याचिकाकर्ता की ओर से महाधिवक्ता राघवेंद्र प्रधान ने पैरवी की।
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