- न्याय की प्रथम सीढ़ी कहीं जाने वाली पुलिस क्यों बेच रही अपना ईमान?
- नाबालिग छात्रा के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को पकड़ने का पुलिस के पास था मौका पर पुलिस ने क्यों दिया भागने का मौका?
- पीडि़त के परिजनों ने सूरजपुर जिले के चांदनी थाना के थाना प्रभारी के खिलाफ व अन्य दोषियों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध करने पुलिस महानिरीक्षक से लगाई गुहार।
- नाबालिक छात्रा का अपहरण रेप के मामले में थाना प्रभारी व दुष्कर्म के आरोपियों से साठगाँठ का आरोप आईजी से शिकायत।
-रवि सिंह-
अम्बिकापुर/सूरजपुर 27 जुलाई 2022 (घटती-घटना)। पुलिस को न्याय की प्रथम पीढ़ी माना जाता है और कोई भी न्याय पाने वाले व्यक्ति पहले इस सीढ़ी को चढ़ता है पर क्या न्याय पाने वाली प्रथम सीढ़ी खराब हो चुकी है जिस वजह से लोगो को न्याय के लिए परेशान होना पड़ रहा है, क्या पुलिस शांति मय वातावरण स्थापित नहीं करना चाहती जिस वजह से अपराधिक लोगों को संरक्षण मिल रहा है? ऐसा ही कुछ सूरजपुर जिले के एक पीडि़त की परेशानी को देखकर लगता है नाबालिग छात्रा के साथ दुष्कर्म के मामले में जहां पुलिस ने आरोपी को भागने का समय दिया जिसे लेकर सूरजपुर पुलिस की फजीहत भी हो रही है, पीडि़त के परिजनों के अनुसार स्कूल से आ रही छात्रा के साथ एक युवक ने दुष्कर्म किया जिसकी शिकायत पर मामला भी पंजीबद्ध हुआ पर मामला पंजीबद्ध होने के बाद भी पुलिस आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई, आरोपी फिर उस नाबालिग को लेकर फरार हो गया, अब ऐसे में सवाल यह उठता है क्या पुलिस आरोपी को भागने का समय दे रही थी या फिर पुलिस आरोपी को अपने किसी लाभ के लिए पकड़ना नहीं चाह रही थी? वही पीडि़त के परिजनों का वर्तमान प्रदेश के मुखिया जो पूरे प्रदेश के काका कहला लेते हैं उनसे उनका कहना है कि आपकी पुलिस बिल्कुल भी लोगों के हित के लिए काम नहीं कर रही पुलिस सिर्फ अपना ही देख रही है और अपने हित के लिए काम कर रही हैं पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर आरोपी को ना पकड़े जाने पर पीडि़त के परिजनों ने सरगुजा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक को शिकायत लिखकर थाना प्रभारी पर कार्यवाही कराने की मांग की है।
पीडि़त के परिजन ने आईजी सरगुजा को दिए शिकायत में बताया गया कि फरियादी की नाबालिक छात्रा का 13 जून को स्कूल से लौटते समय गांव का रहने वाला आरोपी सियाराम साहू ने बलपूर्वक ले जा कर बलात्कार किया, जिस पर चाँदनी थाने में धारा 363,366,376 पास्को एक्ट के तहत दर्ज हुआ, पुलिस ने दिखावे की कार्यवाही करते हुए आरोपी को कुछ देर थाने में बैठाने के बाद छोड़ दिया गया, इसके उपरांत भी आरोपी परिजनों को खुलेआम धमकी गाली गलौज देता रहा, दुष्कर्म की घटना कारित करने के बाद आरोपी ने पुनः18 जुलाई को नाबालिक छात्रा को सुने घर से भगाकर ले गया, परिजन की मदद की बजाए पुलिस असहयोग करती रही अपनी बेटी को यहाँ वहाँ तलाशते रहे, जिसकी दिनाँक 22 जुलाई को पुलिस अधीक्षक सहित अजजा थाने में की और दूसरे दिन चाँदनी पुलिस से पता चला की उसकी पुत्री अम्बिकापुर में है, छात्रा के पिता ने दिए शिकायत बताया कि उच्चाधिकारी से शिकायत की जानकारी थानेदार को होने पर आरोपियों को बचाने के लिए उसकी नाबालिक पुत्री को निर्देशित कर बाल कल्याण समिति में भेजा गया जिससे एक बार फिर से आरोपियों पर अपराध दर्ज न हो सके.पीड़ित के परिजनों ने थाना प्रभारी बसंत खलको की 18 जुलाई से अब तक मोबाइल ट्रेस करने की मांग करते हुए दोषी सहित प्रभारी पर अपराध दर्ज करने की गुहार लगाई है कार्यवाही नही होने की दशा में पिडित उच्च न्यायालय में प्रकरण दर्ज करने की बात कही।
जब कानून के रक्षक अपराध में संलग्न हो गंभीर अपराधियो पर पर्दा डालकर बचाते रहे,तो क्या होगा?
पैसा खुदा तो नही लेकिन खुदा से कम भी नही… इस तरह की पुलिस थाने बाकायदा पुलिस को अपना रेट लिस्ट सार्वजनिक चस्पा कर देना चाहिए, अपराधों और अपराधियों को संरक्षित देने वाला चाँदनी पुलिस के थाना प्रभारी सहित अन्य दोषियों पर अपराध दर्ज कार्यवाही करने की शिकायत पुलिस महानिरिक्षक सरगुजा से की गई है, जिसमे बताया गया है कि थाना प्रभारी की संलिप्तता में दोषियों को बचाया जा रहा।