मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पहली बार जन्मजात अंधापन से ग्रसित मासूम बच्चे का किया गया लेंस प्रत्यारोपण
अम्बिकापुर,27 जुलाई 2022(घटती-घटना)।. मेडिकल कॉलेज अस्पताल के नेत्र विभाग के चिकित्सकों द्वारा चार वर्षीय मासूम का लेंस प्रत्यारोपण किया गया है। मासूम जन्म से ही अंधापन से ग्रसित था। नेत्र विभाग के सर्जन डॉ. रजत टोप्पो व उनकी टीम द्वारा बुधवार को लेंस प्रत्यारोपण किया गया। अब मासूम प्रयास इस खूबसूरत दुनियां को अपने आंखों से देख सकेगा। इस लेंस प्रत्यारोपण में मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. रमनेश मूर्ति व एमएस डॉ. लखन सिंह की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 4 वर्षीय मासूम का लेंस प्रत्यारेपण का पहला मामला है।
सरगुजा जिले के दरिमा थाना क्षेत्र के ग्राम खजूरी निवासी अनेश सोनवानी का 4 वर्षय पुत्र प्रयास जो कि कन्जेनाइटल केट्राकट (जन्मजात अंधापन) से ग्रासित था। बच्चे को जन्म से ही दोनों आंखों से दिखाई नहीं देती थी। परिजन सोमवार को उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल के नेत्र विभाग पहुंचे। यहां जांच के बाद कन्जेनाइटल केट्राकट पाया गया। बुधवार को नेत्र विभाग के सर्जन डॉ. रजत टोप्पो, डॉ. संतोष एक्का द्वारा ऑपरेशन कर नेत्र प्रत्यारोपण किया गया। ऑपरेशन के दौरान टीम में एनिस्थिसिया के डॉ. पार्थ सार्थी, रमेश धृतकर, राकेश दुबे शामिल रहे। नेत्र विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. रजत टोप्पो ने बताया कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अब तक केवल बड़े लोगों का ही लेंस प्रत्यारेपण किया जाता था। छोटे बच्चे का लेंस प्रत्यारोपण का यह पहला मामला है। लेंस प्रत्यारोपण पूरी तरह नि:शुल्क किया गया है। अगर बाहर में लेंस लगवाने पर 40 से 50 हजार रुपए खर्च पड़ते। डॉ. रजत टोप्पो ने बताया कि प्रयास दोनों आंखों से जन्मजात अंधापन से ग्रसित था। वह कुछ देख नहीं सकता था। बुधवार को एक आंख का लेंस प्रत्यारोपण किया गया है। इसे अभी चित्सिकों के निगरानी में वार्ड में रखा गया है। वह पूरी तरह स्वस्थ्य है। अब वह इस खूबसूरत दुनिया को असानी से देख सकेगा। वहीं दो माह बाद इसके दूसरे आंख का भी लेंस प्रत्यारोपण किया जाएगा।