सूरजपुर@हादसे की वजह बन रहे सड़कों पर बैठे मवेशी ,रोका-छेका अभियान ठप,सड़कों पर मवेशियों ने जमाया डेरा

Share


ओमकार पाण्डेय-
सूरजपुर, 26 जुलाई 2022(घटती-घटना)। मवेशी मालिको की स्वेच्छाचारिता व नगरीय प्रशासन की उदासीनता से एनएच इन दिनों मवेशियों का अड्डा बन कर रह गया है।एनएच पर मवेशियों के इस अड्डे से न केवल सरकार के रोका छेका अभियान की पोल खुल रही है बल्कि गोठांनो के औचित्य पर सवाल खड़े हो रहे है। एनएच मुख्य मार्ग पर मवेशी बैठने के स्थायी ठिकाना बन चुके हैं। पशुमालिकों द्वारा अपने मवेशियों को खुले में छोड़ दिए जाने के बाद नगर के मुख्य मार्ग पर मवेशियों का डेरा होने से एक ओर जहां सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं, वहीं रात में चलने वाली हैवी वाहनों की चपेट में आकर मवेशियों की भी मौत हो रही है। मुख्य सड़क पर दर्जनों स्थानों पर मवेशियों के बैठे रहने से यातायात व्यवस्था चौपट हो रही है। जिससे मवेशियों के लिए जिले की सड़कें इन दिनों मौतगाह साबित हो रही हैं। कृषि कार्यों की वजह से बरसात होते ही खेतों में फसल का कार्य प्रारंभ हो जाता है, जिसकी वजह से नगर के इकलौता मुख्य मार्ग समेत जिले के अन्य मुख्य मार्ग भी मवेशियों का ठिकाना बन गए हैं। जिला न्यायालय से लेकर कलेक्टर कार्यालय रोड तथा नाय बस स्टैंड रोड पर व लगभग तीन से चार किमी के मुख्य मार्ग पर इन दिनों दर्जनों स्थानों पर मवेशी ही बैठे रहते हैं। कार्यालयीन तथा स्कूली समय यानी सुबह 10 बजे से 12 बजे तक तथा संध्या 4 बजे से 5 बजे तक तो मुख्य मार्ग का बेहद बुरा हाल होता है। इस मार्ग से ही जिले के बड़े जिम्मेदार अधिकारी तथा जनप्रतिनिधि भी गुजरते हैं तथा उन्हे भी सड़क पर बैठे मवेशियों की वजह से परेशान होना पड़ता है। बावजूद आज तक समस्या का हल नहीं निकाला गया है। वर्तमान वर्षा ऋतु में शाम को स्ट्रीट लाइट बंद होने, बिजली गुल होने पर कई दो पहिया चालक, साइकिल चालक मवेशियों से टकराकर चोटिल हो रहे हैं। वहीं, देर रात नगर के मुख्य मार्ग से तेज रफ्तार से गुजरने वाले हैवी वाहनों की चपेट में आने से भी मवेशियों भी‌ दुर्घटना के शिकार हो रहे है। नगरपालिका भी एकाद दिन अभियान चला कर कर्तव्यों की इतिश्री कर ली है।जिससे समस्या यथावत बनी हुई है।
पशुमालिकों पर हो कार्रवाई
नगर के बुद्धिजीवियों ने पशुस्वामियों के खिलाफ भी कार्रवाई किए जाने की मांग करते हुए बताया कि पशुस्वामी की क्रूरता की वजह से जानवरों को सड़कों पर छोड़ दिया जाता है। जिससे नगर की यातायात व्यवस्था चौपट हो रही है, वहीं वाहनों की चपेट में आने से पशुओं की भी बेमौत मृत्यु हो रही है। मुख्य मार्ग में पशुओं को छोड़ने वाले पशुस्वामी पर भी कार्रवाई आवश्यक है।


Share

Check Also

सुकमा@जादू-टोना के शक में पूरे परिवार की हत्या,17 आरोपी गिरफ्तार

Share सुकमा,17 सितम्बर 2024 (ए)। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में हेड-कॉन्स्टेबल और उसके परिवार की …

Leave a Reply