रायपुर, 24 जुलाई 2022। काग्रेस के वरिष्ठ नेता एव कैबिनेट मे छत्तीसगढ़ सरकार के सहयोगी रहे टीएस सिहदेव ने हाल ही मे पचायत एव विकास मत्री पद से इस्तीफा देकर सभी को चौका दिया था। सिहदेव के मत्री पद से इस्तीफ़ा देने के बाद सिहदेव के चाहने वालो एव प्रदेश के विपक्षी दलो के बीच सीएम भूपेश बघेल और टीएस सिह देव के बीच मनमुटाव होने की चर्चा जोरो से होने लगी, जो एक मुद्दा बनकर विधानसभा मे गूजने के बाद काग्रेस आलाकमान तक पहुच गया है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमत्री भूपेश बघेल और उनके कैबिनेट सहयोगी टीएस सिहदेव के बीच जारी खीचतान के बीच दोनो नेता आज काग्रेस आलाकमान से मुलाकात करेगे। सूत्रो ने बताया कि बघेल, काग्रेस नेतृत्व के समक्ष राज्य के मत्री सिहदेव के साथ अपने मतभेदो के मुद्दे को उठा सकते है। सिहदेव ने हाल मे पचायत मत्री के रूप मे अपना इस्तीफा देते हुए कहा था कि उनके विभाग को कोई निधि उपलब्ध नही करायी गयी थी और इसलिए गरीबो को घर उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमत्री आवास योजना पर कोई काम नही किया जा सका।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले काग्रेस की रणनीति बैठक मे हिस्सा लेने के लिए बघेल दिल्ली मे है। वह इस साल के अत मे हिमाचल प्रदेश मे होने वाले विधानसभा चुनावो के लिए मुख्य पर्यवेक्षक है। इस बीच, सिहदेव भी भोपाल से दिल्ली के लिए रवाना हुए और वह काग्रेस के शीर्ष नेताओ से मुलाकात करेगे। उनके करीबी सूत्रो ने यह जानकारी दी।
इस घटनाक्रम से पता चलता है कि विधानसभा चुनाव से एक साल पहले दोनो काग्रेस नेताओ के बीच खीचतान और तेज हो रही है। सिहदेव ने यह सकेत देते हुए 16 जुलाई को पचायत और ग्रामीण विकास मत्री के अपने पद से इस्तीफा दे दिया था कि उन्हे राज्य सरकार मे अलग-थलग कर दिया गया है।
मुख्यमत्री को लिखे अपने चार पन्नो के त्यागपत्र मे, सिहदेव ने दावा किया था कि वह “वर्तमान परिदृश्य” को देखते हुए जन घोषणा पत्र (चुनाव घोषणापत्र) के अनुसार ग्रामीण विकास विभाग के लिए निर्धारित लक्ष्यो को पूरा करने मे असमर्थ है। जून 2021 मे, बघेल और सिहदेव के बीच कुछ समय के लिए प्रतिद्वद्विता तब सामने आई थी जब बघेल ने मुख्यमत्री के रूप मे ढाई साल पूरे किए थे।
सिहदेव के समर्थको ने दावा किया था कि 2018 मे हुई सहमति के अनुसार, बघेल के आधा कार्यकाल पूरा करने के बाद उन्हे (सिहदेव) मुख्यमत्री के रूप मे पदभार ग्रहण करना था। हालाकि, बाद मे दोनो नेताओ के दिल्ली आने और पार्टी आलाकमान से मिलने के बाद सिहदेव पीछे हट गए। हाल मे उन्होने सरगुजा जिले के हसदेव अरड वन क्षेत्र मे कोयला खदान परियोजनाओ का विरोध किया और सकेत दिया कि बघेल के साथ मतभेद अभी खत्म नही हुए है।
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