- पुलिस ने जिसे फरार बतारही वह आरोपी नव पदस्थ पुलिस अधीक्षक की सभा में कैसे रहा उपस्थित?
- फरार आरोपी और नव पदस्थ पुलिस अधीक्षक एक ही सभा में अब आम नागरिक न्याय कि किससे करें उम्मीद।
- फ़र्ज़ी एनओसी मामला, आरोपी की पुनरीक्षण याचिका ख़ारिज होने के बाद भी गिरफ्तारी क्यों नहीं?
- थाना प्रभारी का कहना निर्दोष पर कार्यवाही ना हो जाए इसलिए हस्ताक्षर जांच करा रहे,5 महीने बीत गए कब होगी हस्ताक्षर जांच?
- फाइनेंस कंपनी के अधिकारी पुलिस से लगा रहे हैं न्याय की गुहार पर पुलिस कर रही आरोपी का बचाव।
- मनेंद्रगढ़ थाना प्रभारी का एक आरोपी के प्रति सहानुभूति समझ से परे,बाकी आरोपियों के प्रति क्यों नहीं दिखती सहानुभूति?
- आरोपी की फोटो पुलिस अधीक्षक की सभा मे आने से पुलिस की छवि हो रही धूमिल।
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 24 जुलाई 2022(घटती-घटना)। कोरिया जिले के पुलिसकर्मी अपने अधिकारियों की फजीहत कराने से बिल्कुल भी बाज नहीं आते हैं पूर्व के पुलिस अधीक्षक के आते ही पुलिस कर्मियों का तथाकथित वायरल चैट जो वाट्सएप समूह में जारी हुआ था जिसकी वजह से पूर्व के पुलिस अधीक्षक की फजीहत हुई थी वहीं नव पदस्थ पुलिस अधीक्षक के आते ही एक पीडि़त को पुलिसकर्मियों ने घंटों भर इंतजार करा दिया जिसमें फजीहत हो ही रही थी कि दूसरी फजीहत तब हो गई जब एक कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे और उसी कार्यक्रम में जिसे पुलिस फरार बता रही है वह आरोपी भी उसमें शिरकत करते दिखा, जबकि इस पुरे कार्यक्रम में पत्रकार व पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति में जिसे पुलिस फरार बता रही है खुलेआम घूमता नजर आया तमाम फोटो में भी जमकर दिखाई दिया आरोपी, जिसके बाद पुलिस इस सवाल के घेरे में खड़ी दिखी, इस संबंध में जब थाना प्रभारी से पूछा गया तो उस आरोपी के प्रति थाना प्रभारी की सहानुभूति थी कि कहीं आरोपी जबरदस्ती ना फंस जाए इसलिए हस्ताक्षर मिलान करने के लिए इंतजार कर रहे हैं, यह थाना प्रभारी का जवाब था पर सवाल यह है कि आखिर उस थाना के अंतर्गत ऐसे कई अपराध पंजीबद्ध होते हैं पर सभी आरोपियों को प्रति सहानुभूति ना दिखना सिर्फ एक के प्रति सहानुभूति दिखना ऐसा लगता है कि आरोपी के साथ गहरा संबंध है थाना प्रभारी का?
मनेन्द्रगढ फ़ाइनेंस कम्पनी चोलामण्डलम के द्वारा फ़ाइनेंस वाहन की 17 किश्तें शेष रहते वाहन की फ़र्ज¸ी एनओसी तैयार कर जिला परिवहन अधिकारी बैकुंण्ठपुर कोरिया के समक्ष कूटरचित झूठा शपथपत्र व बनावटी दस्तावेज पेश कर वाहन को बेचने तथा वाहन को एक राज्य से दूसरे राज्य भेजने के मामले में आरोपी रिकेश खन्ना को न्यायालय से राहत मिलते नज़र नहीं आ रही है। वहीं आरोपी की और से दाखिल पुनरीक्षण याचिका में आरोपी के विरूद्ध न्यायालय के आदेश पर प्रथम सूचना रिपोर्ट पर न्यायालय द्वारा रोक लगाने की याचिका पर मनेन्द्रगढ प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने याचिकाकर्ता की याचिका को पोषणीय ना मानते हुए याचिका को ख़ारिज कर दिया वही आरोपी रिकेश खन्ना पर अब गिरफ़्तारी की तलवार लटकने लगी है पुलिस प्रशासन की ओर से याचिका पर अभियोजन कैलाश विश्वकर्मा आरोपी की ओर से अधिवक्ता टीआर राय तथा चोलामण्डलम कम्पनी की ओर से अधिवक्ता संजय सिन्दवानी ने मामले की पैरवी की थी। पूरे मामले में न्यायालय में मामला जाने के बाद ही फाइनेंस कंपनी को न्याय मिलता नजर आ रहा था जबकि पुलिस के पास फाइनेंस कंपनी दौड़ लगाती रही और उसे न्याय नहीं मिला।
क्या थाना प्रभारी अपने मनेंद्रगढ़ में रहते तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं करेंगे?
न्यायालय के आदेश के बाद भी थाना प्रभारी ने आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया बल्कि फरार बताते रहे वहीं आरोपी की पुनरीक्षण याचिका खारिज होने के बाद भी आरोपी को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर रही है जबकि पुलिस के सामने ही वह घूम रहा है। वैसे थाना प्रभारी का विशेष संबंध है आरोपी से और आरोपी थाना प्रभारी के भरोसे ही खुलेआम घूम रहा है यह कहना गलत नहीं होगा तभी तो वह पुलिस अधीक्षक के कार्यक्रम में भी शामिल होते दिख रहा है जबकि वह फरार है ऐसा पुलिस का कहना है। पूरे मामले में अब सवाल यह उठता है कि क्या थाना प्रभारी अपने मनेंद्रगढ़ में रहते तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं करेंगे और उसे खुलेआम घूमने देंगे जबकि न्यायालय से आदेश हो चुका है गिरफ्तारी का वहीं हस्ताक्षर जांच के बहाने थाना प्रभारी आरोपी का बचाव कर रहें हैं यह स्पस्ट नजर आ रहा है। वैसे कहा भी जाता है कि पुलिस जिस मामले में जांच करने की ठान ले और आरोपी की मदद करने की मंशा से जांच करे तो उस आरोपी के बचने की संभावना बढ़ जाती है क्योंकि जांच के बहाने उसका सहयोग बखूबी करना जानती है पुलिस। क्या यही वजह है की फाइनेंस कंपनी से लाखों की ठगी कर आरोपी जहां थाना प्रभारी की सह पर खुलेआम घूम रहा है वहीं अब वह थाना प्रभारी की ही सह पर पुलिस अधीक्षक के कार्यक्रम में भी शिरकत कर रहा है और कानून को अपनी गिरफ्त में रखना किस तरह आसान है इस बात का उदाहरण दे रहा है।
क्या पुलिस अधीक्षक कार्यवाही करेगे
इस पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक के जानकारी में यह मामला नहीं है क्योंकि इन्हें अभी आय कुछ दिन ही हुए है जिस वजह से वह पुरे मामले से रूबरू नहीं है अनभिज्ञ हैं, इस मामले में नव पदस्थ पुलिस अधीक्षक अब क्या कार्यवाही करते हैं यह तो उनके विवेक का मामला है लेकिन आरोपी के साथ जिस तरह नव पदस्थ पुलिस अधीक्षक की फोटो सामने आई है उससे फाइनेंस कंपनी जो पीçड़त पक्ष है वह जरूर संशय में होगी कि उसके साथ न्याय हो सकेगा क्योंकि अब जब थाना प्रभारी आरोपी की सीधे सीधे मदद कर रहें हैं ऐसे में कानून क्या कर सकेगा आरोपी का?
थाना प्रभारी जमे हैं लंबे समय से,आरोपी से हैं गहरे संबंध
मनेंद्रगढ़ थाना प्रभारी पुलिस थाना मनेंद्रगढ़ में लंबे समय से जमे हुए हैं और उनके आरोपी से गहरे संबंध है जो लगातार साबित भी हो रहा है। थाना प्रभारी आरोपी की हर संभव मदद कर रहें हैं और अब तो वह आरोपी को पुलिस अधीक्षक के कार्यक्रम में भी शामिल होने का अवसर देकर कानून को अपने हांथ की कठपुतली बताने से भी बाज नहीं आ रहें हैं। थाना प्रभारी की कार्यप्रणाली से लगता भी है कि वह आरोपी को किसी भी तरह बचाने पूरा जिम्मा ले चुके हैं।
नव पदस्थ पुलिस अधीक्षक से फायनेंस कंपनी को है न्याय की उम्मीद
लाखों की ठगी मामले में नव पदस्थ पुलिस अधीक्षक से फायनेंस कंपनी को न्याय की उम्मीद है। थाना प्रभारी की भेदभाव पूर्ण कार्यवाही आरोपी की मदद करने की मंशा को जानते हुए अब फायनेंस कंपनी को उनसे न्याय की उम्मीद नहीं है। अब नव पदस्थ पुलिस अधीक्षक फायनेंस कंपनी को किस तरह न्याय दिलाते हैं यह देखने वाली बात होगी।
इस संबंध में इनका कहना था कि हस्ताक्षर मिलान के लिए भेजा गया है मिलान होकर आ जाए और आरटीओ अधिकारी का भी बयान दर्ज नहीं हो पाया कहीं हस्ताक्षर फर्जी निकला तो एक बेगुनाह ना फंस जाए इसलिए हम हस्ताक्षर मिलान का इंतजार कर रहे हैं।
सचिन सिंह
थाना प्रभारी मनेंद्रगढ़