- किसानों का नेता बनने लग रही बोली,अब पैसा देकर बन सकेगा हर कोई किसान नेता।
- कॉपरेटिव सोसायटी में मनोनयन को लेकर लग रही बोली, वायरल हुआ ऑडियो।
- क्या हर कुछ अब पैसों से ही तय होगा, किसानों के नेता भी पैसों से बनेंगे।
- चुनाव की जगह मनोनयन आखिर क्यों,क्या सरकार चुनाव कराने से डर रही है?
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 24 जुलाई 2022 (घटती-घटना)। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार अब किसानों को उनका नेतृत्व देने नए नियम के तहत काम करने जा रही है और वह नियम है मनोनयन का जिसमें अब नेता बनने बोली भी लगने लगी है जिसका ऑडियो जारी हुआ है जिसमें कॉपरेटिव सोसायटी का अध्यक्ष बनने लाखों की बोली लगाई जा रही है। जैसा कि जारी ऑडियो में साफ तौर पर पता चल रहा है कि कॉपरेटिव सोसायटी के अध्यक्ष पद के लिए लाखों की बोली लग रही है और जिससे यह स्पस्ट भी होता नजर आ रहा है कि अब कॉपरेटिव सोसायटी का चुनाव सरकार नहीं कराने वाली और वह मनोनयन कर चुनाव टालना चाहती है और जिस वजह से ही बोली लग रही है।
पूरे मामले पर भाजपा कोरिया किसान मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष अनिल जायसवाल का कहना है कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार भयभीत हो चुकी है अपनी असफल नीतियों और किसानों के हितों को अनदेखा करने की वजह से उसे डर है कि वह कॉपरेटिव सोसायटी का चुनाव होने पर चुनाव नहीं जीत सकेगी और अध्यक्ष अन्य दलों से बन जाएंगे और इसीलिए वह चुनाव की बजाए मनोनयन कर अध्यक्ष नियुक्त करने की फिराक में है। अनिल जायसवाल का कहना है कि यदि सरकार चुनाव से नहीं डर रही है तो चुनाव कराए जिससे किसानों को उनके मन की पसंद का नेता अध्यक्ष के रूप में मिल सके। किसान मोर्चा जिला उपाध्यक्ष अनिल जायसवाल ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार अब चुनावी तैयारी में जुट चुकी है और वह भयभीत है किसी भी तरह का चुनाव कराने को लेकर उसे डर है कि कहीं अभी किसी भी होने वाले चुनाव में यदि हार हुई तो उसका खामियाजा विधानसभा चुनाव में भोगना पड़ सकता है। सरकार की एक मंशा और है और वह यह कि मनोनयन के नाम पर उगाही भी हो सके और उगाही लंबी हो सके जिसका चुनाव में उपयोग हो सके। अनिल जायसवाल ने कहा कि कुल मिलाकर किसानों की अनदेखी करने की वजह से भी सरकार भयभीत है। किसानों को न समय पर बीज मिल सका न खाद धान विक्रय की राशि भी पूरी नहीं मिल सकी वहीं किसानों की समस्याओं का समाधान सरकार नहीं कर सकी इस वजह से उसे हार का डर सता रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि बड़ी अजीब स्थिति निर्मित कर दी है वर्तमान सरकार ने सरकार किसानों के बीच से उनका नेता चुनने की बजाए मनोनयन करने जा रही है वह भी पैसों के दम पर मनोनयन होगा। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार जिस न्याय की बात के सहारे सरकार बना सकी अब वह न्याय कहीं नजर आ रहा है किसानों को लेकर तो बिल्कुल यह बात सही लगती है।