अम्बिकापुर@बोलबम… बोलबम… के जयकारों के साथ हजारों की संख्या में कांवरिए कैलाश गुफा के लिए रवाना

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अम्बिकापुर 24 जुलाई 2022 (घटती-घटना)। रविवार को शंकरघाट बांकी नदी से जल उठाकर हजारों कांवरिए 80 किलोमीटर का पद यात्रा कर सोमवार को कैलाश गुफा पहुंच कर भगवान भोले को जलाभिषेक करेंगे। इस दौरान पूरा माहौल भक्तिमय रहा। बोल बम व हर-हर महावेद के जयकारों से गुंजता रहा। अंबिकापुर से लेकर बतौली तक भक्ति और उल्लास के बीच कांवरियों का रेला लगा रहा। जगह-जगह कांवरियों के लिए जलपान की व्यवस्था की गई थी। कावंरयात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था की पूरी तैयारी की गई थी। जिला प्रशासन द्वारा मजिस्टि्रयल ड्यूटी लगाई गई थी। सरगुजा कांवरिया सेवा संघ के तत्वावधान में कांवर पदयात्रा पिछले 37 वर्षों से निकाली जा रही है। पिछले दो वर्षों से कोरोना काल के कारण कांवर यात्रा सार्वजनिक रूप से नहीं निकाली गई थी। इस वर्ष रविवार को अंबिकापुर स्थित शंकरघाट बांकी नदी से जल उठाकर हजारों की संख्या में कावंरिए कैलाश गुफा के लिए रैली की शक्ल में रवाना हुआ। कांवरियों का जत्था रविवार की देर रात से निकलनी शुरू हो गई थी। कांवर यात्रा में सरगुजा सहित कोरिया, रायगढ़, जशपुर जिले के अलावा सीमावर्ती राज्यों से भी काफी संख्या में श्रद्धालु कांवर यात्रा में शामिल हुए। कांवर यात्रा में शामिल होने के लिए शनिवार की दोपहर से ही कांवरियों का पहुंचना शुरू हो गया था। शनिवार-रविवार की मध्यरात्रि के बाद एक बजे से ही स्थानीय शंकरघाट में बांकी नदी से जल उठाने कांवरियों का हुजूम उमड़ पड़ा। हजारों कांवरियों ने शंकरघाट में ही अपना पड़ाव डाल रखा था। सावन महीने में अंबिकापुर स्थित शंकरघाट बांक नदी से जल उठाकर कैलाश गुफा स्थित भगवान कैलाशनाथेश्वर को जलाभिषेक करने का लोगों को पूरे साल इंतजार रहता है। रविवार की सुबह-सुबह गेरूवा मैय रहा। इस दौरान बोलबम… बोलबम… हर-हर महादेव… जय जय शिवशंकर के जयघोष से पूरा माहौल भक्मिय रहा। इस दौरान कांवरियों का जत्था शंकरघाट से नाचते-गाते उत्साह व उमंग के साथ कांवरियें पावन यात्रा के लिए निकले। सूर्योदय होने से पहले तक कई कांवरिए शहर छोड़ चुके थे। कांवर यात्रा में महिला, पुरूष, बुजुर्ग के साथ-साथ छोटे बच्चों में भी उत्साह देखा गया।
जगह-जगह कांवरियों का किया गया स्वागत

रास्ते भर विभिन्न संगठनों द्वारा कांवरियों का स्वागत, जलपान व नाश्ते की व्यवस्था की गई थी। यात्रा स्थानीय शंकरघाट से प्रारंभ होकर लुचकी, चेंद्रा, लमगांव होते देर शाम बतौली पहुंची। यहां विश्राम करने के बाद जत्था कैलाश गुफा के लिए रवाना हुआ और सोमवार को जलाभिषेक किया।
विभिन्न संगठनों ने निकाली आकर्षक झांकियां
कांवर पदयात्रा के दौरान पूरा माहौल भक्तिमय रहा। इस दौरान विभिन्न संगठनों द्वारा आकर्षक झांकियां भी निकाली गई। भोलेनाथ-पार्वती व भगवान गणेश की जीवंत झांकी निकाली गई। इस दौरान झांकियां आकर्षक का केन्द्र रहा। वहीं शहर में कांवरियों को जग-जगह स्वागत भी किया गया।


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