रायपुर@मुख्यमत्री शामिल हुए विवेकानद राष्ट्रीय युवा सम्मेलन मे आज समाज मे स्वामी विवेकानद जी के विचारो को बढ़ाने की आवश्यकता है

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रायपुर, 23 जुलाई 2022। मुख्यमत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि स्वामी विवेकानद ने जीवन भर युवाओ को अच्छे स्वास्थ और अच्छे चरित्र निर्माण के साथ लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढऩे के लिए प्रेरित किया। स्वामी विवेकानद युवाओ के आदर्श है। उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर मे स्वामी विवेकानद की स्मृति मे बनने वाला राष्ट्रीय स्मारक अब तक स्थापित उनके सभी स्मारको से किसी बात मे कम नही होगा, हमारी कोशिश होगी कि यह स्मारक सबसे बेहतर हो।
मुख्यमत्री बघेल आज रायपुर के कोटा स्थित विवेकानद विद्यापीठ मे आयोजित ’विवेकानद राष्ट्रीय युवा सम्मेलन’ को सबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम मे जानकारी दी गई कि स्वामी विवेकानद के अमेरिका मे तीन और भारत मे 12 स्मारक है। रायपुर मे बनने वाला स्मारक स्वामी विवेकानद का 16वा स्मारक होगा। मुख्यमत्री ने सम्मेलन मे उपस्थित रामकृष्ण मिशन और विवेकानद विद्यापीठ के पदाधिकारियो, सम्मेलन के अतिथियो से रायपुर मे स्थापित होने वाले स्मारक के स्वरूप के सबध मे सुझाव देने का आग्रह किया।
मुख्यमत्री ने इसके पहले स्वामी विवेकानद के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर उन्हे नमन किया और आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित इस राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारभ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता रामकृष्ण आश्रम, राजकोट के अध्यक्ष श्रीमत् स्वामी निखिलेश्वरानद ने की। ससदीय सचिव विकास उपाध्याय कार्यक्रम मे विशिष्ट अतिथि के रूप मे उपस्थित थे। विवेकानद विद्यापीठ, रायपुर द्वारा सस्कृति विभाग के सहयोग से सम्मेलन का आयोजन किया गया। विवेकानद विद्यापीठ के विद्यार्थियो ने राज्यगीत और देशभक्ति पूर्ण गीत की सगीतमय प्रस्तुति दी।
मुख्यमत्री भूपेश बघेल ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज समाज मे स्वामी विवेकानद के विचारो के प्रसार और उन्हे आत्मसात करने की जरूरत है। छाीसगढ़ से विवेकानद जी का गहरा लगाव रहा है। कलकाा के बाद स्वामी विवेकानद ने रायपुर मे सबसे ज्यादा समय बिताया। स्वामी विवेकानद के नामपररायपुर के एयरपोर्ट का नामकरण किया गया। इस सबध मे मुख्यमत्री ने सस्मरण बताया कि उन्होने विपक्ष मे रहते हुए रायपुर एयरपोर्ट का नाम विवेकानद के नाम पर रखने के लिए विधानसभा मे एक अशासकीय सकल्प लाया था। स्वामी विवेकानद का व्यक्तित्व इतना विराट है कि उनके नाम पर पक्ष-विपक्ष के सदस्यो ने सहमति व्यक्त की और सकल्प विधानसभा मे पारित हुआ।
मुख्यमत्री बघेल ने सम्मेलन मे स्वामी रामकृष्ण परमहस और स्वामी विवेकानद भावधारा के सबध मे कहा कि सब को जोडऩे की बात यदि किसी सत ने कही है तो वह रामकृष्ण परमहस ने कही और उस बात को चरितार्थ करने का काम यदि किसी ने किया तो विवेकानद जी ने किया। स्वामी रामकृष्ण परमहस ने कहा था कि आप किसी भी पद्धति से प्रार्थना करिए या पूजा करे, आप एक ही ईश्वर तक पहुचेगे। आप किसी भी रास्ते से चलिए आप पहुचेगे एक ही जगह पर। उन्होने समानता की बात कही, जोडऩे की बात कही, यही हिदुस्तान की ताकत है। भारत की धरती से अनेक धर्म निकले है। हमे सभी धर्मो का सम्मान करना चाहिए। उन्होने छाीसगढ़ मे राम कृष्ण मिशन और विवेकानद विद्यापीठ के कार्यो का उल्लेख करते हुए कहा कि बच्चो को शिक्षा के प्रकाश से जोडऩे, मानव कल्याण का कार्य इन सस्थानो मे किया जा रहा है।
मुख्यमत्री ने सम्मेलन मे कहा कि स्वामी विवेकानद का कहना था कि पश्चिम के विज्ञान को हमे स्वीकार करना होगा और भारत के अध्यात्म को पश्चिम को स्वीकार करना होगा तभी मानवता आगे बढ़ेगी। आजकल राजनीति करने वाले धर्म की बात कर रहे है और धार्मिक गुरु चुप बैठे हुए है। हम हिदू है, हमे इस बात पर गर्व है लेकिन किसी और धर्म का अपमान करे यह उचित नही है। धर्म कभी घृणा की बात नही कर सकता। साधु सत के दो काम है, जगत का कल्याण और आत्म उन्नति यदि आपके मन मे घृणा है तो आप साधु नही।
स्वामी निखिलेश्वरानद ने अध्यक्षीय आसदी से स्वामी विवेकानद के कथन को दोहराते हुए युवाओ से कहा कि भारत को प्रेम करे और उठो जागो और लक्ष्य प्राप्ति तक मत रूको। उन्होने कहा कि स्वामी विवेकानद युग दृष्टा थे। उन्होने छाीसगढ़ मे स्थापित होने वाले स्मारक के लिए हर सभव सहयोग देने की बात कही। विवेकानद विद्यापीठ के सचिव डॉ. ओमप्रकाश वर्मा ने स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर स्वामी विवेकानद विद्यापीठ के पदाधिकारी और सम्मेलन मे शामिल हो रहे।
अतिथि और युवा बड़ी सख्या मे उपस्थित थे।
मुख्यमत्री ने स्वतत्रता सग्राम सेनानी बिसाहू दास महत को किया नमन
रायपुर, 23 जुलाई । मुख्यमत्री भूपेश बघेल ने आज यहाँ अपने निवास कार्यालय मे राजनेता, स्वतत्रता सग्राम सेनानी स्वर्गीय श्री बिसाहू दास महत की पुण्यतिथि के अवसर पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हे नमन किया । मुख्यमत्री ने श्री महत का स्मरण करते हुए कहा कि उन्होने अविभाजित मध्यप्रदेश मे विधायक और मत्री के रूप मे प्रदेश के विकास के लिए अपनी अमूल्य सेवाये देते हुए छत्तीसगढ़ मे सिचाई और सड़क अधोसरचना के विकास हेतु अद्वितीय योगदान दिया । हसदेव बागो परियोजना उनके सपनो का ही साकार रूप है । श्री महत का पूरा जीवन जनसेवा के लिए समर्पित रहा है । छत्तीसगढ़ सरकार उनके आदर्शो के अनुरूप विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रही है।


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