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खड़गवां@खड़गवां महिला बाल विकास परियोजना बना भ्रष्टाचार का अखाड़ा

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  • खड़गवां महिला बाल विकास परियोजना में भ्रष्टाचार के कई बड़े बड़े खुलासे हुए पर भ्रष्टाचार को अंजाम देने वाले कार्यालय में अंगद के पैर जैसे जमकर इस खेल को अंजाम दे रहे हैं?


-राजेन्द्र कुमार शर्मा-
खड़गवां,21 जुलाई 2022(घटती-घटना)। खडगवा विकास खंड महिला बाल विकास परियोजना में नित नये कारनामे निकल रहे हैं सूचना के अधिकार से प्राप्त जानकारी से आगनबाड़ी केन्द्रों के लिपाई पोताई मे पूर्ण रूप से भ्रष्टाचार किया गया है यह आगनबाडी केंद्रों की लिपाई पोताई का कार्य दो किश्तों में प्राप्त हुआ था प्रत्येक किश्त 7.50 (सात लाख पचास हजार रुपए) के हिसाब से पंद्रह लाख रूपये की लागत थी
जिसमें प्रत्येक किश्त के हिसाब से 250की संख्या में आगनबाडी केंद्रो की लिपाई पोताई करना था और एक आगनबाडी केंद्र का खर्च 6000/–रूपये का था राज्य शासन के द्रारा जारी आदेश मे लेख है कि आगनबाडी केंन्द्रों के अंदर और बाहर की लिपाई पोताई किये जाने के लिए राशि जारी कि गई है I
21/3/2020 से पूरे भारत में लॉकडाउन लगा था तब इस कार्यलय मीटिंग और आदेश दिया जा रहा था
खडगवा महिला बाल विकास परियोजना में परियोजना अधिकारी एवं लिपिक के द्रारा इस लिपाई पोताई की राशि का बंदरबांट करने में कोई कोर कसर नहीं छोडी है इस परियोजना अधिकारी एवं लिपिक ने कोरोना काल में जब पूर्ण रूप से 21/3/2020 से पहला पूरा भारत 21 दिनों के लिए बंद कर लाकडाउन किया गया था उस पूरा भारत बंद के होने के बाद भी लाकडाउन के दौरान लिपाई पोताई कार्य का दस दस आगनबाडी केंद्रों की लिपाई पोताई का आदेश जारी कर दिया गया और परियोजना सतरीय समिति की बैठक का भी आयोजन लाकडाउन के दौरान दिनांक 24/3/2020 को किया गया और 7/4/2020 पोताई का आदेश देकर उसी दिनांक को 49 लोगों को कार्यलय में बुलाकर अनुमति मे हस्ताक्षर भी करा लिए जबकि इस दौरान किसी भी व्यक्ति को घर से बाहर निकलने और आने जाने की इजाजत नहीं थी हर चौक चौराहे पर पुलिस तैनात थी उसके बाद भी इस परियोजना अधिकारी एवं लिपिक के द्रारा समिति के बाहरी सदस्यों को बुलाकर बैठक कर ली गई और उन 49 लोगों को बुलाकर आदेश प्रदान कर अनुमति मे हस्ताक्षर भी करा लिए अब सवाल ये उठता है कि जब पूर्ण रूप से भारत में लाकडाउन था तो इस परियोजना अधिकारी एवं लिपिक ने इन आगनबाडी केंद्रों की लिपाई पोताई के लिए 49 पेंटरों को आदेश दिनांक 7/4/2020 को जारी कर दिया गया
इस लॉकडाउन के दौरान इस परियोजना अधिकारी एवं लिपिक को शासन और प्रशासन ने विशेष छूट दे रखी थी कया ? जो इनके द्रारा कार्यालय में लोगों को बुलाकर बैठक की और पेंटरो को अनुमति आदेश दिया गया ये भी एक जाच किए जाने योग्य है?
इस परियोजना में लाकडाउन के दौरान ही आगनबाडी केंद्रों की लिपाई पोताई का कार्य ही कयो कराया गया और लाकडाउन होने के कारण कोई भी आगनबाडी केंद्र खुले ही नहीं थे इस खडगवा परियोजना में 250 आगनबाडी केंन्द्रों मे से एक भी आगनबाडी केंद्रों की अंदर पोताई नहीं कि गई है यहां तक कि परियोजना सतरीय समिति के सदस्यों के आगनबाडी केंद्रों की भीतरी पोताई नहीं हुई है तो और अन्य जगहों की कया सथिति होगी ये सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
इस परियोजना की ज्यादातर आगनबाडी केंद्रों की बाहर की पोताई सिर्फ सामने कि दिवार को ही किया गया है।आगनबाडी केंद्रों की लिपाई पोताई के लिए विभाग के द्रारा सथनीय पेंटरो के आवेदन तो परियोजना खडगवा मे लिया गया और कार्य का आदेश चिरमिरी के पेंटरो को दिया गया सथनीय पेंटरो मे महज दो पेंटरो को कार्य दिया गया संचालनालय के पत्र क्रमांक/9496 दिनांक 30/12/2019 एवं संचालनालय के पत्र क्रमांक 12146 दिनांक 29/2/2020 के उपरोक्त राशि व्यय के संबंध में निदेर्शों का पालन किया जाये जिसकी कंडिका 1 मे उल्लेख है कि यदि कोई भवन जर्जर हैं तो ऐसे भवनों पर यह राशि व्यय न किया जाऐ उसके बाद भी कई जर्जर आगनबाडी केंद्रों मे राशि व्यय कर दी गई है और कंडिका 7 मे उल्लेख है कि इसका अग्रिम आहरण ना किया जाए कार्य एक माह में पूर्ण कराया जाए यदि यह राशि31 मार्च2020 तक व्यय नहीं कि जाती हैं तोराशि प्रत्याहारित करते हुए युक्तियुक्त कार्य वाही किया जायेगा जो शासन के निदेर्शों को दरकिनार कर पेंटरो को अप्रैल में पोताई का आदेश दिया गया है इस परियोजना में परियोजना अधिकारी एवं लिपिक ने मनमाने तरीके से आगनबाडी केंद्रों की गुणवत्ता विहीन लिपाई पोताई कराकर मोटी कमाई किया गया है महिला बाल विकास के द्रारा पेंटरो को मनमानी ढंग से कमीशन खोरी के चक्कर में लाकडाउन के समय लिपाई पोताई का काम दे दिया गया है। आगनबाड़ी केन्द्र की लिपाई पोताई मे जितनी राशि आगनबाड़ी भवन को चकाचक करने में लगाई जानी है वह नहीं लगी है इस विकास खंड के मुख्यालय सहित दूरदराज के आगनबाड़ी केंद्रों में अंदर के हिस्से में लिपाई पोताई तक नहीं हुई है और परियोजना अधिकारी एवं लिपिक ने आगनबाड़ी कार्य कर्ताओ से कार्य पूणर्:त का प्रमाण पत्र भी लिया गया है जो कि पूर्णता प्रमाण पत्र सभी सेक्टरो का एक ही लिखावट मे है और किसी भी कार्य पूणर्:त प्रमाण पत्र में कोई भी दिनांक नहीं डाल है कि लिपाई पोताई का कार्य किस दिनांक को पूर्ण हुआ और पूर्णता प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है या कराया गया है इस विकास खंड के आगनबाडी केंद्रों की लिपाई पोताई मे भारी भ्रष्टाचार किया गया है इसकी जाच कर कार्रवाई कि जाने की मांग की जा रही है।
पिछले दो तीन वर्षो से शिकायत की जांच हुई नहीं और इधर संचालनालय से लिपिक को मिल गई पदोन्नति
महिला बाल विकास परियोजना खड़गवां से सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी से पंद्रह लाख का फर्जीवाड़ा किया गया है इस फर्जीवाड़े में तात्कालिक लिपिक के संलिप्त होने के बाद भी वर्ग 3 से वर्ग 2 में पदोन्नति भी कर दी गई और उसी परियोजना में पदस्थ किया गया है जहां आंगनबाड़ी केंद्रों में लिपाई पोताई में भ्रष्टाचार किया गया है? जबकि इस आंगनबाड़ी केंद्रों के लिपाई पोताई में हुए भ्रष्टाचार की जांच पूरी नहीं हुई और तात्कालिक लिपिक को विभाग ने पत्र क्रमांक 4056 दिनांक20/7/2022 को संचालनालय महिला बाल विकास छत्तीसगढ़ शासन के आदेश के तहत पदोन्नति कर दिया गया है जबकि संचालनालय महिला बाल विकास विभाग के संचालक ने अपने ही आदेश की कंडिका 5 में स्पष्ट उल्लेख किया है कि यह पदोन्नति आदेश इस शर्त पर जारी किया जा रहा है कि यादि पदोन्नत शासकीय सेवक के विरुद्ध कोई विभागीय जांच /आपराधिक प्रकरण लंबित नहीं है यदि पदोन्नति आदेश दिया सूची में अंकित किसी शासकीय कर्मचारी के विरुद्ध उपरोकतानुसार प्रकरण चल रहा है तो संबंधित शासकीय सेवक के लिए यह पदोन्नति आदेश शून्य माना जावेगा।
जबकि आंगनबाड़ी केंद्रों की लिपाई पोताई के संबंध में शिकायतकर्ता की शिकायत पर जांच नहीं की गई और ना ही शिकायत कर्ता को जांच से संबंधित सूचना दी गई जबकि शिकायत कर्ता ने अपनी शिकायत में जांच शिकायत कर्ता के मौजूदगी में करने का उल्लेख किया था जो नहीं किया गया और तात्कालिक लिपिक को पदोन्नति करते हुए पुनः उसी महिला बाल विकास परियोजना में पदस्थ कर दिया गया है जो कई संदेहों को जन्म देता है इसकी जांच कर कार्रवाई होनी चाहिए?*
शिकायत कर्ता ने पिछले दो वर्षों से लगातार इस भ्रष्टाचार की शिकायत की मगर प्रशासन शासन की तरफ से किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई
जबकि शिकायत कर्ता ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन सचिव महिला बाल विकास विभाग छत्तीसगढ़ शासन एवं कोरिया कलेक्टर को दो साल में कई बार लिखित शिकायत किया गया है मगर इस पंद्रह लाख रुपए के भ्रष्टाचार की जांच आज दिनांक तक स्पष्ट नहीं हुई जबकि इसी महिला बाल विकास विभाग खड़गवां से ही इन आंगनबाड़ी केंद्रों में लिपाई पोताई में पंद्रह लाख रुपए का भ्रष्टाचार किया जाने की जानकारी सूचना के अधिकार से खड़गवां परियोजना से ही प्राप्त हुई हैं जिसके आधार पर इस भ्रष्टाचार के मामले की शिकायत भी की गई थी। शिकायत कर्ता ने एक बार फिर नवपदस्थ कोरिया कलेक्टर शिकायत कर लिपाई पोताई में हुए पंद्रह लाख रुपए के भ्रष्टाचार की जांच करते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।


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