चाहती है विधानसभा से दे इस्तीफा
चडीगढ़, 20 जुलाई 2022। पार्टी लाइन से हटकर फैसले ले रहे काग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई को लेकर पूर्व मुख्यमत्री भूपेद्र हुड्डा ने बड़ा बयान दिया है। उन्होने कहा है कि बगावत के बाद भी पार्टी बिश्नोई को बाहर नही निकालेगी, बल्कि उन्हे खुद ही नैतिक जिम्मेदारी लेकर विधानसभा से इस्तीफा दे देना चाहिए। हालाकि, काग्रेस के इस कदम के पीछे कई कारण गिनाए जा रहे है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हुड्डा ने कहा, ‘मै उन्हे निष्कासित करने वाला नही हू। नैतिक तौर पर उन्हे विधानसभा से इस्तीफा देना चाहिए। अगर उनके क्षेत्र आदमपुर मे उपचुनाव होते है, तो काग्रेस चुनाव लड़ेगी।’ खास बात है कि 53 वर्षीय बिश्नोई ने हाल ही मे केद्रीय गृहमत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से मुलाकात की थी।
‘राज्य सभा की तरह… अपने विवेक के हिसाब से वोट किया’, काग्रेस बागी विधायक कुलदीप बिश्नोई
बीते महीने राज्यसभा चुनाव के दौरान भी बिश्नोई ने क्रॉस वोटिग की थी। साथ ही इस बार राष्ट्रपति चुनाव मे भी उन्होने विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवत सिन्हा के बजाए हृष्ठ्र उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को वोट देने के सकेत दिए है। मतदान के बाद उन्होने कहा था, ‘राज्यसभा की तरह मैने इस चुनाव मे भी अपने विवेक से मतदान किया है।’
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काग्रेस को लेकर उन्होने कहा, ‘काग्रेस अब वह पार्टी नही रह गई है, जैसी इदिरा जी और राजीव जी के समय पर थी।’ उन्होने दावा किया कि अब काग्रेस मे सामान्य कार्यकर्ताओ और वरिष्ठ नेताओ को सम्मान नही मिलता। एक मीडिया रिपोर्ट मे सूत्रो के हवाले से बताया गया कि अगर काग्रेस बिश्नोई को निष्कासित करती है, तो वह विधायक बने रहेगे, जो काग्रेस नही चाहती। वही, भाजपा जल्दी उनकी एट्री की उम्मीद कर रही है।
हुड्डा ने यह भी कहा कि बिश्नोई की एट्री से भाजपा को फायदा नही होगा और उनके बाहर जाने से काग्रेस को नुकसान नही होगा। 4 बार के विधायक और दो बार के सासद विश्नोई काग्रेस से नाराजगी की खबरे आती रही है। कहा जा रहा है कि इस साल हुए बदलाव के दौरान प्रदेश काग्रेस प्रमुख के तौर पर उन्हे नजरअदाज करने के चलते वह नाराज है। इधर, काग्रेस ने भी उन्हे सभी पदो से हटा दिया है।
