परिवार ने रखी शादी की शर्त तो यूपीएससी में किया टॉप, ऐसी है हरियाणा की निधि सिवाच की कहानी

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लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली 20 जुलाई 2022।  संघ लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित होने वाली प्रशासनिक सेवा की परीक्षा में पास होना कई युवाओं का सपना होता है। इस सपने को पूरा करना इतना आसान नहीं होता क्योंकि आईएएस की परीक्षा काफी कठिन होती है। इस परीक्षा को पास करने और सिविल सर्विसेज में आने के लिए कई लोग सालों मेहनत करते हैं। कठिन परिश्रम और पढ़ाई से हर साल हजारों अभ्यर्थी यूपीएससी की परीक्षा में पास होते हैं। इन अभ्यर्थियों में कई ऐसे लोग भी शामिल होते हैं, जिन्होंने अपने इस सपने को पूरा करने के लिए अच्छी नौकरी भी छोड़ दी होती है। इस तरह की सफलता की कहानियों में कई लड़कियों के नाम भी शामिल हैं। ऐसी ही एक महिला आईएएस हैं जिन्होंने अफसर बनने के लिए खुद को 6 महीने के लिए कमरे में बंद कर लिया था। आईएएस बनने का ऐसा जुनून कि वह पढ़ाई में इस कदर खो गईं कि घरवालों से भी बात नहीं कर पाती थीं। लेकिन जब यूपीएससी परीक्षा का परिणाम आया तो उनकी कड़ी मेहनत आखिरकार जीत गई। इस महिला अफसर का नाम है निधि सिवाच।

चलिए जानते हैं आईएएस निधि सिवाच की सफलता की कहानी।

निधि सिवाच कौन हैं?
निधि सिवाच हरियाणा के गुरुग्राम की रहने वाली हैं। उन्होंने यहीं से 10वीं की परीक्षा पास की और उसके बाद इंजीनियरिंग करने का मन बना लिया। 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद निधि सिवाच ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में दाखिला लिया। उन्होंने अच्छे अंकों के साथ मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की।
निधि सिवाच का करियर
मैकेनिकल इंजीनियर निधि सिवाच को हैदराबाद की एक कंपनी में नौकरी भी मिल गई। वह हरियाणा से नौकरी के लिए हैदराबाद चली गईं। दो साल तक निधि ने नौकरी की लेकिन इस दौरान उन्होंने महसूस किया कि वह नौकरी नहीं करना चाहती बल्कि आईएएस बनना चाहती हैं। वह अपनी नौकरी में सेट थीं लेकिन उन्होंने प्रशासनिक सेवा में जाने का मन बना लिया और नौकरी से इस्तीफा दे दिया।
यूपीएससी में दो बार हुईं असफल
निधि ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरु की। पूरी मेहनत से प्रशासनिक सेवा में शामिल होने के लिए वह पढ़ाई करती। उनका पूरा फोकस यूपीएससी परीक्षा पर रहा लेकिन वह दो बार नाकामयाब रहीं। लगातार परीक्षा में असफलता मिलने पर और नौकरी भी न होने पर उनके ऊपर दबाव आने लगा।
शादी की शर्त
परिवार वाले चाहते थे कि निधि शादी कर लें। उनके पास दो रास्ते थे या तो परीक्षा में पास हो जाएं या फिर शादी कर लें। घर वालों ने शर्त रख दी कि अगर इस बार वह फेल हुईं तो उनकी शादी करा दी जाएगी। निधि ने परिवार की इस शर्त को मान लिया। उन्होंने ठान लिया कि इस बार उन्हें आईएएस की परीक्षा पास करनी ही है।
6 महीने खुद को कमरे में किया बंद
निधि को अपने तीसरे प्रयास में परीक्षा में पास होना ही था। इसलिए उन्होंने और भी ज्यादा कड़ी मेहनत शुरु कर दी। निधि ने फोकस होकर पढ़ाई करने के लिए खुद को कमरे में बंद कर लिया। वह अपने कमरे से बाहर नहीं निकलती थीं। सारा वक्त किताबों और पढ़ाई में देतीं। परिवार के लोगों से भी उनकी बात कम होने लगी थी।
बिना कोचिंग यूपीएससी में टॉप
निधि सिवाच ने घर पर ही बिना कोचिंग पढ़ाई की थी। तीसरी बार परीक्षा में उन्होंने अपना पूरा जोर लगा दिया। उनकी मेहनत रंग लाई, जब यूपीएससी परीक्षा परिणाम आने पर निधि ने अखिल भारतीय स्तर पर 83 रैंक हासिल की और आईएएस बनने का अपना सपना पूरा कर दिखाया। 


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