कोरबा@कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा कृषि भूमि पर भारी वाहनों को चलाकर किया जा रहा बंजर

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कोरबा 19 जुलाई 2022(घटती-घटना)। आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिए राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर बात होती है, किन्तु आदिवासियों के समक्ष जीवन यापन का संकट एक निजी ठेका कंपनी के द्वारा उत्पन्न कर दिया गया है। किसानों की जमीन को बंजर बनाने का काम किया जा रहा है, जिससे वे अपने कृषि कार्य नहीं कर पा रहे हैं और आजीविका पर संकट उत्पन्न होने लगा है। कोरबा जिले से चांपा के मध्य राष्ट्रीय राजमार्ग 149 बी में गावर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड कंपनी के द्वारा सड़क निर्माण का कार्य कराया जा रहा है। जनहित के इस कार्य के संबंध में अच्छे कार्य की अपेक्षा रखते हुए ग्राम पंचायत कोथारी की सरपंच द्वारा प्लांट के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र देने के साथ ही हर संभव मदद व सहयोग किया गया ,लेकिन कंपनी और कंपनी के लापरवाह कर्मचारियों/अधिकारियों के द्वारा जन विरोधी कार्य किया गया है। इसकी वजह से आदिवासी किसानों की कृषि भूमि पर बिना सूचना व बिना अनुमति के सीमेंट स्लैब एवं अन्य भारी सामान रखे गए हैं एवं कृषि भूमि पर भारी वाहनों को चलाकर उसे बंजर में तब्दील किया जा रहा है। कृषि भूमि पर आवागमन करने में काफी परेशानियों का सामना किसानों को करना पड़ रहा है। आय का मुख्य साधन कृषि वाले किसानों के लिए खरीफ फसल वर्ष भर के जीविका का एकमात्र विकल्प है और गावर कंपनी के लापरवाह अधिकारियों/कर्मचारियों के कारण कृषि भूमि बंजर हो जाने और सामानों को बिना अनुमति रख दिए जाने से कृषि कार्य नहीं हो पा रहा है।सरपंच श्रीमती अशोक बाई कंवर ने कड़े शब्दों में ठेका कंपनी के अधिकारियों को कहां है कि, 3 दिन के भीतर आदिवासी किसानों की कृषि भूमि में रखे निर्माण सामग्रियों को हटाकर भूमि को पहले की तरह सुधार किया जाए अन्यथा गावर कंपनी के प्लांट के सामने पूर्ण कार्य बंद आंदोलन किया जाएगा जिसकी समस्त जवाबदारी कंपनी की होगी। इसके साथ ही ग्राम पंचायत द्वारा प्रदान किए गए अनापत्ति प्रमाण पत्र को भी निरस्त कर दिया जाएगा। इस पूरे वाकये से रामपुर विधायक ननकीराम कंवर को भी अवगत कराया गया है।


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