Breaking News

नई दिल्ली@अग्निपथ योजना मे अब जाति को लेकर भाजपा और विपक्षी दलो के बीच छिड़ी जग

Share


नई दिल्ली, 19 जुलाई 2022। केद्र सरकार द्वारा युवाओ को सेना मे भर्ती होकर देश की सेवा करने का अवसर प्रदान करने के लिए अग्निपथ भर्ती योजना की शुरुआत की है। लेकिन केद्र सरकार के इस महत्वाकाक्षी योजना शुरुआत से ही विवादो मे रहा है और इसके विरोध मे युवा सड़क पर उतर आए थे। इस योजना के विरोध मे देश के कई राज्यो मे जमकर उत्पात मचाया गया। विरोधस्वरूप विभिन्न राज्यो मे करीब दो दर्जन से अधिक ट्रेनो को आग के हवाले कर दिए गए जिससे भारतीय रेलवे को करोड़ो रुपए का नुकसान हुआ।
अग्निपथ भर्ती योजना को लेकर भारी विरोध के कारण केद्र सरकार की ओर से नियमो मे बदलाव कर भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई। अब इस योजना पर एक नई जग शुरु हो गई है। अग्निपथ स्कीम मे आवेदन करने वाले लोगो से जाति और धर्म का कॉलम भरवाने को लेकर छिड़ी राजनीतिक बहस पर भाजपा ने विपक्षी दलो पर हमला बोला है। इस मसले पर भाजपा के प्रवक्ता सबित पात्रा ने विपक्ष की मशा पर सवाल खड़े किए है।
उन्होने कहा कि यह तो पुरानी ही व्यवस्था है। यहा तक कि 2013 मे सुप्रीम कोर्ट मे एक जनहित याचिका दायर हुई थी, जिसके जवाब मे आर्मी ने कहा था कि यह एक प्रक्रिया बस है। उस वक्त यूपीए की सरकार थी, लेकिन उसके बाद भी सेना को अखाड़े मे लाना और उसे बदनाम करना उचित नही है। सेना ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि हमारी भर्ती मे धर्म का कोई स्थान नही है, लेकिन युद्ध मे यदि कोई दुर्भाग्य से शहीद हो जाता है तो उसके अतिम सस्कार के दौरान उसकी जरूरत होती है।

इस बीच सेना की ओर से भी राजनीतिक दलो के आरोपो पर जवाब दिया गया है। सेना के अधिकारियो का कहना है कि इसमे कुछ भी नया नही है। आवश्यक होने पर उम्मीदवारो से जाति और धर्म प्रमाण पत्र पहले भी जमा कराया जाता रहा है। सेना का कहना है कि ट्रेनिग के दौरान मरने वाले रगरूटो और सर्विस मे शहीद होने वाले सैनिको का धार्मिक अनुष्ठानो के तहत अतिम सस्कार किया जाता है। ऐसे मे उनके धर्म की जानकारी की जरूरत पड़ती है।


तेजस्वी यादव ने भी उठाए सवाल, कहा- जाति देखकर की जाएगी छटनी


तेजस्वी यादव ने एक अन्य ट्वीट मे कहा कि आजादी के बाद 75 वर्षो तक सेना मे ठेके पर अग्निपथ व्यवस्था लागू नही थी। सेना मे भर्ती होने के बाद 75त्न सैनिको की छटनी नही होती थी, लेकिन सघ की कट्टर जातिवादी सरकार अब जाति/धर्म देखकर 75त्न सैनिको की छटनी करेगी। सेना मे जब आरक्षण है ही नही तो जाति प्रमाणपत्र की क्या जरूरत?’


अग्निपथ मे जाति और धर्म पूछे जाने पर सेना का जवाब-यह नया नही


यह जानते हुए भी सजय सिह और अन्य पार्टियो के नेताओ ने जैसा सवाल उठाया है, वह दर्द देने वाला है। सेना मे भर्ती की प्रक्रिया स्वतत्रता से पहले की है, लेकिन अब इसे लेकर जानबूझकर राजनीति की जा रही है। पुरानी प्रक्रिया मे किसी भी तरह का बदलाव मोदी सरकार द्वारा नही किया गया है। इसके बाद भी जानबूझकर भ्रम फैलाया जा रहा है ताकि सड़क पर आगजनी हो। यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि देश को जाति के आधार पर बाटा जाए और राजनीति की जाए। अरविद केजरीवाल तो वह आदमी है, जिन्होने सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक पर भी सवाल उठाया था।


Share

Check Also

अम्बिकापुर @ कलम बंद का सातवां दिन @ खुला पत्र @देश का चौथा स्तंभ को बचाए कौन?

Share @ बचा लो चौथे स्तंभ को अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है…जिम्मेदार लोगों से …

Leave a Reply

error: Content is protected !!