राहुल,पवार समेत कई नेता रहे मौजूद
नई दिल्ली, १9 जुलाई 2022। देश मे उपराष्ट्रपति का चुनाव होना है और इसके लिए साारूढ़ एनडीए सहित विपक्षी दलो की ओर से प्रत्याशी के नाम घोषित किए जा चुके है। लबे समय तक राजस्थान की सियासत का चर्चित चेहरा और वर्तमान मे पश्चिम बगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को भारतीय जनता पार्टी और एनडीए ने उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है। वही पाच बार सासद, केद्रीय मत्री और राज्यपाल रह चुकी मार्गरेट अल्वा को विपक्षी दलो ने अपना प्रत्याशी बनाया है। चुनाव प्रक्रिया के बीच नामाकन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।
विपक्ष की उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा ने आज अपना नामाकन पत्र दाखिल कर दिया। इस दौरान काग्रेस नेता राहुल गाधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, काग्रेस नेता अधीर रजन चौधरी, शिवसेना नेता सजय राउत एव अन्य विपक्षी दल के नेता मौजूद थे। बता दे कि मार्गरेट अल्वा उपराष्ट्रपति चुनाव मे विपक्ष की ओर से साझा उम्मीदवार घोषित की गई है। एनसीपी चीफ शरद पवार ने इनके नाम का एलान किया था।
गाधी परिवार की वफादार रही है अल्वा
उपराष्ट्रपति चुनाव मे विपक्ष की साझा उम्मीदवार घोषित की गई मार्ग्रेट अल्वा काग्रेस नेताओ की उस पीढ़ी से आती है जो लगातार गाधी परिवार की वफादार बनी रही। 1969 मे उन्होने इदिरा गाधी के प्रति वफादारी के साथ काग्रेस की राजनीति मे कदम रखा था। गाधी परिवार से उनकी वफादारी चार दशक तक लगातार जारी रही और इस दौरान उन्हे इसका पूरा लाभ भी मिला। 1974 से 1998 तक पार्टी ने उन्हे लगातार राज्यसभा मे भेजा। इसके बाद 1999 से 2004 तक वह लोकसभा की सदस्य रही। एक बार कैबिनेट मत्री का पद भी सभाला। हालाकि 2004 मे वह लोकसभा चुनाव हार गई। बाद मे वह राज्यपाल बनाई गई।
साल 2008 मे सोनिया गाधी से मतभेद
हालाकि, 2008 मे पहली बार तात्कालीन काग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाधी से उनका मतभेद हुआ। तब अल्वा ने कर्नाटक मे पार्टी नेतृत्व पर टिकट बेचने का सार्वजनिक आरोप लगाया था। दरअसल उनके बेटे निवेदित अल्वा को टिकट देने से प्रदेश नेतृत्व ने इकार कर दिया था।
मतभेद के बाद दिया था इस्तीफा
इसके बाद उनकी सोनिया गाधी से मुलाकात हुई जिसके बाद उन्होने पार्टी के सभी पदो से इस्तीफा दे दिया। हालाकि कुछ समय बाद ही उन्होने वापसी की और उन्हे उाराखड का राज्यपाल बना दिया गया। वह उाराखड की पहली महिला राज्यपाल थी। उनके एक अन्य पुत्र निखिल अल्वा को राहुल गाधी का करीबी माना जाता है।
काग्रेस प्रचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने उनकी उम्मीदवारी को देश की विविधता का प्रतिनिधित्व करार दिया है।
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