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यूरोप पर गहरा रहे हैं ऊर्जा संकट के बादल, राशनिंग का बढ़ा अंदेशा

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वर्ल्ड डेस्क, लंदन 18 जुलाई 2022 शेल के चीफ एग्जिक्यूटिव बेन वॉन बेउर्डेन ने ऑक्सफॉर्ड में एक सम्मेलन के दौरान कहा- ‘ऊर्जा की कीमत में भारी इजाफे का सामना करना पड़ेगा। और भी बुरी हालत हुई, तो यूरोप को हर उपभोक्ता को ऊर्जा की आपूर्ति पहले से तय मात्रा के अनुरूप ही करनी होगी। यूरोप के उपभोक्ताओं को अगली सर्दी में ऊर्जा की राशनिंग का सामना करना पड़ सकता है। यह बात अमेरिकी तेल कंपनी शेल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कही है। राशनिंग का मतलब यह है कि उपभोक्ताओं को उनकी मांग के मुताबिक गैस और बिजली नहीं मिलेगी। बल्कि एक सीमित मात्रा में इनकी सप्लाई उन्हें की जाएगी।

शेल के चीफ एग्जिक्यूटिव बेन वॉन बेउर्डेन ने ऑक्सफॉर्ड में एक सम्मेलन के दौरान कहा- ‘ऊर्जा की कीमत में भारी इजाफे का सामना करना पड़ेगा। और भी बुरी हालत हुई, तो यूरोप को हर उपभोक्ता को ऊर्जा की आपूर्ति पहले से तय मात्रा के अनुरूप ही करनी होगी।’ इस बीच एनर्जी सप्लायर कंपनियों ने ऊर्जा बिल को नियंत्रित करने के लिए ब्रिटेन में सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की है। इसके पहले ब्रिटिश सरकार ने बीते मई में आम महंगाई से लोगों को राहत देने के लिए 15 बिलियन पाउंड का एक पैकेज घोषित किया था। उसके तहत हर घर के एनर्जी बिल में सालाना 400 पाउंड की राहत देने की घोषणा की गई थी।

ब्रिटेन और यूरोपियन यूनियन के देशों ने यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद रूस पर सख्त प्रतिबंध लगा दिए। उन्होंने रूस से गैस और तेल आयात घटाने की नीति अपनाई। जवाब में हाल में रूस ने नॉर्ड स्ट्रीम-1 गैस पाइपलाइन से गैस आपूर्ति रोक दी है। हालांकि रूस ने कहा है कि ऐसा तकनीकी दिक्कत के कारण हुआ है और पाइपलाइन की मरम्मत के बाद 21 जुलाई से गैस आपूर्ति फिर शुरू हो जाएगी। लेकिन वॉन बेउर्डेन ने कहा- ‘यह कोई नहीं कह सकता कि रूस फिर यूरोप को गैस की सप्लाई शुरू करेगा या नहीं।

ब्रिटेन में हालत यूरोपियन यूनियन के देशों से ज्यादा खराब है। इसे देखते हुए ऑक्टोपस एनर्जी कंपनी के संस्थापक ग्रेग जैकसन ने कहा है कि कंजरवेटिव पार्टी के नेता पद के लिए चल रही होड़ में जो भी विजयी होता है, उसे सत्ता संभालते ही ऊर्जा बिल में राहत देने के लिए अधिक बड़े पैकेज का एलान करना होगा। उन्होंने अखबार द गार्जियन से बातचीत में कहा- ‘सितंबर में हमारे देश में नए प्रधानमंत्री सत्ता संभालेंगे। नई सरकार को नए उपायों पर विचार करना होगा। अगर आप आज की हालत पर गौर करें, तो थोक भाव मूल्य सूचाकांक काफी ऊपर है।

पिछले हफ्ते रिसर्च फर्म कॉर्नवॉल इनसाइट ने एक रिपोर्ट जारी की थी। उसमें इस वर्ष के बाकी महीनों में आम परिवारों के ऊर्जा बिल में भारी इजाफे का अनुमान लगाया गया। उधर बिजली कंपनी स्कॉटिश पॉवर के चीफ एग्जिक्यूटिव कीथ एंडरसन ने कहा है कि निवर्तमान सरकार ने जरूरत के मुताबिक राहत दी थी। लेकिन ऊर्जा की कीमत जिस तेजी से बढ़ी है, उसे देखते हुए 400 पाउंड की राहत एक छोटी रकम दिखने लगी है। समझा जाता है कि ऊर्जा कंपनियों ने बाजार में उभर ट्रेंड का आकलन आकलन करने के बाद ये टिप्पणियां की हैं। इनसे आने वाले महीनों में हालात और बिगड़ने का अंदेशा गहराया है। इसके बीच ही यूरोप के कई देशों में राजनीतिक अस्थिरता पैदा हो जाने से चिंता और बढ़ गई है।


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