नई दिल्ली@निजी कपनी भी बनाएगी सेना के लिए हेलीकॉप्टर

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नई दिल्ली, 17 जुलाई 2022। देश को रक्षा के क्षेत्र मे आत्मनिर्भर बनाने के लिए केद्र सरकार ने सेना के लिए निजी कपनियो से हेलीकॉप्टर बनवाने का फैसला किया है। रक्षा मत्रालय की और से मजूरी मिलने के बाद निजी कपनी सेना के लिए हेलीकॉप्टर बनाएगी। रक्षा मत्रालय ने रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया के मैनुअल मे बदलाव करने का फैसला किया है। इससे प्राइवेट सेक्टर को इडियन डिफेस पीएसयूएस से बहुसख्यक हिस्सेदारी के साथ सहयोग का मौका मिलेगा। साथ ही आवश्यक हथियार प्रणाली का निर्माण करने की भी इजाजत मिलेगी। इससे मिलिट्री हार्डवेयर सेक्टर मे ‘आत्मनिर्भर भारत’ को बढ़ावा मिलेगा।
साउथ लॉक के अधिकारियो के अनुसार, इस सहयोग का परीक्षण भारतीय मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर के विकास और निर्माण मे किया जाएगा, जो कि भारतीय सेना मे शामिल सभी रूस निर्मित एमआई -17 और एमआई -8 हेलीकॉप्टरो की जगह लेगा। आईएमआरएच का वजन 13 टन होगा। यह भारतीय सशस्त्र बलो के साथ हवाई हमले, पनडुबी रोधी, जहाज-रोधी, सैन्य परिवहन और वीवीआईपी की भूमिका मे होगा।

25′ प्रोडक्टर निर्यात करने की भी होगी इजाजत

अधिकारियो के अनुसार, निजी क्षेत्र की कपनियो को भी अपने उत्पादन का 25 प्रतिशत तीसरे देशो को निर्यात करने और देश के लिए विदेशी मुद्रा जुटाने की इजाजत होगी। भारतीय सशस्त्र बलो को विकसित आईएमआरएच खरीदने के लिए कहा गया है जिसे अगले सात वर्षो मे लागू करने की योजना है। निजी क्षेत्र की कपनियो ने रक्षा मत्रालय से यह आश्वासन भी मागा है कि भारतीय सशस्त्र बलो को हेलीकॉप्टर खरीदना चाहिए, अगर प्रोडक्ट का निर्माण अगले पाच वर्षो मे हो जाता है।

केद्र के पास नही बचा था दूसरा विकल्प!

निजी क्षेत्र को 51 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने और भारतीय पीएसयूएस के साथ ज्वाइट वेचर बनाने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया क्योकि पीएसयू तय समय मे डिलिवर करने मे सक्षम नही थे, जिससे लागत बढ़ती चली गई। इस देरी के कारण मोदी सरकार के पास अन्य देशो से टेडर या सरकार-से-सरकार मार्ग के जरिए आवश्यक मशीनो को खरीदने के अलावा कोई विकल्प नही बचा था।

प्राइवेट कपनियो मे इसे लेकर उत्साह

भारतीय निजी क्षेत्र की कपनियो ने परियोजना मे भाग लेने के लिए पहले ही अपनी उत्सुकता दिखाई है और रक्षा मत्रालय ने उन्हे अगले सात वर्षो मे मैन्युफैख्रिग शुरू करने के लिए कहा है। फ्रासीसी सफ्रान ने 8 जुलाई, 2022 को ही भारतीय एचएएल के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर दिया, ताकि नौसेना वैरिएट समेत आईएमआरएच इजन के विकास, उत्पादन और समर्थन के लिए नई ज्वाइट वेचर कपनी बनाई जा सके।


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