बैकुण्ठपुर@बी.टी.सी.प्रशिक्षण के नाम पर ठेका श्रमिकों का हो रहा है, शोषण प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे श्रमिको से कोयला खदानों में कराया जा रहा कार्य

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-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 16 जुलाई 2022(घटती-घटना)। कोल इंडिया लिमिटेड का एक उपक्रम मिनी रत्न कंपनी अंतरराष्ट्रीय एसए से मान्यता प्राप्त क्षेत्र में कोयला उत्खनन कर रही एसइसीएल कंपनी सारे नियमों को ताक में रखकर कर कार्य कर रही है वहीं उक्त कंपनी में पदस्थ अधिकारियों की भी मनमानी चरम पर है, कंपनी के जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा उत्खनन एवं उसके परिपेक्ष्य में लागू होने वाले डीजीएमएस के सारे नियम कानून को ताक में रखकर सामाजिक जवाबदेहीता नीति का मखौल उड़ा रही है।
उल्लेखनीय है कि कोयला कंपनी के द्वारा खदान के अंडर ग्राउंड खदानों और खुली खदानों में स्वयं के एवं ठेका श्रमिकों से कार्य कराने के पूर्व उन्हें प्रशिक्षित करने के लिए करने के लिए एक प्रशिक्षण की छः दिवसीय कार्यशाला लगाई जाती है जिसे बीटीसी का नाम दिया गया है जिसमें उत्खनन से संबंधित विशेष कार्य को करने के लिए अपेक्षित कौशल ज्ञान आदि से संबंधित व्यवसायिक ट्रेनिंग का कार्य एसईसीएल के द्वारा हल्दीबाड़ी के सड़क दफाई के पास पुराने जी एम ऑफिस में किया जाता है, जहां पर प्रशिक्षण के नाम पर श्रमिकों का प्रशिक्षकों एवं एसईसीएल के अधिकारियों के द्वारा शोषण किया जा रहा है और बिन किसी सुरक्षा उपकरणों के वहां के जिम्मेदार प्रशिक्षकों के द्वारा कोयला कंपनी के खुली और अंडर ग्राउंड खदानों में ले जाकर उनसे 8 से 12 घंटे तक उत्खनन सहित अन्य कार्य लगातार कार्य कराए जा रहे हैं, कौशल व्यवसायिक ज्ञान देने वाले प्रशिक्षक और उत्खनन से संबंधित अधिकारियों से सांठगांठ कर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे श्रमिकों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है उनके द्वारा 6 दिन के प्रशिक्षण कार्य को महीनों तक खींचा जाता है और इन मजबूर और लाचार मजदूरों से जबरदस्ती बिना कुछ राशि भुगतान किए प्रशिक्षण के नाम पर महीनों उन्हें खदान के बाहर और अंदर कार्य कराए जा रहे हैं जिसको लेकर गरीब मजबूर मजदूरों और उनके परिजनों में काफी आक्रोश व्याप्त है। सनद रहे कि नगरीय निकाय क्षेत्र में राज्य और केंद्र सरकार द्वारा इन श्रमिकों के रोजगार देने की कोई योजना नहीं है ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा जैसी महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं जिनका लाभ उस स्तर के श्रमिकों को सीधा मिलता है लेकिन नगरी निकाय क्षेत्र में मनरेगा लागू नहीं होता जिस कारण यहां पर काफी संख्या में युवा बेरोजगार हैं जिनका बीटीसी के नाम पर एसईसीएल प्रबंधन शोषण कर रहा है।
बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे मजदूरों ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सुबह 8:00 बजे हम सभी मजदूरों को बुलाकर पूरे चिरिमिरी इलाके में चल रही खुली और अंडर ग्राउंड खदानों में भेजा जाता है और प्रशिक्षण के नाम पर उत्खनन अधिकारियों द्वारा उनसे अपने निजी कार्य सहित कोयला खदानों के विभिन्न कार्य को कराया जाता है बताया यह भी जाता है कि ठेकेदारों से मिलजुल कर जो कार्य इन मजदूरों से कराए जाते हैं उनका भुगतान ठेकेदारों के अन्य चहेते मजदूरों के खातों में किया जा रहा है, इस तरह से बी टी सी के प्रशिक्षक, कोयला कंपनी के उत्खनन अधिकारी एवं ठेकेदारों तीनों के मेलजोल से कंपनी से लाखों रुपए की फर्जी निकासी की जा रही है, यह खेल चिरमिरी क्षेत्र में काफी लंबे समय से खेला जा रहा है जिसकी विभागीय जांच के अलावा विजिलेंस की जांच की भी जरूरत है पूरे गंभीर प्रकरण की शिकायत जल्द ही क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों सहित कंपनी के आला अधिकारियों से भी की जा रही है।


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