बैकुण्ठपुर@रेहर कोल स्टॉक में गड़बड़ी की जांच करने पहुंची विजिलेंस को मिली भारी मात्रा में कोल स्टॉक में कमी

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  • कोल स्टॉक में बड़ी गड़बड़ी को लेकर विजिलेंस व प्रोडक्शन विभाग की 4 सदस्य टीम पहुंची जांच में।
  • प्रबंधन कोल स्टॉक की गड़बड़ी को छुपाने का कर रहा था प्रयास, इस बीच जांच टीम की दबिश।
  • क्या गड़बड़ी पाए जाने पर जांच टीम दोषियों के खिलाफ कराएगा एफआईआर दर्ज?
  • जांच दल ने अपने सामने कराया कोल स्टॉक मेजरमेंट दिखी कमी पर जांच दल कुछ भी कहने से बचता दिखा क्यों?
  • क्या जाँच टीम एसईसीएल के अधिकारियों को बचाने का तो नहीं कर रहा प्रयास?
  • क्या कोल स्टॉक गड़बड़ी से बचने के लिए खान प्रबंधक ने थाने में कोयला चोरी की शिकायत कराई दर्ज? क्या चोरों के आड़ड़ में बचने का प्रयास?
  • क्या विजिलेंस कर पाएगी निष्पक्ष कोल स्टॉक गड़बड़ी की जांच या फिर एसईसीएल के अधिकारी बच निकलेंगे इस मामले से?
  • शिकायत:रेहर भूमिगत खदान का मामला,करोड़ों की हेराफेरी का आरोप।


-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 16 जुलाई 2022(घटती-घटना)। लोकहित प्रकटीकरण एवं मुखबिर संरक्षण पर भारत सरकार के संकल्प द्वारा भारत सरकार ने भ्रष्टाचार के किसी भी आरोप को प्रकट करने अथवा कार्यालय का दुरूपयोग करने सम्‍बन्धित लिखित शिकायतें प्राप्‍त करने तथा उचित कार्रवाई की सिफारिश करने वाली एक नामित एजेंसी के रूप में केन्‍द्रीय सतर्कता आयोग को प्राधिकृत किया है। यही वजह की जब कोई गड़बड़ी होती है तो लोगों को लगता है कि स्वतंत्र सरकारी एजेंसियों निष्पक्ष जांच करेंगे और गड़बड़ी करने वाले पर कार्यवाही होगी, इसी को लेकर एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र के रेहर खदान में बड़ी मात्रा में कोल स्टॉक गड़बड़ी की शिकायत तमाम स्वतंत्र सरकारी एजेंसियों को की गई है, ताकि गड़बड़ी करने वालों पर कड़ी कार्यवाही की जा सके और भविष्य में कोई भी राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान पहुंचा, राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान पंहुचा लाभ ना कमाए, रेहर खदान क्षेत्र में कोल स्टॉक में भारी गड़बड़ी को लेकर शिकायत की गई थी जिस पर विजिलेंस व प्रोडक्शन विभाग की टीम देर से ही सही पर जांच करने पहुंची, उनके आने में इतना समय लग गया कि कोल स्टॉक गड़बड़ी के मामले को रफा-दफा करने के लिए प्रबंधन एड़ी चोटी एक कर दिया फिर भी जांच में आई टीम को कोल स्टॉक में गड़बड़ी ही दिखी, सूत्रों का मानना है की जांच टीम को भारी मात्रा में कोयले की कमी दिखी और गुणवत्ता विहीन कोयला दिखा।
मिलि जानकारी के अनुसार एसईसीएल विश्रामपुर क्षेत्र की रेहर भूमिगत परियोजना के कोल स्टाक में भारी गड़बड़ी की शिकायत पर दो दिनों से कंपनी मुख्यालय से आई चार सदस्यीय विजिलेंस टीम द्वारा जांच की जा रही है इससे प्रबंधन में खलबली मच गई है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि करोड़ों रुपए लागत के कोयले की हेराफेरी की गई है। मामला एसईसीएल विश्रामपुर की रेहर भूमिगत परियोजना का है। संबंधित सूत्रों बताया कि एसईसीएल की भूमिगत परियोजना के कोल स्टाक में कोयले की भारी कमी को लेकर एसईसीएल मुख्यालय में शिकायत की गई थी। शिकायत में बताया गया खदान के कोयला स्टाक में कोयले की भारी कमी है। खान प्रबंधन द्वारा कोयले की गड़बड़ी की गई है। शिकायत में इस बात का भी उल्लेख किया गया था कि खान प्रबंधन द्वारा कोयला स्टक में कोयले की कमी को पूरा करने के लिए कोयला स्टाक में मलवा और सेल मिलाया जा रहा है। शिकायत की हकीकत जानने एसईसीएल मुख्यालय से पहुंची चार सदस्यीय विजिलेंस की टीम द्वारा गुरुवार से खदान में शिकायत की हकीकत जानने कोल स्टाक की नपाई का कार्य कराया जा रहा है। शुक्रवार को भी कोयला मेजरमेंट का कार्य जारी रहा।

#घटती-घटना 08 जुलाई 2022 को प्रकाशित खबर

खान प्रबंधक क्या कोयले की चोरी बता कर स्टॉक में कमी की वजह बताएंगे
वही खान प्रबंधक थाने में शिकायत दर्ज करा रहे है की रेहर भूमिगत खदान विश्रामपुर क्षेत्र एसईसीएल में कोयले की चोरी हो रही है शिकयात में खान प्रबंधक ने बतया की रेहर भूमिगत खदान विश्रामपुर क्षेत्र एसईसीएल भारत की उपनाम इकाई है, जिसमे प्रतिदिन तीन शिफ्ट में कोयले का उत्पादन होता है जो कि राष्ट्रीय सम्पत्ति है। खदान परिसर सुरक्षा निदेशालय भारत सरकार के अधीनस्त प्रतिबंधित क्षेत्र है। इसमें अनधिकृत का प्रवेश निषेध है रेहर भूमिगत खदान में विगत कई महीनों से चोरों के द्वारा खदान परिसर में घुस कर कोयला स्टॉक से एवं खदान से बेल्ट के द्वारा गिरते हुए कोयले को बंकर के पास से जबरन उठाकर बोरी में भरकर जाते है जिसमें उनकी संख्या लगभग 100 से ज्यादा होती है, जिनके द्वारा खदान परिसर के बाउंड्री बॉल को कई जगह से तोड़ कर एवं कन्सरटीना फैसिंग को काट कर अन्दर घुस जाते है जिसमे महिलाएं भी शामिल रहते हैं। फिर साईकिल, मोटर साईकिल ट्रैक्टर एवं पिकअप से कोयले का परिवहन कर रहे हैं। खदान से प्रतिदिन कई टन कोयला चोरी किया जा रहा है, हमारे सुरक्षा प्रहरियों द्वारा रोकने पर उन्हें मारने की धमकी देते हैं तथा गाली गलौज करते हैं, कई बार हाथापाई भी हुई है। अधिकांशत चोर मदिरा सेवन किये हुये रहते है जिस कारण उनका व्यवहार बहुत ही आक्रोशित रहता है और मारपीट करने को तैयार रहते हैं। इनके इस शिकायत पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं आखिर जब इतने बड़े मात्रा में कोयले की चोरी हो रही थी तो फिर स्टॉक इतना ज्यादा क्यों बताया जा रहा था, बाउंड्री वॉल एसईसीएल के द्वारा ही तोड़ा गया है यह वहां के लोगों का कहना है क्योंकि पत्थर मिलाने के लिए बाउंड्री वॉल तोड़ा गया था और जब इतने मात्रा में कोयले की चोरी हो रही थी तो फिर स्टॉक इनका कैसे बढ़ रहा था? एक बड़ा सवाल है की जब आज स्टॉक में कमी होने की बात आई तो उन्हें थाने में शिकायत दर्ज करने की याद आई। क्या अब पुलिस स्टॉक से चोरी हुए कोयले का पता करे खान प्रबंधक की कोई गलती नहीं है।

#घटती-घटना 14 जुलाई 2022 को प्रकाशित खबर

यह है मामला
एसईसीएल क्षेत्र में अक्सर कोयले में हेराफेरी का मामला सुनने को मिलता है कहीं ज्यादा तो कहीं कम कुछ साल पहले कोयले में बड़ी मात्रा में हेराफेरी को लेकर बिश्रामपुर क्षेत्र काफी चर्चित रहा था, जहां कई अधिकारियों को जेल की हवा भी खानी पड़ी थी, एक बार फिर बिश्रामपुर एससीसीएल क्षेत्र के रेहर खदान में बड़ी मात्रा में कोयला हेराफेरी का मामला फिर सामने आया है, जिसे लेकर मुख्य सतर्कता अधिकारी एसईसीएल बिलासपुर को शिकायत की गई थी और जल्द से जल्द जांच की मांग की गई थी, शिकायतकर्ता के अनुसार 8 हजार टन कोयला स्टॉक में होना बताया जा रहा है पर वास्तविक स्थिति में खदान के पास 8 हजार टन कोयला मौजूद दिख नहीं रहा, अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब प्रबंधन 8000 टन कोयला होना बता रही है तो आखिर यह कोयला कहां है, वही शिकायत के बाद इस प्रबंधन हरकत में है और जल्दी-जल्दी 8000 टन कोयले का स्टॉक बनाने में जुट गई थी, जिसके लिए मिट्टी से लेकर पत्थर तक मिलाने का कार्य प्रबंधन बड़ी तेजी से कराया गया था।
दस्तावेजों की चल रही है जांच
बता दें कि एसईसीएल विश्रामपुर क्षेत्र कोयला साथ में गड़बड़ी को लेकर पूर्व में भी सुर्खियों में रहा है। करोड़ों रुपए की कोयला गड़बड़ी के मामले में पूर्व महाप्रबंधक से लेकर कई अधिकारी सीबीआई के शिकंजे में फंस कर जेल तक जा चुके हैं। फिलहाल एसईसीएल कागज में छह हजार टन कोल स्टाक एसईसीएल की रेहर कोयला खदान के कोल स्टाक में वर्तमान स्थिति में कंपनी के दस्तावेजों के मुताबिक छह हजार टन से अधिक कोयला मौजूद बताय गया था जो वह नहीं दिखा, विजिलेंस टीम द्वारा की गई जांच रिपोर्ट आने पर स्पष्ट हो सकेगा कि खदान के कोयला स्टाक में दस्तावेजों के मुताबिक कोयला स्टाक में है या नहीं? वहीं इस संबंध में संबंधित अधिकारी कुछ बता पाने में असमर्थता जाहिर कर रहे है।
चार सदस्यी टीम में यह थे शामिल
कंपनी मुख्यालय से यहां पहुंचे विजिलेंस विभाग के संजय दास, एसके निगम एवं प्रोडक्शन विभाग के वी आर पांडेय, चंदन शाह की टीम द्वारा कोयला साथ में गड़बड़ी की शिकायत की बारीकी से जांच की जा रही है। प्रारंभकि जांच में गड़बड़ी मिली अथवा नहीं, इस संबंध में पुष्ट जानकारी नहीं मिल सकी है। जांच अधिकारियों का कहना है कि शिकायत की जांच की जा रही है। जांच पूरी होने पर कुछ बता पाना संभव होगा।
जांच टीम ने कोयले की गुणवत्ता के लिए सैंपल को भेजा लैब
कोयले के स्टाक को पूरा दिखाने के लिए मिट्टी व पत्थर बड़े मात्रा में मिलाया गया था जिसे लेकर जांच में आए टीम ने कोयले की गुणवत्ता की जांच कराने के लिए कोयले का सैंपल लिया और उसे स्थानीय लैब में जांच कराने के बाद अपने साथ मुख्यालय भी ले गए, उन्होंने गुणवत्ता कोयले की कैसी है लैब की जांच में क्या पाया गया यह सभी तथ्यों पर बात करने से बचते दिखे वजह जो भी हो पर गुणवत्ता तो कोयले में ख़राब है जो साफ दिख रही है अब जांच दल की रिपोर्ट क्या कहती है यह बड़ा सवाल है।


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