अमीरों का खेल है गोल्फ, स्कॉटलैंड से हुई थी इसकी शुरुआत, जानें द ओपन चैंपियनशिप के बारे में

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एजेंसी, ब्रिटिश 14 जुलाई 2022 ओपन चैंपियनशिप जिससे ओपन या ब्रिटिश ओपन के रूप में भी जाना जाता है। यह दुनिया का सबसे पुराना गोल्फ टूर्नामेंट है। 1860 में इसकी की शुरुआत हुई थी। उस समय प्रेस्टविक गोल्फ क्लब स्कॉटलैंड में सालाना तौर पर इसका आयोजन होता था।

गोल्फ को वीवीआईपी खेल का दर्जा प्राप्त है। इसे या तो व्यक्तिगत रूप से खेला जा सकता है या फिर टीम के रूप में भी खेला जाता है। इस खेल में गोल्फ स्टिक की मदद से मैदान के छेदों में बॉल पहुंचाने की कोशिश की जाती है। इस खेल को लंबे चौड़े हरे घास वाले मैदान पर खेला जाता है। कुछ दूरी पर मैदान में कई होल बनाए होते हैं। गोल्फ स्टिक जिसे गोल्फ क्लब भी कहा जाता है, उसकी मदद से बॉल को होल में डालना होता है। जो जितने कम समय में इन बॉल को होल में पहुंचाता है, वही विजेता बनता है। हालांकि, इस खेल की शुरुआत कब हुई थी, इसके बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं है। लेकिन माना जाता है कि 17वीं शताब्दी के आसपास यूरोप में इसकी शुरुआत हुई थी। धीरे-धीरे या लोकप्रिय हुआ और विश्व भर में प्रसारित हो गया है। 

द ओपन चैंपियनशिप

ओपन चैंपियनशिप जिससे ओपन या ब्रिटिश ओपन के रूप में भी जाना जाता है। यह दुनिया का सबसे पुराना गोल्फ टूर्नामेंट है। 1860 में इसकी की शुरुआत हुई थी। उस समय प्रेस्टविक गोल्फ क्लब स्कॉटलैंड में सालाना तौर पर इसका आयोजन होता था। ओपन का नाम इसलिए भी दिया गया क्योंकि यह सभी के लिए खुला हुआ है। अर्थात इसमें पेशेवर और शौकिया गोल्फर भी शामिल हो सकते हैं। यह टूर्नामेंट का सफल हुआ। इसी तर्ज पर दुनिया में कई और ओपन गोल्फ टूर्नामेंट शुरू किए गए। बाद में इसे यूनाइटेड किंगडम में शिफ्ट किया गया। यह r&a के द्वारा आयोजित किया जाता है। 1890 के दशक में तीन अंग्रेज खिलाड़ी जिसमें 2 शौकिया थे, 4 बार इस टूर्नामेंट को जीता। धीरे-धीरे यह टूर्नामेंट काफी लोकप्रिय होता गया और विश्व के कई देशों में इसे खेलने की शुरुआत हो गई। इस बार यह ब्रिटेन के ओल्ड कोर्स में 14 से 17 जुलाई के बीच खेला जा रहा है। 

भारत में गोल्फ

अंग्रेजों के साथ ही भारत में गोल्फ आया। 19वीं शताब्दी के दौरान भारतीयों ने इस खेल को खेलना शुरू किया। भारत का पहला गोल्फ क्लब रॉयल कोलकाता गोल्फ क्लब 1829 में स्थापित किया गया था। दावा किया जाता है कि यहीं से भारत में गोल्फ की शुरुआत हुई थी और धीरे-धीरे या देश के अन्य हिस्सों में पहुंचा। मना तो यह भी जाता है कि ग्रेट ब्रिटेन के बाद भारत के में ही गोल्फ सबसे पहले आया था। उस समय भारत में ब्रिटिश शासन के अधीन था और अधिकांश गोल्फ ब्रिटिश अधिकारियों के द्वारा ही खेला जाता था और जो क्लब थे, उन्हीं के द्वारा संचालित थे। भारत में जो पुराने गोल्फ क्लब हैं उनमें रॉयल मुंबई गोल्फ क्लब, बेंगलुरु गोल्फ क्लब, शिलांग गोल्फ क्लब आदि शामिल हैं। आगे चलकर आजादी के बाद भारत में गोल्फ को लेकर कई बड़े निर्णय लिए गए। भारतीय गोल्फ संघ की स्थापना हुई। फिलहाल भारत के गोल्फ क्लब किस खेल को युवा खिलाड़ियों से जोड़ रहा है। आज धीरे-धीरे गोल्फ देश के छोटे-छोटे हिस्सों में भी लोकप्रिय हो चुका है। 

भारत के बड़े गोल्फ खिलाड़ी

शुभांकर शर्मा- 21 साल की उम्र में उन्होंने दो यूरोपीय टूर टाइटस का खिताब जीता।

अनिर्बान लाहिड़ी- एशिया महाद्वीप के बड़े गोल्फ खिलाड़ियों में इनका नाम आता है। टोक्यो ओलंपिक में इन्होंने फाइनल में जगह बनाई थी।

गगनजीत भुल्लर- 9 साल की उम्र में उन्होंने गोल्फ खेलना शुरू किया। यह जीव मिल्खा सिंह और ज्योति रंधावा को अपना आदर्श मानते हैं। 

शिव कपूर- एशियाई टूर के कई खिताब अपने नाम कर चुके हैं। 2002 के एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। 

अदिति अशोक- वर्तमान में भारत की सर्वश्रेष्ठ महिला गोल्फ खिलाड़ी मानी जाती हैं। 

जीव मिल्खा सिंह- उन्हें भारत के महानतम गोल्फरों में से एक के रूप में जाना जाता है।

ज्योति रंधावा- पेशेवर गोल्फर ज्योति एशियाई और यूरोपीय टूर में भाग ले चुकी हैं।


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