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रायपुर@छत्तीसगढ़ मे रासायनिक उर्वरको की कमी को पूरा करने के लिए केन्द्र सरकार को लिखा जाएगा पत्र

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मुख्यमत्री ने समीक्षा बैठक मे दिए निर्देश
खाद-बीज की आपूर्ति सुनिश्चित करे और वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग को दे बढ़ावा
रायपुर, 13 जुलाई 2022।
मुख्यमत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश मे केन्द्र से रासायनिक उर्वरको की कम आपूर्ति को देखते हुए कृषि उत्पादन आयुक्त को केन्द्र से समन्वय कर माग के अनुरूप रासायनिक उर्वरको की आपूर्ति के लिए पत्र लिखने को कहा है। उन्होने अधिकारियो को मौसम की स्थिति पर नजर रखने और जहा खाद, बीज की कमी है, वहा खाद-बीज की पर्याप्त मात्रा मे उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। मुख्यमत्री ने आज यहा मुख्यमत्री निवास मे आयोजित बैठक मे प्रदेश मे वर्षा की स्थिति, खाद-बीज की उपलब्धता, सिचाई जलाशयो मे जल भराव की स्थिति, खरीफ फसलो के क्षेत्राच्छादन, सक्रामक बीमारियो की रोकथाम के उपायो की समीक्षा की। बैठक मे कृषि मत्री श्री रविन्द्र चौबे भी उपस्थित थे।
मुख्यमत्री ने कहा कि वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन के मामले मे छत्तीसगढ़ अन्य राज्यो से काफी आगे है। रासायनिक उर्वरको की कमी की पूर्ति काफी हद तक वर्मी कम्पोस्ट की जा सकती है। आने वाले समय मे वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन बढ़ाना होगा। उन्होने रासायनिक उर्वरको के ओव्हर रेट की शिकायतो के प्रकरणो मे कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए। मुख्यमत्री ने बारिश के दौरान सक्रामक बीमारियो की रोकथाम के उपायो की समीक्षा के दौरान आवश्यक दवाओ के पर्याप्त मात्रा मे भण्डारण, शहरो मे साफ-सफाई, जल स्त्रोतो, हैण्ड पम्पो की साफ-सफाई और क्लोरिनेशन कराने के निर्देश दिए।
मुख्यमत्री ने बैठक मे कहा कि मनरेगा के तहत भू-जल सरक्षण और सवर्धन की सरचनाए प्राथमिकता के साथ निर्मित की जाए। इससे भू-जल स्तर मे सुधार होगा, सिचाई के लिए जल की उपलब्धता बढ़ेगी और ईको सिस्टम के लिए भी लाभदायक होगा। उन्होने कहा कि वन क्षेत्रो मे पिछले दो-तीन वर्षो मे कराए गए नरवा विकास के कार्यो के अच्छे परिणाम मिल रहे है। तमोरपिगला और अचानकमार मे हाथियो का दल काफी समय से एक स्थान पर है, क्योकि वहा उन्हे पानी और चारा उपलध हो रहा है। इसी तरह हाथी प्रभावित अन्य क्षेत्रो मे भी नरवा विकास के कार्यो को तेजी से करने की आवश्यकता है, इससे हाथी मानव द्वद्व कम होगा। गौठानो मे चारागाह विकास की समीक्षा के दौरान मुख्यमत्री ने कहा कि चारे का उत्पादन करने वाले समूहो को खुले बाजार मे चारा बेचने की अनुमति दी जाए, इससे उनकी आमदनी बढ़ेगी तथा अतिरिक्त चारा का साईलेज बनाकर मवेशियो के लिए उपलब्धता कराया जाए।
मुख्यमत्री ने किसानो से की फसल बीमा कराने की अपील
मुख्यमत्री ने बैठक के दौरान किसानो से अधिक से अधिक सख्या मे फसल बीमा कराने की अपील की। बैठक मे बताया गया कि खरीफ वर्ष 2021 मे 13.77 लाख किसान द्वारा फसल बीमा हेतु 157.65 करोड़ रूपए का प्रीमियम दिया गया था, जिसे मिलाकर कुल 1199 करोड़ रूपए के प्रीमियम का भुगतान किया गया था, जिसके विरूद्ध 4 लाख 8 हजार किसानो को 758.43 करोड़ का बीमा दावा भुगतान किया गया। इसी तरह रबी 2021-22 मे 2.32 लाख किसानो द्वारा 15.96 करोड़ रूपए का प्रीमियम दिया था, इसे मिलाकर कुल 153 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया, जिसके विरूद्ध एक लाख 58 हजार पात्र किसानो को 304.49 करोड़ रूपए का प्रीमियम दावा भुगतान किया गया।
बैठक मे जानकारी दी गई कि खरीफ 2022 मे केन्द्र से यूरिया, डीएपी, एनपीके, पोटाश और सुपर फास्फेट को मिलाकर कुल 13.70 लाख मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरको की माग की गई थी, जिसके विरूद्ध छाीसगढ़ को मात्र 6.30 मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरको की आपूर्ति केन्द्र द्वारा की गई है। बैठक मे जानकारी दी गई कि मार्कफेड, सहकारी समिति और निजी क्षेत्रो मे कुल 11.03 लाख मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरक का भडारण किया गया, जो खरीफ 2022 के लिए निर्धारित लक्ष्य का 81 प्रतिशत है। भण्डारण की तुलना मे किसानो को समितियो और निजी क्षेत्रो को मिलाकर 67 प्रतिशत रासायनिक उर्वरको का वितरण किया जा चुका है।
अधिकारियो ने बताया कि इस वर्ष किसानो को पिछले वर्ष इसी अवधि मे अधिक रासायनिक उर्वरको का वितरण किया गया है। खरीफ वर्ष 2022 मे 11 जुलाई तक वर्ष 7.35 लाख मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरको का वितरण किया गया था, जबकि गत वर्ष की अवधि मे 6.74 लाख मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरको का वितरण किया गया था। कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिह ने बैठक मे बताया कि डीएपी उर्वरक की कमी को दूर करने के लिए किसानो को यूरिया, एनपीके, सुपर फास्फेट और पोटाश के साथ वर्मी कम्पोस्ट निर्धारित मात्रा मे उपयोग करने की सलाह दी गई है।

खरीफ 2022 के लिए किसानो को पिछले वर्ष की तुलना मे अब तक 134 प्रतिशत अधिक ऋण वितरित

बैठक मे जानकारी दी गई कि सहकारिता के माध्यम से खरीफ वर्ष 2022 मे 10 जुलाई की स्थिति मे किसानो को विगत वर्ष की तुलना मे 134 प्रतिशत अधिक अल्पकालिक कृषि ऋण वितरित किया गया है। वर्ष 2022 मे 3928.17 करोड़ रूपए खरीफ ऋण वितरित किया गया, जबकि गत वर्ष की अवधि मे 2935.60 करोड़ रूपए ऋण वितरित किया गया था।
वर्षा की स्थिति मे समीक्षा के दौरान जानकारी दी गई कि कुछ जिलो मे अब तक औसत की तुलना मे कम वर्षा हुई है, लेकिन प्रदेश मे मानसून सक्रिय होने के साथ ही स्थिति काफी बेहतर हुई है। बैठक मे कम वर्षा वाले जिलो के सबध मे बताया गया कि बलरामपुर मे औसत का 42 प्रतिशत, जशपुर मे 44 प्रतिशत, सरगुजा मे 55 प्रतिशत, सूरजपुर मे 70 प्रतिशत, कोरिया मे 77 प्रतिशत, कोरबा मे 77 प्रतिशत, रायपुर मे 69 प्रतिशत, बेमेतरा मे 72 प्रतिशत और सुकमा मे 63 प्रतिशत वर्षा हुई है। इसी तरह 27 तहसीलो मे 60 प्रतिशत से कम वर्षा दर्ज की गई है। बारिश होने के साथ सिचाई जलाशयो मे जल भराव की स्थिति भी बेहतर हो रही है।
मुख्यमत्री ने बैठक मे मौसमी बीमारियो से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तैयारियो की समीक्षा की। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य डॉ. मनेन्दर कौर द्विवेदी ने बताया कि मौसमी बीमारियो मे उपयोग की जाने वाली दवाईयो का पर्याप्त मात्रा मे भण्डारण किया जा चुका है। उन्होने बताया कि कोविड-19 सक्रमण से बचने के ऐहतियाती उपायो के तहत टीकाकरण बढ़ाने के निर्देश कलेक्टरो को दिए गए है।
बैठक मे मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, जल ससाधन विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी., विा सचिव श्रीमती अलरमेलमगई डी., राजस्व सचिव श्री एन.एन. एक्का, पचायत एव ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री प्रसन्ना आर., मुख्यमत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिह परदेशी, डॉ. एस. भारतीदासन और श्री अकित आनद, मुख्यमत्री की उप सचिव सुश्री सौम्या चौरसिया सहित सबधित अधिकारी उपस्थित थे।


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