नई दिल्ली, 12 जुलाई 2022। आज यानि 12 जून को विश्व जनसख्या दिवस मनाया जा रहा है। आज ही सयुक्त राष्ट्र ने अपनी नई रिपोर्ट ‘विश्व जनसख्या सम्भावना 2022’ जारी की है। रिपोर्ट मे इस बात की सभावना जताई गई है कि इस वर्ष नवबर तक दुनिया की आबादी 8 अरब का आकड़ा छू लेगी। इसमे ये भी कहा गया है कि अगले वर्ष भारत दुनिया का सबसे अधिक जनसख्या वाला देश बन जाएगा।
2080 का दशक जनसख्या वृद्धि का स्तर होगा सबसे अधिक
विशेषज्ञो का मानना है कि दुनिया की आबादी का सबसे अधिक स्तर वर्ष 2080 के दशक मे आ सकता है। उस वक्त दुनिया की आबादी करीब 10.40 अरब तक होगी। इसका ये स्तर वर्ष 2100 तक बरकरार रह सकता है। रिपोर्ट मे कहा गया है कि 1950 के दशक के बाद यह पहली बार है, जब जनसख्या अपनी सबसे कम रफ्तार से बढ़ रही है। वर्ष 2020 मे यह दर घटकर एक फीसदी से भी कम रह गई।
प्रजनन दर मे आई कमी
रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के कई देशो मे प्रजनन दर हाल के देशो मे काफी कम रही है। विश्व की दो-तिहाई आबादी उन देशो या क्षेत्रो मे रहती है जहा जीवनकाल प्रजनन क्षमता प्रति महिला 2.1 जन्म से भी कम है। निम्न मृत्यु दर वाले देशो मे यह स्तर लान्ग टर्म मे जीरो के आसपास ही है। वही 61 देशो या क्षेत्रो मे, अगले तीन दशको के दौरान आबादी के कम से कम एक फीसद कम होने की भी उम्मीद इस रिपोर्ट मे जताई गई है।
वैश्विक महामारी का भी असर
रिपोर्ट की माने तो कोरोना महामारी का असर भी जनसख्या की आबादी पर दिखाई दिया है। कुछ देशो मे इसकी वजह से छोटे समय के लिए ही सही लेकिन प्रेगनेसी और बर्थ रेट मे गिरावट दर्ज की गई है। जन्म के समय वैश्विक स्तर पर जीवन प्रत्याशा वर्ष 2021 मे घटकर 71 वर्ष हो गई है, जबकि 2019 मे यह 72.9 थी।
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