बैकुण्ठपुर@तत्कालीन पुलिस अधीक्षक के जाने के बाद तथाकथित वायरल चैट नए ग्रूप में नए नंबर से फिर हुआ वायरल

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  • क्या पुलिस पता कर पाएगी वायरल चैट की वास्तविकता को।
  • लोगों का अनुमान है कि चैट सही है,इसी वजह से बार-बार वायरल हो रहा है ताकि जाँच हो।
  • क्या इस बार नए पुलिस अधीक्षक के आगमन पर यह चैट जाँच के दृष्टिकोण से वायरल हुआ है?
  • क्या पुलिस एडमिन से पूछेगी आखिर चैट वायरल करने वाला सदस्य कौन है?
  • पुलिस जिस वायरल चैट की जांच से बचना चाह रही है वह चैट लगातार उन को चुनौती देता क्यों दिख रहा है?
  • एक बार फिर वायरल चैट वीआईपी कोरिया मीडिया ब्रेकिंग में वायरल हुआ।
  • वाट्सएप समूह में कलेक्टर सहित स्टेनो व पटना थाना प्रभारी भी हैं सदस्य के तौर पर मौजूद।
  • चैट वायरल करने के बाद एडमिन ने खुद को ग्रूप से किया लेफ्ट ग्रूप हुआ बंद क्यों?
  • नव पदस्थ पुलिस अधीक्षक से होगी इस चैट की वास्तविकता से पर्दा उठाने की उम्मीद।
  • क्या पुलिस के लिए चैट वायरल करने वाला चुनौती नहीं पत्रकार ही बन गया था चुनौती?
  • 5 महीना बाद एक बार फिर वायरल चैट का मुद्दा हुआ ताजा अब क्या करेगी पुलिस?


-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 12 जुलाई 2022(घटती-घटना)। एक बार फिर पुलिसकर्मियों की आपसी बातचीत का वही वायरल चैट फिर से नए नंबर से नए ग्रूप में वायरल हो गया, वह भी तत्कालीन पुलिस अधीक्षक प्रफुल्ल सिंह ठाकुर के स्थानांतरण के बाद व नव पदस्थ पुलिस अधीक्षक त्रिलोक बंसल के आगमन से पहले,यह वही चैट है जिस चैट का खबर प्रकाशन कर मामले की जांच की मांग की गई थी पर मामले की जांच की मांग करने वाले पत्रकार पर ही पूरा दोष पुलिस ने मढ़ दिया था, अब एक बार फिर इस चैट के वायरल होने पर फिर से इस चैट की जांच की मांग उठने लगी है, आखिर 5 महीने तक पुलिस इस चैट पर विवेचना करती रही पर अभी तक इस चैट के तहत तक नहीं पहुंच पाई है, आखिर यह कौन है जो पुलिसकर्मियों की चैट को बार-बार वायरल कर पुलिस को ही चुनौती दे रहा है? पुलिस उस चुनौती को ना मानकर पत्रकार को ही अपना चुनौती मान बैठी क्यों है? अब ऐसे में सवाल एक नहीं अनेक है कि आखिर चैट सही है या नहीं इससे पर्दा पुलिस उठा सकती है जो ना जाने क्यों नहीं उठा रही है? सिर्फ पुलिस अभी तक मौखिक ही इसे फर्जी मान बैठी है दस्तावेजों के साथ इसे फर्जी बताने में पुलिस भी अभी तक नाकाम रही है, पुलिस ने अभी तक यह नहीं बताया कि इस चैट को उन्होंने कहां पर जाँच कराया जहां से उन्हें फर्जी होने का प्रमाण मिला और आखिर प्रमाण मिला तो फिर कब इसका प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुलिस क्यों नहीं बताएगी कि यह चैट प्रमाणित हो चुकी है कि फर्जी है? ऐसा करने में पुलिस क्यों कतरा रही है यह भी एक बड़ा सवाल है पर पत्रकार पर एफआईआर करने पर पुलिस तनिक भी नहीं देर की थी, पत्रकार पर एफआईआर को लेकर पुलिस की किरकिरी भी जमकर हुई थी फिर भी पुलिस इस चैट की वास्तविकता से पर्दा नहीं उठा पाई है पर क्यों इसकी वजह पुलिस ही जाने?
क्या नए पुलिस अधीक्षक वायरल चैट की जांच कराएंगे
जिस वाट्सएप चैट पर खबर प्रकाशन को लेकर पत्रकार पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज किया था जिसमे एक समुदाय विशेष के अधिकारी सहित समाज विशेष को बुरा भला कहने का जिक्र था और जिस चैट को पुलिसकर्मियों के आपसी बातचीत का चैट भी बताया गया था वह फिर से वाट्सएप समूह में वायरल हुआ है। पूर्व पुलिस अधीक्षक ने तो मामले में जो भी जांच अधिकारी नियुक्त किये और जिन्हें भी जांच का जिम्मा दिया उन्होंने पत्रकार के विरुद्ध पूरे मामले को लेकर षड्यंत्र रचा और पत्रकार को फंसाने का ही प्रयास किया क्योंकि पत्रकार पुलिस के उन कर्मचारियों के दोषपूर्ण कार्यप्रणाली को लेकर खबरों का प्रकाशन करता था और इसी वजह से जांच का जिम्मा मिलने पर वह पत्रकार के ही पीछे पड़ गए, लेकिन अब जबकि नए पुलिस अधीक्षक की पदस्थापना जिले में हुई है और उनके आगमन से पहले ही फिर से चैट वायरल हुआ है ऐसे में अब देखना है कि क्या नव पदस्थ पुलिस अधीक्षक पूरे मामले की फिर से जांच कराकर असली दोषी तक पहुंच पाते हैं या वह चैट वायरल करने वाले तक पहुंचने का ही प्रयास करते हैं कि नहीं।
यदि चैट फर्जी है तो पुलिस को बदनाम करने वाले तक पुलिस कब पहुंचेगी
पूरे मामले में पुलिसकर्मियों के बीच की वार्तालाप है चैट में यह वाट्सएप चैट में साबित किया गया है। अब चैट को पुलिस फर्जी बताते चली आ रही है ऐसे में चैट वायरल करने वाले तक पुलिस पहुंच पाती है कि नहीं यह देखने वाली बात होगी या फिर पुलिस किसी पत्रकार के ही पीछे दौड़ लगाकर अपनी बहादुरी साबित करती नजर आएगी यह भी देखने वाली बात होगी।
यदि चैट फर्जी है तो बार-बार नए-नए नंबरों से क्यों हो रहा है वायरल
चैट पुनः नए नम्बर से वाट्सएप समूह में वायरल हुआ है, चैट वायरल करने वाले ने नए नम्बर का उपयोग किया है। पूरे मामले में दिलचस्प बात यह है कि चैट वायरल करने वाला सायबर का कितना बड़ा जानकार है जिस तक पुलिस नहीं पहुंच पा रही है जबकि वह नए नए मोबाइल नम्बरो का उपयोग कर चैट वायरल कर रहा है।
क्या वायरल चैट मामले में एडमिन से पूछताछ होगी क्या एडमिन से पूछा जाएगा कि यह सदस्य कौन है
पूरे मामले में चैट वायरल जिस वाट्सएप समूह में पुनः किया गया है क्या उसके एडमिन तक पुलिस पहुंचेगी और उससे चैट वायरल करने वाले के बारे में पूछताछ करेगी या कानून का दुरुपयोग कर पुनः किसी और को फंसाने षड्यंत्र कर खुद की असफलता को जाहिर करेगी।
चैट वायरल होने के बाद एडमिन ने इस ग्रूप को बंद कर दिया है पर क्या बंद करने से समस्या का समाधान होगा
चैट वायरल कर वाट्सएप समूह को फिर से बंद कर दिया गया है। अब कोरिया पुलिस के लिए चैट वायरल करने वाला चुनौती बना हुआ है क्योंकि जिले का सायबर सेल भी विभाग का मौन है क्योंकि वह चैट वायरल करने वाले सहित ग्रुप एडमिन तक नहीं पहुंच पा रहा है। आखिर चैट वायरल करने वाला यह क्यों मान रहा है कि यह चैट वायरल होने से समस्या का समाधान होगा यह समझ से परे है ।
पुलिस की पिछली जांच कार्यवाही कानून व्यवस्था पर अविश्वास कायम करने वाली हुई थी साबित
कोरिया जिले की पुलिस खासकर कुछ पुलिसकर्मियों के द्धारा वायरल चैट को लेकर जिस प्रकार की जांच एवम कार्यवाही पिछली बार की गई थी वह किसी आम व्यक्ति के कानून व्यवस्था पर विश्वास को कम करने वाली जांच कार्यवाही जैसी थी। एक खबर प्रकाशित करने वाले पत्रकार पर केवल इसलिए पुलिस ने गंभीर धाराओं के तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया था और उसे मानसिक रूप से प्रताçड़त करने का कोई अवसर नहीं छोड़ा था क्योंकि उस पत्रकार द्वारा निष्पक्ष पत्रकारिता की जा रही थी और वह पुलिस विभाग के कुछ पुलिसकर्मियों के दोषपूर्ण कार्यप्रणाली को लेकर खबर प्रकाशित करता था। पुलिस वायरल चैट और उसकी जांच करने की बजाए पत्रकार को फंसाने में अपनी पूरी ऊर्जा के साथ काम कर रही थी इसलिए भी वह चैट वायरल करने वाले तक नहीं पहुंच सकी बशर्ते वह एक आम व्यक्ति का कानून व्यवस्था पर से विश्वास कम करने का काम जरूर कर गई।


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