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नई दिल्ली@कृषि कानून वापस हुआ पर नही मिली एमएसपी की गारटी,फिर आदोलन के मूड मे किसान सगठन

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नई दिल्ली, 12 जुलाई 2022। किसानो के हित मे केद्र सरकार की ओर से तीन कृषि कानून लाए गए थे। लेकिन केद्र सरकार के इस तीन कानून के खिलाफ विभिन्न किसान सगठनो ने जमकर विरोध-प्रदर्शन किया जो लगातार लगभग 8 महीने तक जारी रहा। धरना-प्रदर्शन के दौरान कई अप्रिय घटनाए भी हुई जिसमे कई किसानो की मौत हो गई। इस बीच किसान सगठन और केद्र सरकार के बीच कई बैठके भी हुई। किसान सगठन एमएसपी की माग पर अड़े रहे। काफी जद्दोजहद के बाद किसान सगठन और सरकार के बीच एमएसपी को लेकर सहमति बनी और किसानो की माग पर केद्र सरकार ने तीन नए कृषि कानून को वापस लेने के फैसले के साथ किसानो का धरना-प्रदर्शन समाप्त हो गया। युक्त किसान मोर्चा ने केद्र सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया है।
जिसमे लखीमपुर खीरी हिसा मामले मे सरकार की कथित निष्कि्रयता और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारटी आदि मुद्दो को लेकर हमला बोला। इस सबध मे सयुक्त किसान मोर्चा की एक बैठक आज होने जा रही है। विभिन्न किसान समूहो के सगठन सयुक्त किसान मोर्चा की बैठक मे 60 से अधिक कृषि निकाय भाग लेगे।
किसान नेता और सयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य अभिमन्यु कोहर ने कहा कि पूरे भारत के कृषि सगठन बैठक मे भाग लेगे। पिछले हफ्ते, एसकेएम ने किसानो से लिखित मे किए गए वादो से मुकर जाने” पर निराशा व्यक्त करते हुए अपने आदोलन के अगले चरण की घोषणा की। 9 दिसबर को तीनो कानूनो को वापस लिए जाने की घोषणा के बाद किसानो ने आदोलन समाप्त कर दिया था।
यह आदोलन करीब एक साल तक चला था। मगलवार की बैठक मे जिन मुद्दो पर चर्चा होनी है, उनके बारे मे पूछे जाने पर कोहर ने कहा कि किसानो के हितो से जुड़े सभी मुद्दो पर विचार किया जाएगा। उन्होने कहा ‘‘हम न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानूनी गारटी के साथ-साथ एसकेएम को गैर-राजनीतिक बनाए रखने के लिए नियमो और विनियमनो पर चर्चा करेगे। कृषि पर विश्व व्यापार सगठन के 2021 के फैसले पर भी चर्चा की जाएगी। यह एक गलत निर्णय है और भारत के किसानो को सीधे प्रभावित करता है।
विश्व व्यापार सगठन की एक समिति ने 14 दिसबर, 2021 को भारत से, रिपोर्ट को स्वीकार करने के 120 दिनो के भीतर उत्पादन सहायता, बफर स्टॉक और विपणन और परिवहन योजनाओ के तहत कथित रूप से प्रतिबधित राजसहायता वापस लेने की सिफारिश की है। कोहर ने कहा,‘‘हम लखीमपुर खीरी हिसा मामले पर भी चर्चा करेगे। असली अपराधी के खिलाफ कोई कार्रवाई नही की गई है, लेकिन किसानो को गिरफ्तार किया गया है।
लखीमपुर खीरी मे पिछले साल तीन अक्टूबर को किसान उार प्रदेश के उपमुख्यमत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध कर रहे थे। और उस दौरान हुई हिसा मे चार किसानो सहित आठ लोग मारे गए थे। सरकार के ‘विश्वासघात’ के विरोध मे, एसकेएम 18 जुलाई से 31 जुलाई तक देश भर मे विश्वासघात सम्मेलन’ आयोजित करेगा।
ससद का मानसून सत्र भी 18 जुलाई से शुरू हो कर 31 जुलाई तक चलेगा। एसकेएम के मुताबिक, भारत की आजादी की 75वी वर्षगाठ के मौके पर लखीमपुर खीरी मे 18 अगस्त से 20 अगस्त तक केद्रीय गृह राज्य मत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने की माग को लेकर 75 घटे का सामूहिक धरना दिया जाएगा। लखीमपुर खीरी हिसा मामले मे अजय मिश्रा के पुत्र आशीष आरोपी है।


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