पाकिस्तान: पंजाब प्रांत के उप चुनावों को इमरान ने बनाया सत्ता में अपनी वापसी का संग्राम

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वर्ल्ड डेस्क, इस्लामाबाद 12 जुलाई 2022 पंजाब में उप चुनाव के लिए मतदान 17 जुलाई को होगा। इमरान खान ने इन उप चुनावों को देश की असली आजादी की लड़ाई के रूप में पेश किया है। समझा जाता है कि इन उप चुनावों के नतीजे पाकिस्तान के सबसे बड़े प्रांत की सरकार का भविष्य तय होगा…पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने पंजाब प्रांत में हो रहे उप चुनावों में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इमरान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) इन उप चुनावों को देश की सत्ता में अपनी वापसी के मौके के रूप में देख रहे हैं। सोमवार को इमरान खान ने पंजाब को अपनी ताकत दिखाने का स्थल बनाया। प्रांत के लोधरान में उन्होंने एक विशाल जन सभा को संबोधित किया। अपने जाने-पहचाने अंदाज में वहां उन्होंने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार और उनकी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज पर कड़ा हमला बोला। साथ ही उन्होंने पाकिस्तान के निर्वचन आयोग को भी निशाने पर लिया और उस पर सत्ताधारी पार्टी के इशारे पर काम करने इल्जाम लगाया।

पंजाब में उप चुनाव के लिए मतदान 17 जुलाई को होगा। इमरान खान ने इन उप चुनावों को देश की असली आजादी की लड़ाई के रूप में पेश किया है। समझा जाता है कि इन उप चुनावों के नतीजे पाकिस्तान के सबसे बड़े प्रांत की सरकार का भविष्य तय होगा। पाकिस्तान में यह माना जाता है कि देश की सत्ता का रास्ता पंजाब प्रांत ही होकर जाता है।  

पीएमएल-नवाज को झटका देने की तैयारी

विश्लेषक उमर जमाल ने एक टिप्पणी में लिखा है कि 17 जुलाई को अगर पीटीआई को भारी जीत मिली, तो उससे पंजाब में उसकी सरकार बनने का रास्ता तैयार हो जाएगा। ऐसा होना पीएमएल-नवाज के लिए तगड़ा झटका होगा, क्योंकि पंजाब प्रांत को इस पार्टी का गढ़ माना जाता है। जिन सीटों पर उप चुनाव हो रहा है, उनमें से ज्यादातर को पीएमएल-नवाज का गढ़ समझा जाता रहा है। इसीलिए कुछ विश्लेषकों ने कहा है कि 17 जुलाई को असल में पूरे पाकिस्तान का सियासी भविष्य तय होगा। अगर पीटीआई जीती, तो देश में समय से पहले आम चुनाव की सूरत मजबूत हो जाएगी। लेकिन अगर वह नहीं जीत सकी, तो उसका पर कुतरने के लिए एस्टैबलिशमेंट (सेना और खुफिया नेतृत्व) का मनोबल बढ़ जाएगा। पीटीआई के लगातार हमलों के कारण एस्टैबलिशमेंट इस पार्टी से नाराज बताया जाता है। आम राय है कि पाकिस्तान की राजनीति के सूत्र ऐस्टैबलिशमेंट के हाथ में ही रहते हैं। पंजाब प्रांत की असेंबली में बहुमत के लिए 186 सीटों की जरूरत होती है। पीएमएल-नवाज और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) इन उप चुनावों को एक गठबंधन के रूप में लड़ रही हैं। अगर वे 20 में से नौ सीटें जीतने में कामयाब रहीं, तो सदन में उनका बहुमत बना रहेगा। उधर पीटीआई को बहुमत हासिल करने के लिए कम से कम 13 सीटें जीतनी होंगी।

पहले थी पीटीआई की सरकार

बीते मार्च तक पंजाब में पीटीआई की सरकार थी। लेकिन जब पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखा गया, तो प्रांत के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार ने इस्तीफा दे दिया। सदन में पीटीआई के 20 सदस्यों ने पाला बदल लिया। इस कारण पीएमएल-नवाज के नेता हमजा शहबाज नए मुख्यमंत्री बने। बाद में पीटीआई की अर्जी पर निर्वाचन आयोग ने पाला बदलने वाले उसके सदस्यों की सदस्यता खारिज कर दी। उन्हीं 20 सीटों के लिए उप चुनाव कराए जा रहे हैं। इमरान खान ने इन उप चुनावों को दल-बदलुओं के खिलाफ अभियान का रूप भी दे दिया है। पाकिस्तानी मीडिया में छप रही रिपोर्टों के मुताबिक पीटीआई को चुनाव क्षेत्रों में भारी जन समर्थन मिल रहा है।


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