वर्ल्ड न्यूज डेस्क हांग कांग 12 जुलाई 2022। चीन की दुनिया भर में लोकप्रियता कम हो रही है। एक अमेरिकी शोध कंपनी द्वारा जारी आंकड़ों में इसका खुलासा हुआ है। अमेरिकी शोध कपंनी प्यू रिसर्च सेंटर ने जून के अंत में अपनी रिपोर्ट पेश की है। इस कंपनी ने अपने सर्वेक्षण के लिए 19 देशों के लोगों से उनकी राय ली थी। चीन की दुनिया भर में लोकप्रियता कम हो रही है। एक अमेरिकी शोध कंपनी द्वारा जारी आंकड़ों में इसका खुलासा हुआ है। अमेरिकी शोध कपंनी प्यू रिसर्च सेंटर ने जून के अंत में अपनी रिपोर्ट पेश की है। इस कंपनी ने अपने शोध में 19 देशों के लोगों से उनकी राय ली। प्यू रिसर्च सेंटर द्वारा किए गए सर्वेक्षण में सामने आया कि लोग, संयुक्त राज्य अमेरिका और राष्ट्रपति जो बाइडन को चीन और उसके राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तुलना में अधिक प्रभावशाली रूप से देखते हैं। हालांकि विश्व में चीन अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश लगातार जारी रखे हुए है।
हालांकि इसमें यह भी कहा गया कि जब दुनिया में प्रत्येक देश के सापेक्ष प्रभाव की धारणाओं की बात आती है, तो अधिकांश देशों में बहुत बड़े हिस्से में चीन के प्रभाव को अमेरिका के समान कहा जाता है। रिपोर्ट में बताया गया कि सर्वेक्षण के दौरान ऑस्ट्रेलिया में 14 प्रतिशत उत्तरदाताओं का चीन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण था, जबकि 54 प्रतिशत ने संयुक्त राज्य अमेरिका को सकारात्मक दृष्टि से देखा। वहीं, जापान में केवल 12 प्रतिशत लोगों ने चीन के प्रति सकारात्मक रुख दिखाया, जबकि 70 प्रतिशत लोगों ने संयुक्त राज्य अमेरिका के बारे में सकाराक्मक रुख अपनाया। इसी तरह दक्षिण कोरिया में 19 प्रतिशत ने चीन की सराहना की, लेकिन 89 प्रतिशत ने संयुक्त राज्य अमेरिका को बेहतर बताया।
हालाँकि, दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में चीन का प्रभाव अमेरिका की तुलना में ज्यादा था। यहां सिंगापुर में 67 प्रतिशत लोगों ने चीन को बेहतर बताया जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए यह केवल 51 प्रतिशत था। मलेशिया भी ऐसा ही था, जिसमें केवल 44 प्रतिशत लोग संयुक्त राज्य अमेरिका को पसंद करते थे और 60 प्रतिशत चीन-समर्थक थे। इसके अलावा सर्वेक्षण में शामिल 19 देशों में 66 प्रतिशत लोगों के एक औसत ने कहा कि विश्व मंच पर चीनी प्रभाव मजबूत हो रहा है, जबकि केवल 32 प्रतिशत ने संयुक्त राज्य अमेरिका के बारे में ऐसा कहा है। इन सबमें दिलचस्पी की बात यह है कि 30 साल से कम आयु के लोग 50 साल से ज्यादा आयु वर्ग के लोगों की तुलना में चीन के प्रति अधिक अनुकूल विचार रखते हैं।
प्यू रिसर्च सेंटर के सर्वेक्षणों में पाया गया कि कोरोना महामारी को फैलाने के लिए चीन की जिम्मेदारी से इनकार कराना भी वैश्विक रूप से उसके प्रति भावना में बदलाव का एक कारण था। शी जिनपिंग को चीन में एक देवता की तरह माना जाता है और देश भर में समाचारों के पहले पन्ने पर उन्हें सराहना की जाती है, लेकिन विदेशों में शी की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है। प्यू रिसर्च सेंटर के सर्वेक्षणों द्वारा 2020 के आखिर से जुटाए गए आंकड़ों में पाया गया कि 14 देशों में, 78 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय मामलों में सही काम करने के लिए शी पर कोई भरोसा नहीं था। इसके अलावा हर देश में दस लोगों में से कम से कम सात ने कहा कि वे शीं जिनपिंग पर पर विश्वास नहीं करते।