नयी दिल्ली@आरोपियो की रिहाई को सरल बनाने जमानत अधिनियम पेश करने पर विचार करे केद्र:सुप्रीमकोर्ट

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कहा-जाच एजेसिया और उनके अधिकारी सीआरपीसी की धारा 41-ए का पालन करने के लिए बाध्य
सभी हाईकोर्टे उन विचाराधीन कैदियो का पता लगाये, जो जमानत की शर्तो को पूरा करने मे समर्थ नही
नयी दिल्ली,11 जुलाई 2022 । सुप्रीमकोर्ट ने सोमवार को केद्र सरकार को आपराधिक मामलो मे आरोपियो की रिहाई को सरल बनाने के लिए उन्हे जमानत देने के वास्ते एक नया कानून बनाने पर विचार करने का निर्देश दिया। जस्टिस एसके कौल और जस्टिस एम एम सुदरेश की पीठ ने कई दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा कि जाच एजेसिया और उनके अधिकारी सीआरपीसी की धारा 41-ए (आरोपी को पुलिस अधिकारी के समक्ष पेश होने का नोटिस जारी करना) का पालन करने के लिए बाध्य है। शीर्ष अदालत ने सभी हाईकोर्टो से उन विचाराधीन कैदियो का पता लगाने को भी कहा, जो जमानत की शर्तो को पूरा करने मे समर्थ नही है। न्यायालय ने ऐसे कैदियो की रिहाई मे मदद के लिए उचित कदम उठाने का भी निर्देश दिया। सर्वोच्च अदालत ने सभी उच्च न्यायालयो और राज्यो व केद्र-शासित प्रदेशो की सरकारो से 4 महीने मे इस सबध मे स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। न्यायालय ने सीबीआई द्वारा एक व्यक्ति की गिरफ्तारी से जुड़े मामले मे फैसला सुनाए जाने के दौरान ये दिशा-निर्देश जारी किए। फैसले का योरा फिलहाल उपलध नही कराया गया है।


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