- एक तरफ नगर पंचायत के लिए राजनीतिक एवम व्यव्सायी वर्ग उत्साहित।
- वहीं दूसरी तरफ ग्रामीण एवम सर्व आदिवासी समाज नगर पंचायत के विरोध में।
- नगर पंचायत बनाया जाए या न बनाया जाए होगी ग्राम पंचायत में ग्राम सभा।
- ज्यादा से ज्यादा लोग जुट सकें,मुनादी कराने की उठ रही मांग।
- ग्राम सभा मे क्या नगर पंचायत बनाये जाने की मांग को मिलेगा समर्थन।
- पटना को ग्राम पंचायत रहने दिए जाने को कितना मिलेगा समर्थन यह भी ग्राम सभा से होगा साफ।
- पटना की ग्राम सभा होगी काफी खास,पटना नगर पंचायत बनने की सहमति मिलेगी या फिर चार पंचायत बनने की होगी सहमति?

- रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 11 जुलाई 2022(घटती-घटना)। बैकुंठपुर विधानसभा के भेंट मुलाकात कार्यक्रम में ग्राम पंचायत पटना पहुंचे प्रदेश के मुख्यमंत्री ने ग्राम पंचायत पटना को नगर पंचायत बनाये जाने की घोषणा की वहीं घोषणा के तत्काल बाद जहां एक तरफ पटाखे फोड़कर कुछ लोगों खासकर राजनीतिक एवम व्यव्सायी वर्ग को उत्साह मानते देखा गया वहीं घोषणा दिवस ही सर्व आदिवासी समाज की तरफ से साथ ही पटना ग्राम में निवासरत कुछ ग्रामीणों की तरफ से पटना को ग्राम पंचायत ही रहने दिए जाने को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंप दिया गया, जिसको लेकर अब एक नई चर्चा पटना में जारी हो गई है और वह यह है कि क्या पटना को नगरपंचायत का दर्जा मिल सकेगा या फिर पटना ग्राम पंचायत ही रहेगा वहीं यदि ग्राम पंचायत रहेगा तो कई पंचायतो में आबादी के हिसाब से विभक्त होगा कि पहले की ही तरह एक ही पंचायत बना रहेगा। वैसे जिन ग्रामीणों ने सर्व आदिवासी समाज के साथ मिलकर मुख्यमंत्री को पटना को नगर पंचायत नहीं बनाए जाने का ज्ञापन सौंपा उनके अनुसार पटना की 75 प्रतिशत आबादी ग्रामीण आबादी है और उसमें भी मजदूरी सहित अन्य कई छोटे रोजगार से जुड़े लोगों की संख्या शामिल है जिनपर नगर पंचायत बनने उपरांत कर का बोझ पड़ेगा जो वह नहीं झेल सकेंगे, इसलिए पटना को नगर पंचायत बनाये जाने से ग्रामीणों को कोई फायदा नहीं है ऐसा उनका मानना है।
नगर पंचायत की घोषणा के बाद पटना के निवासी दो मतों में विभक्त हुए
ग्राम पंचायत पटना को नगर पंचायत बनाये जाने की घोषणा के बाद ही ग्राम के लोगों को दो मतों में विभक्त देखा जा रहा है, एक तरफ व्यव्सायी वर्ग और राजनीतिक वर्ग सामने है जो नगर पंचायत बनाये जाने को लेकर अपना मत रखता है वहीं दूसरी तरफ ग्रामीण वर्ग है जो इसे ग्राम पंचायत ही रहने देने की मांग उठा रहा है।
क्या कई पंचायतो में बंटेगा ग्राम पंचायत पटना
ग्राम पंचायत पटना को उसकी आबादी की वजह से नगर पंचायत बनाया जाय यह मांग उठती रही है,क्योंकि आबादी के हिसाब से यहां सुविधाओं का विस्तार सही ढंग से नहीं हो पा रहा है ऐसा ग्राम पंचायत के राजनीतिक एवम व्यव्सायी वर्ग का कहना है। यदि आबादी के हिसाब से ही ग्राम पंचायत को नगर पंचायत बनाये जाने की बात उठी है और ग्राम के कुछ लोग नहीं चाहते कि यह नगर पंचायत बने तो क्या ऐसे में ग्राम पंचायत कई पंचायतो में विभक्त होगा यह सवाल उठ खड़ा हुआ है।
ग्राम पंचायत रहने देने ग्रामीणों का अपना है तर्क
जो लोग पटना को ग्राम पंचायत ही रहने देने की मांग का समर्थन कर रहें हैं उनका कहना है कि ग्राम पंचायत में सुविधाओं की कहीं कोई कमी नहीं है, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र,सड़क, बिजली, पानी, नाली सहित सभी आवश्यक सुविधाएं ग्राम पंचायत से ही उपलब्ध हो जा रहीं हैं वहीं चूंकि ग्राम पंचायत की 75 प्रतिशत आबादी ग्रामीण आबादी है और कृषि पर आधारित आबादी है ऐसे में शासन की कई योजनाओं से उनको लाभ मिलना बंद हो जाएगा जिसमें, भूमि समतलीकरण, डबरी निर्माण सहित अन्य बहोत सारी शासन की योजनाएं शामिल हैं।
ग्राम पंचायत को नगर पंचायत बनाया जाए या नहीं हो सकती है ग्राम सभा
ग्राम पंचायत पटना को नगर पंचायत बनाया जाए या नहीं इसको लेकर ग्राम सभा के आयोजन की भी चर्चा है। ग्राम सभा मे सभी का मत जानकर ही प्रस्ताव को समर्थन दिया जाएगा ऐसी भी चर्चा जारी है। अब ग्राम सभा मे कितना समर्थन नगर पंचायत को मिलता है कितना ग्राम पंचायत को यह ग्राम सभा मे ही तय होगा यह यदि ग्रामसभा हुई तब ही पता चल सकेगा।
ग्राम सभा हेतु मुनादी की हो रही मांग
ग्राम पंचायत पटना को नगर पंचायत बनाया जाए या नहीं इसको लेकर जहां ग्रामसभा के आयोजन को लेकर चर्चा जारी है वहीं यदि ग्राम सभा अयोजित हो तो उसकी मुनादी कराई जाए यह भी मांग उठ रही है। ग्रामवासियों की मांग है कि मुनादी कराई जाए और अधिक से अधिक लोग ग्राम सभा मे शामिल होकर अपना अपना मत प्रकट कर सकें जिससे यह तय हो सके कि कितने लोग ग्राम पंचायत के पक्ष में हैं और कितने लोग नगर पंचायत के पक्ष में।