अम्बिकापुर11 जुलाई 2022(घटती-घटना)। भाजपा पार्षद आलोक दुबे ने कलेक्टर को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि शहर के 48 वार्ड में पुनर्वास शासकीय भूमि, नजूल शासकीय भूमि, राजस्व शासकीय भूमि पर बहुत तेजी से भू-माफियों द्वारा तेजी से कब्जा किया जा रहा है। इस कार्य में नगर निगम उडऩदस्ता, पटवारी राजस्व निरीक्षक के मिलिभगत से हो रही है। यह जमीन बहुत बेशकीमती एवं करोड़ों रुपय की है। नगर निगम के राजस्व उडऩदस्ता शहर में पदस्थ पटवारी, राजस्व निरीक्षक के मिलिभगत से शासकीय योजनाओं हेतु जिसमें आंगनबाड़ी, स्कूल, सामुदायिक भवन जो निगम क्षेत्र में बने है। उसके लिये भविष्य में शासकीय जमीन अतिक्रमण की रफ्तार को देखते हुए शेष नहीं बचेंगें।
बंग्लादेशी शरणार्थियों को बसाने के लिये निगम क्षेत्र में सुभाषनगर भगवानपुर क्षेत्र में करीब 200 एकड़ पुनर्वास की शासकीय जमीन खाली पड़ी हुई है। इस पर भूमाफियों द्वारा बहुत तेजी से कब्जा कर कब्जे को स्टॉम्प में लिखा पढ़ी कर खरीदी बिक्री की जा रही है। इसी प्रकार शहर के पचपेड़ी मठपारा एवं गंगापुर जो पूर्व में ग्राम पंचायत के हिस्सा थे। वर्ष 2019 के निगम चुनाव में परीसिमन में शहरी क्षेत्र में आ गये हैं। इसमें सैंकड़ों एकड़ शासकीय भूमि शासन की खाली बची हुई है। इस पर भूमाफियों की नजर लगी हुई है।
उन्होंने कलेक्टर को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि अम्बिकापुर निगम क्षेत्र में राजस्व अधिकारियों की जिसमें एसडीएम तहसीलदार नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक एवं शहरी क्षेत्र के हल्का पटवारी की बैठक बुलाकर पूरी शासकीय भूमि का सीमांकन करवाकर नगर निगम के आधिपत्य में इस जमीन को दिया जाए। कलेक्टर द्वारा नगर निगम आयुक्त को यह निर्देश हो कि पूरी शासकीय जमीन का फेसिंग पोल लगवाकर अपनी आधिपत्य में लिया जाये और इन जमीनों पर एक सूचना बोर्ड भी लगा दिया जाये इसी स्थिति में अम्बिकापुर शहरी क्षेत्र में यह शासकीय जमीन बच जाएगी।
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