अम्बिकापुर,09 जुलाई 2022(घटती-घटना)। परंपरा अनुसार नौ दिनों तक मौसी के घर रहने के बाद महाप्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा की घर वापसी हो गई। शनिवार को श्रद्धालु बाजे-गाजे व भजन-कीर्तन के साथ महाप्रभु को रथ में लेकर उनके घर पहुंचे। रास्ते में जगह-जगह श्रद्धालुओं ने महाप्रभु सहित बलभद्र व सुभद्रा का स्वागत किया। वापसी के समय भी रथ को खींचने लोगों में खासा उत्साह रहा। देर शाम को केदारपुर स्थित जगन्नाथ मंदिर पहुंचकर यात्रा सम्पन्न हुई। केदारपुर स्थित जगन्नाथ मंदिर से नौ दिन पहले महाप्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा के साथ मौसी के घर पहुंचे थे। उत्कल समाज द्वारा देवीगंज रोड स्थित दुर्गा बाड़ी में परम्परागत तरीके से मौसी का घर बनाया गया था। वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच श्रद्धालुओं द्वारा महाप्रभु सहित बलभद्र व सुभद्रा की पूजा अर्चना की जा रही थी। नौ दिनों बाद परम्परागत ढंग से महाप्रभु की वापसी हुई। मौसी के घर सुबह महाप्रभु की विशेष पूजा-अर्चना हुई। शाम को भगवान की प्रतिमा को फूलों से सजे रथ पर स्थापित कर रथयात्रा निकाली गई।
जगह-जगह हुआ रथयात्रा का स्वागत
घर वापसी के दौरान भी महाप्रभु के रथ को खींचने श्रद्धालुओं में खासा उत्साह रहा। युवा, महिलाएं, बच्चे व बुजुर्ग मौसी के घर से रथ को खींचकर केदारपुर स्थित मंदिर तक ले गए। इस दौरान जगह-जगह रथयात्रा का श्रद्धालुओं द्वारा स्वागत किया गया। भजन-कीर्तन व ढ़ोल, नगाड़े की गूंज से वातावरण भक्तिमय बना रहा।
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