जानना जरूरी: हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट को एक ही समझने की न करें गलती, जानिए इनमें क्या अंतर है?

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हेल्थ डेस्क दिल्ली 08 जुलाई 2022 तमिल सुपरस्टार चियान विक्रम को हार्ट अटैक आने की खबरें शुक्रवार को पूरे दिन छाई रहीं। कुछ मीडिया रिपोर्टस में दावा किया जाता रहा कि विक्रम को हार्ट अटैक के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जबकि कुछ में कहा जा रहा था कि उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ था। हालांकि इस बारे में शाम 5 बजे अस्पताल की तरफ से जारी बयान में स्पष्ट किया गया कि उन्हें कार्डियक अरेस्ट नहीं हुआ है, बल्कि चेस्ट डिस्कंफर्ट के कारण भर्ती कराया गया। फिलहाल उनकी हालत स्थिर है और जल्द ही उन्हें छुट्टी दे दी जाएगी। 
दुनियाभर में तेजी से बढ़ते हृदय रोगों के खतरे के बीच अब भी ज्यादातर लोगों को इसकी अलग-अलग स्थितियों के बारे में सही जानकारी नहीं है। क्या आप भी हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट को एक ही मानते आ रहे हैं? आइए समझते हैं कि आखिर ये दोनों स्थितियां कैसे अलग हैं? कैसे पता किया जाए कि किसी को हार्ट अटैक हुआ है या कार्डियक अरेस्ट? इन में से कौन सा सबसे घातक माना जाता है?

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की रिपोर्ट से पता चलता है कि हार्ट अटैक, कोरोनरी धमनियों के अवरुद्ध हो जाने के कारण होने वाली समस्या है। यदि इस स्थिति को अनुपचारित छोड़ दिया जाए तो हृदय तक रक्त का प्रवाह रुक जाता और पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है। यह स्थिति जानलेवा हो सकती है। वहीं कार्डियक अरेस्ट तब होता है जब व्यक्ति का हृदय रक्त को पंप करना ही बंद कर देता है। इस स्थिति में रोगी सामान्य रूप से सांस नहीं ले पाता है। यह दोनों ही स्थितियां जानलेवा मानी जाती हैं। 

हार्ट अटैक के बारे में जानिए

धमनियों में रुकावट के कारण, हृदय में रक्त के प्रवाह में आने वाली दिक्कत के कारण हार्ट अटैक या मायोकार्डिया इनफेक्शन की समस्या होती है। धमनियों में वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों के निर्माण के कारण यह रुकावट हो सकती है। हार्ट अटैक में सीने में दर्द, दबाव-जकड़न जैसा महसूस हो सकता है। दर्द कुछ स्थितियों में कंधे, हाथ, पीठ, गर्दन, जबड़े तक फैल जाता है। हाई ब्लड प्रेशर

कार्डियक अरेस्ट क्या होता है?

वहीं कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में दिल अचानक से धड़कना बंद कर देता है। इस स्थिति में मस्तिष्क और अन्य अंगों में रक्त के प्रवाह में कमी आ जाती है जिसके कारण व्यक्ति बेहोश हो सकता है। कार्डियक अरेस्ट का सामान्य कारण हृदय गति में आने वाली अनियमितता को माना जाता है। हृदय की विद्युत प्रणाली ठीक से काम नहीं कर रही होती है, तब यह समस्या हो सकती है। इस स्थिति में सीने में दर्द, दिल की धड़कन में अनियमितता, सांस लेने में कठिनाई, बेहोशी या चक्कर आने जैसी समस्या हो सकती है।

जानना जरूरी

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कार्डियक अरेस्ट के ज्यादातर मामले हार्ट अटैक के कारण ही होते हैं। माना जाता है कि जिन लोगों को हार्ट अटैक होता है समय के साथ उनके हृदय गति में अनियमतता आ सकती है। दोनों ही स्थितियां गंभीर और जानलेवा मानी जाती है। समय पर ध्यान ने देने या इलाज न मिल पाने के कारण दोनों ही स्थितियों में जान जाने का खतरा रहता है, इसलिए अपने जोखिम कारकों को समझते हुए हृदय रोगों से बचाव करते रहना आवश्यक है।

 
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है। 

अस्वीकरण: घटती–घटना की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को घटती–घटना के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। घटती–घटना लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।


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